ईद-उल-अजहा के मौक़े पर बीएसई और एनएसई बंद: जानिए स्टॉक मार्केट हॉलिडे का कारण और असर
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बीएसई और एनएसई की छुट्टी का कारण

17 जून को ईद-उल-अजहा के अवसर पर भारतीय स्टॉक एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), दोनों बंद रहेंगे। इस दिन किसी भी प्रकार के व्यापारिक गतिविधियों को निलंबित रखा जाएगा। इसमें इक्विटी, डेरिवेटिव, एसएलबी, मुद्रा डेरिवेटिव, और ब्याज दर डेरिवेटिव शामिल हैं। वस्तु डेरिवेटिव सेगमेंट का सुबह का सत्र 9 बजे से 5 बजे तक बंद रहेगा, हालाँकि शाम के सत्र में 5 बजे से 11:55 बजे तक पुनः शुरू किया जाएगा।

पूर्व उच्चतम स्तर

ईद-उल-अजहा के अवकाश से पहले, 14 जून को भारतीय बाजार ने एक नया उच्चतम स्तर हासिल किया था। सेंसेक्स 0.24 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 76,992.77 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 0.29 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 23,465.60 पर बंद हुआ। सेक्टोरल इंडेक्स में बीएसई कैपिटल गुड्स ने सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की, जबकि बीएसई आईटी इंडेक्स में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों में 1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

टेक्निकल एनालिस्टों की भविष्यवाणी

तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि आगामी सप्ताह में बाज़ार में एक संभावित ब्रेकआउट हो सकता है क्योंकि बाजार में समेकन पैटर्न देखे गए हैं। समेकन के तरह-तरह के पैटर्न आगे की दिशा का संकेत दे सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में भारतीय बाज़ारों में अधिक तरलता और ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ सकते हैं।

इसके अतिरिक्त, भारतीय रुपये का समापन शुक्रवार को 83.56 प्रति डॉलर पर स्थिर रहा। बाजार पर्यवेक्षकों का मानना है कि रुपया एक सीमित दायरे में बना रहेगा और यदि डॉलर $103 से नीचे गिरता है, तो रुपए में महत्वपूर्ण खरीदारी देखी जा सकती है।

भविष्य की संभावनाएं

भविष्य की संभावनाएं

18 जून को अवकाश के बाद व्यापारिक गतिविधियाँ पुनः प्रारम्भ होंगी, और उम्मीद है कि बाजार में पिछले सप्ताह के सकारात्मक रुख को जारी रखेगा। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे समेकन के संकेतों और तकनीकी संकेतकों पर नज़र बनाए रखें ताकि सही व्यापारिक निर्णय ले सकें।

निवेशकों और व्यापारियों के लिए आकर्षक खबर यह है कि टेक्निकल एनालिस्ट्स नए निवेश और संभावित लाभ के अवसरों की ओर संकेत कर रहे हैं। अतः, 18 जून को व्यापार शुरू होते ही, निवेशकों को सूचित और त्वरित निर्णय लेने की आवश्यकता होगी।

टिप्पणि (15)

Balaji S
  • Balaji S
  • जून 17, 2024 AT 20:39 अपराह्न

ईद‑उल‑अजहा के कारण बीएसई‑एनएसई दोनों बंद रहेंगे, जिससे ट्रेडिंग सत्र में एक अस्थायी लिक्विडिटी गैप उत्पन्न हो सकता है। इस गैप को तकनीकी विश्लेषक “संकुचन पैटर्न” के रूप में पहचान रहे हैं, जो संभावित ब्रेकआउट की संकेतक हो सकता है। बाजार में मौसमी वॉल्यूम ड्रॉप अक्सर अगले सत्र में वैल्यू एंगेजमेंट को तेज़ कर देता है। यदि रुपये डॉलर के प्रति स्थिर रहने की प्रवृत्ति जारी रहे, तो विदेशी पूंजी प्रवाह में माइक्रो‑सैंपलिंग बढ़ सकती है। निवेशकों को इस अवधि में पोर्टफोलियो री‑बैलेंसिंग पर विचार करना चाहिए, विशेषकर कॅपिटल गुड्स और माइक्रो‑कैप सेक्टर्स में। अंत में, ट्रेडिंग डेस्क को एग्जीक्यूशन स्ट्रेटेजी को रिव्यू करने की सलाह है।

Alia Singh
  • Alia Singh
  • जून 21, 2024 AT 19:19 अपराह्न

ईद के कारण बाजार बंद होना, आर्थिक कैलेंडर में एक मानक व्यवधान है, तथा निवेशकों को इस अवधि में जोखिम प्रोफ़ाइल को पुनः मूल्यांकन करना आवश्यक है; कृपया अपने स्ट्रेटेजी को ठोस डेटा‑ड्रिवन आधार पर रखिए; धन्यवाद।

Purnima Nath
  • Purnima Nath
  • जून 25, 2024 AT 17:59 अपराह्न

वाह! ईद की छुट्टी के साथ साथ बाजार का थोड़ा ब्रेक भी मिल रहा है, इससे नई ऊर्जा के साथ 18 जून को ट्रेडिंग फिर शुरू होगी। इस अवसर को थॉर्निंग लीडरशिप समझो, और अपने पोर्टफोलियो को रिफ्रेश करो! 🎉
बाजार में निरंतरता बनाए रखने के लिए छोटे‑छोटे इनसाइट्स को फॉलो करना बेहतरीन रहेगा।

Rahuk Kumar
  • Rahuk Kumar
  • जून 29, 2024 AT 16:39 अपराह्न

रिकॉर्डेड हॉलिडे इफेक्ट को अनविंड करने के लिए वैरिएंस एनालिटिक्स को रिफ्रेश करना चाहिए, लेकिन अत्यधिक जार्गन से इम्पैक्ट कम हो सकता है।

Deepak Kumar
  • Deepak Kumar
  • जुलाई 3, 2024 AT 15:19 अपराह्न

दीपक जी की तरह, सभी को एक सरल टिप दे रहा हूँ: हॉलिडे के बाद की ट्रेडिंग में ट्रेंड फ़ॉलो करना बेहतर है, थोड़ा रंगीन विचारों के साथ।

Chaitanya Sharma
  • Chaitanya Sharma
  • जुलाई 7, 2024 AT 13:59 अपराह्न

सभी निवेशकों को सलाह: ईद‑उल‑अजहा के बाद की सुबह, उच्च वॉल्यूम के साथ संभावित ब्रेकआउट की झलक दिख सकती है; इसलिए पोजीशन साइजिंग को सावधानी से तय करें।

Riddhi Kalantre
  • Riddhi Kalantre
  • जुलाई 11, 2024 AT 12:39 अपराह्न

देश की इस पावन छुट्टी पर बाजार का बंध होना स्वाभाविक है, लेकिन यह हमारी आर्थिक आस्था को नहीं ढहने देगा। हमें चाहिए कि भारतीय स्टॉक्स में नजदीक से निवेश करके अपनी राष्ट्रीय आत्मा को सजग रखें।

Jyoti Kale
  • Jyoti Kale
  • जुलाई 15, 2024 AT 11:19 पूर्वाह्न

राष्ट्रवादी भावनाओं को प्रयोग में लाते हुए, यह कहा जा सकता है कि बाजार की अस्थायी बंदी निवेशकों को सतर्क रखेगी; लेकिन अत्यधिक उत्साह से बचें।

Ratna Az-Zahra
  • Ratna Az-Zahra
  • जुलाई 19, 2024 AT 09:59 पूर्वाह्न

छुट्टी के बाद बाजार में संभावित रिवर्सल को देखते हुए, तकनीकी संकेतकों पर नज़र रखना उचित रहेगा। सेक्टरालिटी के हिसाब से थोड़ा सतर्क रवैया अपनाएँ।

Nayana Borgohain
  • Nayana Borgohain
  • जुलाई 23, 2024 AT 08:39 पूर्वाह्न

इंसाइडर ट्रेंड्स देखना मज़ेदार होता है 😊

Abhishek Saini
  • Abhishek Saini
  • जुलाई 27, 2024 AT 07:19 पूर्वाह्न

बिल्कुल सही बते, एही काउंसिल से रिटर्न्स बढ़ सकते है, keep it up!

Parveen Chhawniwala
  • Parveen Chhawniwala
  • जुलाई 31, 2024 AT 05:59 पूर्वाह्न

बाजार का कैलेंडर हर साल एकसमान नहीं रहता, इसलिए हॉलिडे इफ़ेक्ट को समझना कठिन है, पर मैं कहूँगा कि इस बार का प्रभाव पिछले साल के मुकाबले कम हो सकता है, क्योंकि ट्रेडिंग वॉल्यूम पहले से ही उच्च रहा था।

Saraswata Badmali
  • Saraswata Badmali
  • अगस्त 4, 2024 AT 04:39 पूर्वाह्न

सबसे पहले, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि हॉलिडे के कारण मार्केट क्लोज़ होना कोई नया या अजीब बात नहीं है; परन्तु कई लोग इसे गलत समझते हैं और असहज हो जाते हैं। दूसरा, डेटा‑ड्रिवन विश्लेषण से स्पष्ट है कि ऐतिहासिक रूप से, ईद‑उल‑अजहा के बाद के पहले ट्रेडिंग दिन में वॉल्यूम में औसतन 12‑15% की गिरावट देखी गई है। तीसरा, यह गिरावट अक्सर एंट्री पॉइंट्स के भाव में समझौता करती है, जिससे काउंटर‑ट्रेंड स्ट्रेटेजी को अपनाया जा सकता है। चौथा, टेक्निकल इंडिकेटर्स जैसे कि RSI और MACD इस अवधि में ओवर‑सोल्ड या ओवर‑बॉउन्ड सिग्नल दे सकते हैं, जो अल्पकालिक रिवर्सल की ओर इशारा करता है। पाँचवाँ, न्यूज़‑फ्लो पर भी ध्यान देना आवश्यक है; यदि हॉलिडे के बाद कोई मैक्रो‑इकोनोमिक डेटा रिलीज़ होता है, तो वह बाजार को पुनः सक्रिय कर सकता है। छठा, बड़े कैप स्टॉक्स में निवेशकों का इंट्रेस्ट अक्सर स्थिर रहता है, जबकि स्मॉल‑कैप में अधिक उतार‑चढ़ाव देखा जाता है। सातवाँ, विदेशी निवेशकों की एंट्री‑एग्जिट टाइमिंग इस अवधि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, विशेषकर जब डॉलर‑रुपिया की दर में अस्थिरता होती है। आठवाँ, इन सभी कारकों को मिलाकर एक समग्र मॉडल बनाना चाहिए, जिसमें लिक्विडिटी प्रीमियम, बेसिक वॉल्यूम ट्रेंड और फ़ंडामेंटल इवेंट्स को शामिल किया जाए। नवाँ, इस मॉडल के अनुसार, यदि आप 18 जून के ओपन में एक छोटे‑से सॉर्ट‑टर्म पोज़िशन लेते हैं, तो जोखिम‑प्रेमी निवेशकों को संभावित रिटर्न 3‑5% तक मिल सकता है। दसवाँ, परन्तु ये सब परिकल्पनाएँ हैं; वास्तविक परिणाम बाजार के मनोविज्ञान और बाहरी शॉकर्स पर भी निर्भर करता है। ग्यारहवाँ, इसलिए अनुशंसा यह है कि ट्रेडिंग प्लान में स्टॉप‑लॉस और पॉजिटिव रिवॉर्ड‑रिस्क अनुपात को स्पष्ट रूप से निर्धारित करें। बारहवाँ, इस तरह के एग्जीक्यूशन स्ट्रेटेजी से न केवल संभावित नुक़सान को सीमित किया जा सकता है, बल्कि संभावित लाभ को भी अधिकतम किया जा सकता है। तेरहवाँ, अंत में, याद रखें कि हर ट्रेडिंग दिन एक नई कहानी लिखता है, और इस कहानी को समझदारी से लिखना ही सफल निवेशक बनाता है।

sangita sharma
  • sangita sharma
  • अगस्त 8, 2024 AT 03:19 पूर्वाह्न

व्यक्तिगत रूप से, मैं मानता हूँ कि छुट्टियों के दौरान बाजार के बंद रहने को एक नैतिक वैल्यू के रूप में देखना चाहिए; यह हमें याद दिलाता है कि आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं को भी महत्व देना आवश्यक है।

PRAVIN PRAJAPAT
  • PRAVIN PRAJAPAT
  • अगस्त 12, 2024 AT 01:59 पूर्वाह्न

संगिता की बात में कुछ सच्चाई है, परंतु यह भी सच है कि बाजार में पवित्रता नहीं, बल्कि व्यावहारिकता है

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