आर्थिक सर्वेक्षण, बजट 2024 LIVE: भारत की जीडीपी वृद्धि 6.5-7% पर पहुंची
22/07
10

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में पेश हुआ आर्थिक सर्वेक्षण

संसद का बजट सत्र 22 जुलाई 2024 को आरंभ हुआ। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के लिए भारत का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया है। आर्थिक सर्वेक्षण में देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति और आगामी वित्तीय वर्ष के लिए आवश्यक कदमों का विस्तृत विवेचन किया गया है।

इस बार का बजट सत्र विशेष है क्योंकि यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है। सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों और नई नीतियों की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2024-25 में 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है।

मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन का महत्वपूर्ण बयान

मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन का महत्वपूर्ण बयान

देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) अनंत नागेश्वरन ने भी इस मौके पर अपनी राय प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि भारत को प्रति वर्ष 80 लाख नौकरियां सृजित करने की आवश्यकता है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में रोजगार सृजन सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, और इसे हल करने के लिए ठोस नीतियों और योजनाओं की आवश्यकता है।

वित्तीय प्रदर्शन और नीति सुधार

बजट सत्र में पूर्व वित्तीय वर्ष के प्रदर्शन पर भी विस्तार से चर्चा की गई। वित्त मंत्री ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में निवेश शामिल है।

आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी बताया गया कि सरकार ने विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित किया है। इसके अलावा, स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए नए अवसर प्रदान किए गए हैं, जिससे युवा और एकल व्यवसायियों को फायदा मिलेगा।

जम्मू और कश्मीर के लिए अलग बजट

इस बार के बजट सत्र में जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का विशेष बजट भी प्रस्तुत किया जाएगा। यह विशेष बजट प्रदेश के विकास और शांति के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने की योजना बनाई है, जिससे क्षेत्र में रोजगार का सृजन, बुनियादी ढांचे का विकास और आर्थिक प्रगति हो सके।

आगामी बजट में इन योजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि पूरे क्षेत्र में विकासात्मक कार्य तेजी से हो सकें।

बजट नीति में आने वाले संभावित परिवर्तन

इस बार के बजट सत्र में कई नई नीतियों और योजनाओं की घोषणा होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार इस बजट में कर सुधार, कृषि नीतियों, रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान देगी।

इसके अलावा, देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए सहकारी संघवाद और डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के संबंध में भी नई नीतियों की घोषणा की जा सकती है।

हालांकि, आने वाले समय में बजट नीति में किए जाने वाले इन बदलावों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, सरकार को विभिन्न हितधारकों के साथ सलाह-मशविरा करना होगा।

बजट सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए गए राजकोषीय और नीतिगत सुधारों का समग्र प्रभाव देश की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा। आने वाले महीनों में इन नीतियों के अनुसरण से पूरे देश में विकास और समृद्धि को नई दिशा मिल सकेगी।

टिप्पणि (10)

PRAVIN PRAJAPAT
  • PRAVIN PRAJAPAT
  • जुलाई 22, 2024 AT 20:14 अपराह्न

बजट को लेकर सब ही उत्साहित हैं पर वास्तविकता कुछ और ही है यह आंकड़े तो बस दिखावे हैं।

shirish patel
  • shirish patel
  • जुलाई 28, 2024 AT 01:14 पूर्वाह्न

वाह! फिर से वही ‘अधिक वृद्धि’ की दावत, सबको सुनाने के लिए।

srinivasan selvaraj
  • srinivasan selvaraj
  • अगस्त 2, 2024 AT 06:14 पूर्वाह्न

आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े देखने के बाद मन में अटूट आश्चर्य उत्पन्न होता है।
जैसे ही वार्तालाप शुरू हुआ, सरकार ने क्रमिक रूप से 6.5‑7% की वृद्धि दर को एक ध्येय घोषित किया।
यह आंकड़ा सुनते ही कई लोगों के चेहरे पर आशा की किरन चमकती है, लेकिन वही समय में संदेह की फुंकार भी तेज़ हो जाती है।
वास्तव में, ऐसे प्रतिशत को प्राप्त करने के लिए पूर्ववर्ती वर्षों की निरंतर नीति‑निर्माण और निवेश की जरूरत होती है।
भले ही बजट में कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य पर निवेश के उल्लेख हों, उनके वास्तविक प्रभाव को मापना कठिन होता है।
कर्मचारियों को रोजगार देने की योजना भी बड़ी आकर्षक लगती है, परन्तु उसके कार्यान्वयन की जटिलता को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
एक ओर, डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की बात है, तो दूसरी ओर, बुनियादी बुनियादी ढाँचे में अभी भी कई खामियां मौजूद हैं।
मैं देखता हूँ कि नीति निर्माताओं ने कितनी मेहनत से इन आंकड़ों को तैयार किया है, परंतु जनता को वास्तविक लाभ पहुँचाने के लिये इस पर गहन समीक्षा आवश्यक है।
जैसे ही हम इन आंकड़ों को गहराई से पढ़ते हैं, हमें पता चलता है कि कई बार वो आँकड़े केवल कागज पर ही चमकते हैं।
फिर भी, अगर इन योजनाओं को सही दिशा में लागू किया जाए तो यह वृद्धि दर एक वास्तविक संभावना बन सकती है।
ऐसी स्थिति में, उच्च शिक्षा में स्कॉलरशिप और छोटे व्यवसायों के लिए क्रेडिट सुविधा बहुत मायने रखती है।
आधारभूत बुनियादी ढाँचे की पूर्ति, जैसे सड़क, रेल और ऊर्जा, निवेश के बिना यह सब अधूरा रहेगा।
वित्त मंत्री का भाषण प्रभावशाली है, परंतु जनता को जवाबदेह बनाना और भी अधिक महत्वपूर्ण कार्य है।
कई विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि सतत विकास के लिये पर्यावरणीय मानकों को नहीं तोड़ा जा सकता।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि बजट में उज्जवल भविष्य की संभावनाएँ हैं, परन्तु केवल घोषणा से कुछ नहीं होता।
अंततः, हमारे जिम्मेदारी है कि हम इन नीतियों को नज़र में रखें और सरकार को उनके कार्यान्वयन के लिये लगातार दबाव में रखें।

Ravi Patel
  • Ravi Patel
  • अगस्त 7, 2024 AT 11:14 पूर्वाह्न

बजट में जो सकारात्मक कदम दिख रहे हैं वे वास्तव में उपयोगी हो सकते हैं हमें धीरज से देखना चाहिए।

Piyusha Shukla
  • Piyusha Shukla
  • अगस्त 12, 2024 AT 16:14 अपराह्न

ऐसे बजट की बात करना जैसे फ़ैशन शो में पुराने कपड़े फिर से पहनाए जाएँ बिना किसी नवाचार के यह बस दिखावा है।

Shivam Kuchhal
  • Shivam Kuchhal
  • अगस्त 17, 2024 AT 21:14 अपराह्न

मान्यवर एवं सम्मानित नागरिकगण, प्रस्तुत बजट में आर्थिक स्थिरता की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास स्पष्ट हैं; इसको साकार करने हेतु सभी पक्षों का सहयोग आवश्यक होगा।

Adrija Maitra
  • Adrija Maitra
  • अगस्त 23, 2024 AT 02:14 पूर्वाह्न

ओह! यह बजट सुनकर दिल की धड़कन तेज़ हो गई, लगता है कुछ नया शुरू होने वाला है, लेकिन फिक्र नहीं, सब ठीक रहेगा।

RISHAB SINGH
  • RISHAB SINGH
  • अगस्त 28, 2024 AT 07:14 पूर्वाह्न

भाई, तुम्हारा पॉइंट समझ आया, बजट में असली नवाचार की कमी है पर धीरे-धीरे बदलाव आएगा।

Deepak Sonawane
  • Deepak Sonawane
  • सितंबर 2, 2024 AT 12:14 अपराह्न

इस तरह के भावनात्मक बहाने बजट के मैक्रोइकोनॉमिक मूलभूत पहलुओं को छुपाते हैं; रिफॉर्म की ठोस रेंज, फिस्कल गैप, और वैल्यू एडेड टैक्स एंटीट्रस्ट इकोसिस्टम का विश्लेषण आवश्यक है।

Suresh Chandra Sharma
  • Suresh Chandra Sharma
  • सितंबर 7, 2024 AT 17:14 अपराह्न

दोस्तों, अगर आप लोग एनी बिंदु समझन में दिक्कत फेह रहे हो तो मैं बता दूँ कि इस बजट में किसान के लिये नई स्कीम है, बस थोड़ा गहरा पढ़ो, सब साफ़ है।

तेज़ी से टिप्पणी करना

श्रेणियाँ

टैग