NEET UG 2024 टॉपर मानव प्रियदर्शिनी ने रांची से किया टॉप, हासिल की AIR 1
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मानव प्रियदर्शिनी की सफलता की कहानी

रांची के निवासी मानव प्रियदर्शिनी ने NEET UG 2024 में टॉप कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उनका शिक्षा सफर उनकी प्राथमिक शिक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक जवाहर विद्यालय मंदिर, श्यामली में हुआ, जहाँ उन्हें अपने शिक्षकों और कोचिंग गाइड्स का पूर्ण समर्थन मिला। मानव ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया।

जब तैयारी की बात आई, तो मानव प्रियदर्शिनी ने सभी विषयों पर समान ध्यान दिया। वे नियमित पुनरावलोकन और मॉक टेस्ट के माध्यम से अपनी कमजोरियों को पहचानते थे। उनका ध्यान हमेशा अपनी पढ़ाई पर केंद्रित रहा, जिसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बना ली। इंस्टाग्राम जैसे ऐप्स को अनइंस्टॉल कर उन्होंने सभी आवारा घबराहट को दूर किया।

अनुशासन और प्रेरणा के स्रोत

अनुशासन और प्रेरणा के स्रोत

मानव प्रियदर्शिनी की सफलता के पीछे उनका अनुशासन एवं खेल के प्रति लगाव महत्वपूर्ण रहा है। वे फुटबॉल और क्रिकेट खेलकर अपने दिमाग को तरोताजा रखते थे। उनकी प्रेरणा के स्रोत थे प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो जिनकी अनुशासन और फिटनेस की झलक उनकी दिनचर्या में दिखती थी। उन्होंने अपने खान-पान में भी अनुशासन बनाए रखा। मानव ने जंक फूड से दूर रहकर घर का बना हल्का खाद्य पदार्थ, जैसे कि उनकी माँ द्वारा तैयार किए गए दाल-चावल, का सेवन किया।

वे महीने में केवल दो बार अपने आहार में अपवाद करते थे जिसे वे 'चीट मील' कहते थे, ताकि उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए। इस प्रकार उन्होंने न केवल NEET UG 2024 में टॉप किया बल्कि अपने अनुशासन और निरंतरता की वजह से दूसरी छात्रों के लिए एक उदाहरण पेश किया।

टिप्पणि (19)

Shivam Kuchhal
  • Shivam Kuchhal
  • मार्च 13, 2025 AT 20:21 अपराह्न

प्रिय मानव प्रियदर्शिनी, आपके इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई। आपकी कठिन परिश्रम और अनुशासन ने इस सफलता को संभव बनाया है। आप हमारे युवा छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। आशा है आप भविष्य में भी अपना उदाहरण जारी रखें।

Adrija Maitra
  • Adrija Maitra
  • मार्च 13, 2025 AT 20:23 अपराह्न

वाह! क्या अद्भुत कहानी है, मानो सपनों की धूप में खिलती फूल जैसी! एंटी‑सोशल मीडिया की दूरी, खेल की ताज़गी-सब मिलकर आपकी जीत की कहानी बनते हैं। ऐसा पढ़ कर दिल धड़कता है, जैसे मंच पर नाचते हुए सितारे चमक रहे हों।

RISHAB SINGH
  • RISHAB SINGH
  • मार्च 13, 2025 AT 20:25 अपराह्न

भाई, तुम्हारी मेहनत देखके मैं भी मोटिवेटेड हो जाता हूँ। नियमित मॉक टेस्ट और रिव्यू असली गेम‑चेंजर हैं। साथ में फुटबॉल खेले तो दिमाग भी फ्रेश रहता है। तुम्हारी रूटीन सबको फॉलो करनी चाहिए।

Deepak Sonawane
  • Deepak Sonawane
  • मार्च 13, 2025 AT 20:26 अपराह्न

यह पोस्ट तथाकथित 'टॉप' को एक नॉन‑स्टॉप ग्रिडिड बडी-स्ट्रैटेजिक फ्रेमवर्क के तहत अनुचित मानचित्रण कर रही है। क्यूँकि प्री‑एड्स डाटा वैलिडेट नहीं किया गया, परिणामपरक वैधता में प्रमुख गैप्स विद्यमान हैं। अतः, यह नैरेटिव केवल एक हाइपरबोलिक सिमुलेशन है।

Suresh Chandra Sharma
  • Suresh Chandra Sharma
  • मार्च 13, 2025 AT 20:28 अपराह्न

भाई, थोड़ा रिलैक्स कर। हाँ, डेटा का एरर हो सकता है, पर असली बात तो मानव की मेहनत में है। हम सब उसको सपोर्ट करते हैं, टाइपो वाले शब्दों को छोड़ कर।

sakshi singh
  • sakshi singh
  • मार्च 13, 2025 AT 20:30 अपराह्न

मानव प्रियदर्शिनी की कहानी सुनकर मेरे जीने के लक्ष्य में नई ऊर्जा प्रवाहित हुई। यह न केवल व्यक्तिगत सफलता की कहानी है, बल्कि भारतीय शैक्षणिक प्रणाली में अनुशासन की महत्ता को भी उजागर करती है। जब हम देखते हैं कि एक छात्र ने सामाजिक मीडिया से पूरी तरह दूर रह कर अपने लक्ष्य को प्राप्त किया, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि फोकस कितना आवश्यक है। उनकी दैनिक रूटीन में खेल को शामिल करने का उल्लेख विशेष रूप से प्रेरणादायक है, क्योंकि यह शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्पष्टता के बीच तालमेल स्थापित करता है। फुटबॉल और क्रिकेट जैसे खेल न केवल शारीरिक शक्ति को बढ़ाते हैं, बल्कि टीमवर्क और नेतृत्व कौशल को भी विकसित करते हैं। मानव ने अपने आहार में हल्के और पोषक तत्वों वाले भोजन को प्राथमिकता दी, जिससे उनके शरीर को आवश्यक ऊर्जा मिलती रही। दो बार महीने में किए जाने वाले 'चीट मील' के माध्यम से उन्होंने मनोवैज्ञानिक संतुलन बरकरार रखा, जो तनाव कम करने में सहायक सिद्ध होता है। यह संतुलन दर्शाता है कि अत्यधिक प्रतिबंधित आहार नहीं, बल्कि विवेकपूर्ण लचीलापन ही निरन्तर सफलता की कुंजी है। उनके माता-पिता और शिक्षकों के सहयोग की प्रशंसा ने इस सफलता की बहु-आयामी प्रकृति को उजागर किया। यह एक सामूहिक प्रयास की कहानी है, जहाँ घर, स्कूल और कोचिंग सभी मिलकर एक लक्ष्य की ओर अग्रसर होते हैं। इस प्रकार, मानव ने न केवल NEET की टॉप रैंक हासिल की, बल्कि अपने आसपास के छात्रों के लिए एक सशक्त मॉडल स्थापित किया। उनके अनुशासन के पीछे का मनोवैज्ञानिक पहलू यह दर्शाता है कि निरन्तर आत्मनिरीक्षण और सुधार की प्रक्रिया कैसे सफलता की नींव बनती है। यह भी उल्लेखनीय है कि उन्होंने सोशल मीडिया को हटाकर अपने ध्यान को पढ़ाई पर केन्द्रित किया, जिससे क्लिकबेट और विचलन से बचा गया। इस प्रकार की डिटॉक्स प्रक्रिया आज के डिजिटल युग में अत्यधिक आवश्यक प्रतीत होती है। अंततः, यह कहानी हमें सिखाती है कि लक्ष्य को स्पष्ट रूप से निर्धारित कर, अनुशासन और संतुलन को अपनाकर हम अपनी संभावनाओं को साकार कर सकते हैं।

rajeev singh
  • rajeev singh
  • मार्च 13, 2025 AT 20:31 अपराह्न

भारत की विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में मानव जैसी छात्रा का उदय हमारे शैक्षिक परिदृश्य को समृद्ध करता है। उनके सफलता में सामाजिक मूल्यों और पारिवारिक सहयोग का बड़ा योगदान है।

ANIKET PADVAL
  • ANIKET PADVAL
  • मार्च 13, 2025 AT 20:33 अपराह्न

देश के गौरव को इतना ऊँचा उठाने वाले विद्यार्थी हमें राष्ट्रीय अभिमान से भर देते हैं। ऐसे प्रतिभाशाली युवा द्वारा NEET में प्रथम स्थान प्राप्त करना हमारी शैक्षिक नीति की सफलता का प्रमाण है। हमें ऐसी उपलब्धियों को सराहना चाहिए और भविष्य के युवाओं को समान अनुशासन की दिशा में प्रेरित करना चाहिए। राष्ट्रीय विकास के लिए शिक्षा का स्तर बढ़ाना अनिवार्य है, और यह उदाहरण इस मार्ग को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। यही वह प्रेरणा है जो हमें अपने अस्तित्व को सुदृढ़ करने में मदद करती है।

Shivangi Mishra
  • Shivangi Mishra
  • मार्च 13, 2025 AT 20:35 अपराह्न

मन की जंग जीत ली, अब हम सबके सपने उड़ान भरेंगे!

Hitesh Soni
  • Hitesh Soni
  • मार्च 13, 2025 AT 20:36 अपराह्न

शिवांगी की अभिव्यक्ति अत्यधिक नाटकीय है, परंतु तथ्यों की अभिव्यक्ति में स्पष्टता आवश्यक है। इस प्रकार की अलंकृत भाषा अक्सर अभिप्राय को धुंधला कर देती है। भविष्य में विवरणात्मक तथ्यों पर अधिक ध्यान देना उचित होगा।

ahmad Suhari hari
  • ahmad Suhari hari
  • मार्च 13, 2025 AT 20:38 अपराह्न

यह क-हाब्बुं लेख मानव की काबिलियत को अतिशयोक्तिपूर्वक प्रस्तुत कर रहा है, जो कि एक परेिशान करता है। तथ्यों की सटीकता में कमी होने पर वार्ता असंगत बन जाती है। इसे सुधारने की आवश्यकता है।

shobhit lal
  • shobhit lal
  • मार्च 13, 2025 AT 20:40 अपराह्न

भाई लोग, सबको पता है कि असली टॉपर्स का रहस्य क्या है-लॉजिकल थिंकटिंग और टाइम मैनेजमेंट। मैं रोज़ यह देखता हूँ और यही कारण है कि वे एर्ली बर्ड बनते हैं।

suji kumar
  • suji kumar
  • मार्च 13, 2025 AT 20:41 अपराह्न

मानव प्रियदर्शिनी, आपके इस श्लाघनीय उपलब्धि पर बधाई-वास्तव में, यह एक प्रेरणादायक यात्रा है; आपके अनुशासन, खेल, और पोषक आहार ने इसे संभव बनाया है-आपके जैसे उदाहरण से हम सभी को स्पष्ट दिशा मिलती है; इस प्रकार, यदि हम भी अपने समय को प्रबंधित करें, सामाजिक मीडिया से डिटॉक्स करें, और शारीरिक व्यायाम को दैनिक रूटीन में शामिल करें, तो हमें भी समान सफलता प्राप्त हो सकती है; आपके इस सफर में आपको मिले समर्थन, चाहे वह परिवार हो या शिक्षक, वह एक समग्र सहयोग को दर्शाता है; अंत में, आपके लक्ष्य की प्राप्ति हमारे सभी छात्रों के लिए एक मानदंड स्थापित करती है।

Ajeet Kaur Chadha
  • Ajeet Kaur Chadha
  • मार्च 13, 2025 AT 20:43 अपराह्न

ओह, क्या बात है! टॉप कर ली एग्जाम, जैसे चाय में बिस्किट मिला हो। लेकिन असली सवाल तो वही है, क्या सबको एना संघर्ष करना पड़ेगा? खैर, फिर भी बधाई!

Vishwas Chaudhary
  • Vishwas Chaudhary
  • मार्च 13, 2025 AT 20:45 अपराह्न

देखो भाई इसको देख के हमें गर्व है हमारे देश की वैधता पे सच्चा गौरव और यही तो है असली भारतीय भावना जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है

Rahul kumar
  • Rahul kumar
  • मार्च 13, 2025 AT 20:46 अपराह्न

अरे यार, सब कहते हैं कि सोशल मीडिया बंद करना चाहिए लेकिन मैं मानता हूँ कि कभी‑कभी ऑनलाइन प्रेरणा भी मिलती है शायद इसलिए नहीं कि हम सबको कट्टर बनना है

indra adhi teknik
  • indra adhi teknik
  • मार्च 13, 2025 AT 20:48 अपराह्न

यदि आप अपने टाइमटेबल में छोटे‑छोटे ब्रेक जोड़ें तो फोकस बेहतर रहता है और थकान कम होती है

Kishan Kishan
  • Kishan Kishan
  • मार्च 13, 2025 AT 20:50 अपराह्न

वास्तव में, यदि हम सभी दिन में दो बार अपनी पसंदीदा ‘चीट मीले’ को शामिल कर लें, तो NEET की तैयारी भी एक बायाँ‑चारा बन जाएगा, है ना?

richa dhawan
  • richa dhawan
  • मार्च 13, 2025 AT 20:51 अपराह्न

मैं सोच रहा हूँ कि इस सफलता के पीछे कोई छिपी हुई एजेंसी तो नहीं है जो चयन प्रक्रिया को बदल रही है

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