फॉक्सकॉन और महिला भर्तियों पर सवाल

हाल ही में, फॉक्सकॉन की भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक विवाद पैदा हुआ है। रिपोर्टों के अनुसार, कंपनी ने भारत में अपनी iPhone फैक्ट्री में विवाहित महिलाओं को नौकरियों के लिए खारिज कर दिया है। इस विवादित मुद्दे पर कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने स्पष्ट रूप से अपनी स्थिति जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि उनके भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया है।

रिपोर्ट के गंभीर आरोप

रिपोर्ट में कहा गया है कि भर्ती एजेंटों ने विवाहित महिलाओं को परिवार की जिम्मेदारियों, गर्भावस्था और अनुपस्थिति बढ़ने के कारण असेंबली-लाइन पदों से बाहर रखा। यह आरोप काफी गंभीर हैं और समाज में महिलाओं के प्रति उचित व्यवहार का सवाल उठाते हैं। हालांकि, फॉक्सकॉन ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि हाल ही में भर्ती की गई महिलाओं में लगभग एक चौथाई विवाहित हैं।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का निर्देश

इन आरोपों के बाद, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने फॉक्सकॉन की भर्ती प्रक्रिया की गहरी जांच की मांग की है। आयोग ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई है कि किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो और सभी को समान अवसर प्रदान किया जाए।

महिलाओं के समूह और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

महिलाओं के समूह, राजनीतिक दल और केंद्र सरकार ने भी इन आरोपों पर गंभीरता दिखाई है। उन्होंने इस मुद्दे पर विस्तृत जांच की मांग की है और यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

एप्पल और फॉक्सकॉन की प्रतिक्रिया

पिछले मामलों में एप्पल और फॉक्सकॉन ने भर्ती प्रक्रियाओं में हुई गलतियों को स्वीकार किया था, फिर भी तमिलनाडु के प्लांट में दर्ज किए गए भेदभावपूर्ण प्रथाओं को दोनों कंपनियों द्वारा ठीक नहीं किया गया था। इससे फॉक्सकॉन पर और सवाल खड़े हो गए हैं।

चीन में श्रम संबंधित चुनौतियाँ

फॉक्सकॉन को भारत के अलावा चीन में भी श्रम-संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। विशेष रूप से झेंग्झौ के iPhone प्लांट में, जहां वेतन में देरी और कोविड-19 संबंधी लॉकडाउन के कारण बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

फॉक्सकॉन की भर्ती प्रक्रिया पर लगे यह आरोप न केवल फॉक्सकॉन बल्कि पूरे उद्योग के लिए एक गंभीर मुद्दा है। इस मुद्दे की गहन जांच और आवश्यक सुधार न केवल कंपनियों की छवि को सुधारेंगे, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी कर्मचारियों को बराबरी का अवसर मिले और किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो।

टिप्पणि (7)

Chaitanya Sharma
  • Chaitanya Sharma
  • अगस्त 17, 2024 AT 21:17 अपराह्न

फॉक्सकॉन की भर्ती प्रक्रिया में विवाहित महिलाओं को लेकर उठाए गए आरोपों का गहराई से विश्लेषण करना आवश्यक है, सबसे पहले यह समझना चाहिए कि श्रम कानून के तहत समान अवसर का सिद्धांत स्पष्ट रूप से स्थापित है, यदि किसी भी कंपनी द्वारा वैवाहिक स्थिति के आधार पर उम्मीदवार को बाहर रखा जाता है तो यह न केवल कानूनी उल्लंघन है बल्कि सामाजिक न्याय के विरुद्ध भी है, इस संदर्भ में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने निकट भविष्य में विस्तृत जांच का आदेश दिया है, कंपनी को चाहिए कि वह अपनी भर्ती एजेंटों को स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करे जिससे वैवाहिक स्थिति कोई बाधा न बन सके, इसके अलावा, भर्ती प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर और मूल्यांकन मानकों को पारदर्शी बनाना जरूरी है, एक स्वतंत्र ऑडिट फर्म को नियुक्त करके सभी चयन प्रक्रियाओं की समीक्षा कराना एक प्रभावी कदम हो सकता है, इस तरह की कदम न केवल कंपनी की प्रतिष्ठा को बचाएंगे बल्कि कर्मचारियों के मन में विश्वास भी स्थापित करेंगे, यदि फॉक्सकॉन वास्तव में यह दावा करना चाहता है कि उसने किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया है, तो उसे वास्तविक डेटा और आँकड़े सार्वजनिक करने चाहिए, उदाहरण के तौर पर, भर्ती किए गए महिलाओं की कुल संख्या, उनकी वैवाहिक स्थिति, तथा उनके पदों के बारे में स्पष्ट गणना प्रस्तुत की जानी चाहिए, यह जानकारी सार्वजनिक करने से यह स्पष्ट रहेगा कि क्या वास्तव में एक चौथाई भर्ती महिलाएँ विवाहित हैं, जैसा कि कंपनी ने कहा था, साथ ही, यदि किसी को लगता है कि उनके साथ अनुचित व्यवहार हुआ है, तो एक सुरक्षित और गोपनीय शिकायत प्रणाली होना अनिवार्य है, इस प्रणाली में शिकायतकर्ताओं को बिना किसी डर के अपने मुद्दे उठाने का पूरा भरोसा होना चाहिए, निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से भर्ती टीम को लैंगिक समानता एवं विविधता के महत्व के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए, अंततः, यह सब कदम मिलकर एक स्वस्थ कार्यस्थल निर्माण में मदद करेंगे, जहाँ सभी को समान अवसर मिलेगा, इसलिए, सभी हितधारकों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए, न कि केवल आलोचना तक ही सीमित रहना चाहिए।

Riddhi Kalantre
  • Riddhi Kalantre
  • अगस्त 25, 2024 AT 23:43 अपराह्न

भारत की गर्वीली युवा शक्ति को विदेशी कंपनियों के ऐसे भेदभावपूर्ण व्यवहार से बचाना हमारा कर्तव्य है। फॉक्सकॉन जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारतीय कर्मचारियों को समान अवसर देना चाहिए, नहीं तो उन्हें अपने संचालन को भारत में जारी रखने का अधिकार नहीं मिलता। राष्ट्रीय भावना के तहत हम सभी को इस प्रकार के अनुचित प्रथाओं को रोकने के लिए दृढ़ता से खड़ा होना चाहिए। सरकार को भी इस पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और आवश्यक नियम लागू करने चाहिए।

Jyoti Kale
  • Jyoti Kale
  • सितंबर 3, 2024 AT 02:10 पूर्वाह्न

ऐसे बड़े निगम का अपना अत्यधिक अहंकार दिखाना वास्तव में निराशाजनक है। वे अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके भारतीय महिलाओं को हाशिए पर ले जा रहे हैं।

Ratna Az-Zahra
  • Ratna Az-Zahra
  • सितंबर 11, 2024 AT 04:37 पूर्वाह्न

भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी स्पष्ट है। यह मुद्दा केवल फॉक्सकॉन का नहीं, बल्कि सम्पूर्ण उद्योग का प्रतिबिंब है।

Nayana Borgohain
  • Nayana Borgohain
  • सितंबर 19, 2024 AT 07:03 पूर्वाह्न

ये खबर सुन कर मन दहल गया 😢

Abhishek Saini
  • Abhishek Saini
  • सितंबर 27, 2024 AT 09:30 पूर्वाह्न

भाईयो और बहनियो फॉक्सकॉन वला मामले में हम सबको एतबार करना चाहिए वैध अधिकारों के लिये। अगर कोई भी डिस्क्रिमिनेशन देखे तो तुरंत HR या ग्रुप को रेपोर्ट करो। मिलके हम इस समस्या का सॉल्यूशन निकाल सकते हैं। चिट्ठी में गलती हो तो माफ़ कर देना।

Parveen Chhawniwala
  • Parveen Chhawniwala
  • अक्तूबर 5, 2024 AT 11:57 पूर्वाह्न

वास्तव में, भारतीय श्रम कानून के तहत सेक्शन 354 (टाइपिंग) में यदि कोई कंपनी वैवाहिक स्थिति के आधार पर चयन में पक्षपात करती है तो उसे दंडित किया जा सकता है, इसलिए कंपनी को तुरंत अपनी नीतियों की समीक्षा करनी चाहिए। यह जानकारी सार्वजनिक करने से कई अनियमितताओं को रोका जा सकता है।

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