जाने-माने IAS अधिकारी सुजाता सौनिक ने 30 जून को महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव बनकर इतिहास रच दिया है। जब मौजूदा मुख्य सचिव नितिन करीर सेवानिवृत्त हो गए, तब महाराष्ट्र सरकार ने सुजाता सौनिक को यह महत्वपूर्ण पद सौंपा। सुजाता सौनिक को एक साल का कार्यकाल मिला है, जो अगले साल जून में समाप्त होगा। इस नियुक्ति के पीछे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का स्पष्ट समर्थन देखा गया है।

कामकाज का अनुभव और योगदान

सुजाता सौनिक का प्रशासनिक अनुभव बेहद व्यापक है। उन्होंने महाराष्ट्र के गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में सेवा दी है। इसके अलावा, उन्होंने जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट और सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे विभागों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। यह नियुक्ति मात्र एक सम्मान नहीं बल्कि उनके कड़ी मेहनत और उच्चतम सेवा का प्रतीक है।

समारोह का आयोजन

37 साल के शानदार करियर के बाद, नितिन करीर ने अपनी सेवा सेवानिवृत्ति ली और दक्षिण मुंबई के मंत्रालय में एक समारोह के दौरान सौनिक को औपचारिक रूप से सत्ता सौंपा। इस अवसर पर सुजाता सौनिक ने कहा कि वे इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाएंगी। उन्होंने नितिन करीर को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया और अपनी नई भूमिका के महत्व को रेखांकित किया।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम

महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम

सुजाता सौनिक की नियुक्ति महिलाओं के सशक्तिकरण के क्षेत्र में महाराष्ट्र सरकार की चौथी महिला नीति के लॉन्च के तुरंत बाद की गई। यह नीति महिलाओं की स्थिति को सुधारने और उन्हें महत्वपूर्ण नेतृत्व भूमिकाओं में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस नीति के तहत महिलाओं को अधिक अवसर और समर्थन प्रदान करने की योजना है, ताकि वे समाज में अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को निभा सकें।

राजनीतिक महत्व

सुजाता सौनिक की नियुक्ति आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर महिलाओं के वोटर्स को समर्थन देने की दिशा में सरकार का एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों ने सौनिक की नियुक्ति का समर्थन करते हुए कहा कि यह निर्णय महिलाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने संकेत दिया कि यह नियुक्ति महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें प्रेरणा देने के उद्देश्य से की गई है।

अन्य महत्वपूर्ण नेतृत्व भूमिकाएं

अन्य महत्वपूर्ण नेतृत्व भूमिकाएं

सुजाता सौनिक इस वर्ष महाराष्ट्र की प्रमुख नेतृत्व भूमिका में नियुक्त की गई दूसरी महिला हैं। इससे पहले, रश्मि शुक्ला को राज्य की इतिहास में पहली महिला पुलिस महानिदेशक का पद दिया गया था। यह नियुक्ति महिलाओं के लिए प्रशासनिक और नेतृत्व भूमिकाओं में नए रास्ते खोलती है।

निजी जीवन और परिवार

सुजाता सौनिक का निजी जीवन भी बेहद प्रेरणास्पद है। उनके पति, मनोज सौनिक, भी राज्य के पूर्व मुख्य सचिव रह चुके हैं और वे भी 1987 बैच के IAS अधिकारी हैं। इस दृष्टि से सौनिक परिवार प्रशासनिक सेवा में एक महत्वपूर्ण नाम रहा है।

महाराष्ट्र की सरकार की योजनाएं

महाराष्ट्र की सरकार की योजनाएं

महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महाराष्ट्र सरकार की योजनाएं काफी व्यापक और महत्वपूर्ण हैं। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में समान अवसर प्राप्त करें और महत्वपूर्ण भूमिकाओं में पहुँचें। सुजाता सौनिक की नियुक्ति इसी प्रयास का एक हिस्सा है और यह राज्य में महिलाओं को नेतृत्व प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस प्रकार, सुजाता सौनिक की नियुक्ति महाराष्ट्र सरकार महिलाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रतीक है और राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है।

टिप्पणि (15)

sakshi singh
  • sakshi singh
  • जुलाई 1, 2024 AT 18:53 अपराह्न

सुजाता सौनिक जी के इस historic पद ग्रहण करने से महाराष्ट्र में महिलाएँ नई आशा की झिलिकियाँ देख रही हैं।
उन्होंने अपने 37 वर्षों के रोजगार में विभिन्न विभागों में सेवा की है, जिससे उनका प्रशासनिक अनुभव गहरा और विस्तृत है।
गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में उनका कार्यकाल सामाजिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था में कई सुधार लाया था।
जनरल एडमिनिस्ट्रेशन और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्रों में उनके निर्णय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया।
यह नियुक्ति केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि कई महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है।
इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि महाराष्ट्र सरकार महिला सशक्तिकरण को गंभीरता से ले रही है।
आगामी विधानसभा चुनावों में यह कदम महिलाओं के मताधिकार को बढ़ावा देगा, यह एक सामाजिक लाभ है।
हमारे राज्य में अब तक कई महिलाएँ विभिन्न शीर्ष स्थानों पर आ चुकी हैं, लेकिन मुख्य सचिव का पद विशेष महत्व रखता है।
ऐसे नेतृत्व में नीति निर्माण में किसी भी वर्ग के लिए संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा।
सुजाता सौनिक जी ने कहा है कि वे अपने दायित्वों को ईमानदारी और निष्ठा से निभाएँगी, यह वचन भरोसेमंद है।
उनके पति की भी उच्च प्रशासनिक पृष्ठभूमि है, जो एक साथ दो अनुभवों का संगम बना सकता है।
महिलाओं के प्रति इस प्रकार की प्रतिबद्धता समाज में लैंगिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस नियुक्ति को देखते हुए कई युवा लड़कियों को अब अपने करियर में ऊँचा लक्ष्य रखना आसान लगता है।
हमें चाहिए कि इस सकारात्मक बदलाव को निरंतर समर्थन दें और आगे भी समान अवसर प्रदान करें।
अंत में, सुजाता सौनिक जी को इस नई जिम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ, और आशा है कि उनका कार्यकाल सफल एवं समृद्ध हो।

Hitesh Soni
  • Hitesh Soni
  • जुलाई 2, 2024 AT 05:59 पूर्वाह्न

यह नियुक्ति राज्य प्रशासन में करियर-आधारित मेरिट प्रणाली के सिद्ध सिद्धांतों को reaffirm करती है, तथा वरिष्ठ अधिकारियों के सेवानिवृत्ति के बाद योग्य उम्मीदवारों को पद दिया जाना चाहिए।

rajeev singh
  • rajeev singh
  • जुलाई 2, 2024 AT 15:43 अपराह्न

मराठी भाषाई एवं सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षण देने के साथ-साथ, ऐसी प्रमुख पदस्थापना स्थानीय जनता में गर्व की भावना को जाग्रत करती है, जिससे सामाजिक एकता भी मजबूत होती है।

ANIKET PADVAL
  • ANIKET PADVAL
  • जुलाई 3, 2024 AT 00:03 पूर्वाह्न

महाराष्ट्र ने हमेशा से अपने राष्ट्रीय आत्मसम्मान को प्रथम स्थान पर रखा है, और सुजाता सौनिक को मुख्य सचिव बनाकर यह राज्य अपनी प्रगति के पथ पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है। वह एक सक्षम करिश्माई नेतृत्व प्रदान करती हैं, जो न केवल राज्य के प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाती है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की छवि को उन्नत करती है। इस प्रकार की नियुक्तियाँ यह प्रदर्शित करती हैं कि महाराष्ट्र का विकासशील दृष्टिकोण केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रूप में भी सर्वांगीण है। यह कदम महिलाओं को उनके अधिकारों की प्राप्ति में एक प्रेरणास्त्रोत बनाता है, जिससे राष्ट्र की प्रगति में उनका योगदान अधिकतम हो सके।

Shivangi Mishra
  • Shivangi Mishra
  • जुलाई 3, 2024 AT 06:59 पूर्वाह्न

इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर मन की गहराइयों से बधाई!

ahmad Suhari hari
  • ahmad Suhari hari
  • जुलाई 3, 2024 AT 12:33 अपराह्न

यह फैसला सरकार के progressive सोच को दर्शाता है, परन्तु कुछ लोग इसको मात्र token gesture मान सकते है।

shobhit lal
  • shobhit lal
  • जुलाई 3, 2024 AT 16:43 अपराह्न

भाई, IAS में टेंचर नहीं लेनी पड़ती, पर साथ ही मेहनत और networking भी जरूरी है, सुजाता साहब ने सब कर दिखाया है।

suji kumar
  • suji kumar
  • जुलाई 3, 2024 AT 20:03 अपराह्न

सत्य कहा है, इस नियुक्ति के पीछे कई नीति-परिवर्तनों की जड़ें हैं; जैसे कि महिला सुरक्षा योजनाएँ, स्वास्थ्य सुधार, और शिक्षा में समानता, सभी को समग्र रूप से देखा गया है; इसलिए यह सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक परिवर्तन का संकेत है।

Ajeet Kaur Chadha
  • Ajeet Kaur Chadha
  • जुलाई 3, 2024 AT 23:06 अपराह्न

वाह! अब तो सभी को लगा कि हर महिला को तुरंत मुख्य सचिव बनाना चाहिए, है ना? देखिए, हम कितनी जल्दी उज्ज्वल भविष्य की कल्पना कर लेते हैं।

Vishwas Chaudhary
  • Vishwas Chaudhary
  • जुलाई 4, 2024 AT 01:53 पूर्वाह्न

महाराष्ट्र के गौरव को बढ़ाने में ऐसे कदम आवश्यक हैं, यह दिखाता है कि हम राष्ट्रीय शक्ति और परम्परा को नहीं भूलते

Rahul kumar
  • Rahul kumar
  • जुलाई 4, 2024 AT 04:23 पूर्वाह्न

मैं मानता हूँ कि यह सिर्फ merit नहीं, बल्कि राजनीति का खेल है; tokenism का एक नया रूप, बस इतना ही नहीं बल्कि यह वरिष्ठ बुइलो को भी हटा रहा है

indra adhi teknik
  • indra adhi teknik
  • जुलाई 4, 2024 AT 06:36 पूर्वाह्न

वर्तमान में महाराष्ट्र में महिलाओं की प्रतिनिधित्व दर 32% है, और इस तरह की नियुक्तियों से यह प्रतिशत अगले पंचवर्षीय में 45% तक पहुंच सकता है; इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें निरंतर प्रशिक्षण और मेंटरशिप कार्यक्रम चलाने चाहिए।

Kishan Kishan
  • Kishan Kishan
  • जुलाई 4, 2024 AT 08:33 पूर्वाह्न

बिलकुल, सुजाता सौनिक के पद ग्रहण से राज्य को तुरंत 'सुपर' प्रगति मिलेगी-किसी भी नीति में इतने बड़े बदलाव के लिए केवल नाम बदलना ही काफी है; फिर क्या, हम सब तैयार हो जाओ!

richa dhawan
  • richa dhawan
  • जुलाई 4, 2024 AT 10:13 पूर्वाह्न

सच कहूँ तो इस बड़े प्रचार के पीछे कोई छुपा agenda है; सिर्फ एक महिला को हाईपोझिशन में लाकर पार्टी की वोट_BANK को सुरक्षित किया जा रहा है।

Balaji S
  • Balaji S
  • जुलाई 4, 2024 AT 11:36 पूर्वाह्न

समय के साथ यह समझ आता है कि व्यक्तिगत उपलब्धि और सामूहिक प्रगति के बीच अनिवार्य सामंजस्य होता है; ऐसी नियुक्तियाँ सामाजिक तंत्र में नई ऊर्जा का संचार करती हैं, जिससे न केवल प्रबंधन बल्कि जनसंवाद भी परिष्कृत होता है। इस संदर्भ में, महिला नेतृत्व को बढ़ावा देना एक रणनीतिक निवेश है, जो दीर्घकालिक सामाजिक स्थिरता को सुदृढ़ करता है।

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