भारत की पाकिस्तान यात्रा पर अनिच्छा का विषय

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण पुष्टि की है कि उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) से एक ईमेल प्राप्त हुआ है जो कि भारत की पाकिस्तान में आयोजित हो रहे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए यात्रा करने की अनिच्छा को दर्शाता है। बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) ने पहले ही आईसीसी को सूचित कर दिया था कि उनकी टीम पाकिस्तान के लिए यात्रा करने में असमर्थ है, जिससे पीसीबी के पास 'हाइब्रिड मॉडल' के तहत आयोजन कराने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। हालांकि, पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने साफ कर दिया है कि 'हाइब्रिड मॉडल' का विकल्प पाकिस्तान के लिए स्वीकार्य नहीं है।

पिछले दौरों की द्विपक्षीय स्थिति

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध हमेशा से ही संवेदनशील रहे हैं और राजनीतिक स्थिति के चलते इन पर असर भी पड़ा है। 2008 में आखिरी बार भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी के कप्तानी में एशिया कप के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था। इसके बाद, 2012-13 में पाकिस्तान ने भारत का दौरा किया था और फिर 2016 के टी20 वर्ल्ड कप तथा पिछले वर्ष के 50 ओवर के वर्ल्ड कप में भी शामिल हुए थे। इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि मौजूदा परिप्रेक्ष्य में दोनों देशों के बीच किसी भी द्विपक्षीय सीरीज का आयोजन एक चुनौतीपूर्ण कारक बन गया है।

दुबई में संभावित आयोजन

मौजूदा समीकरण के अनुसार, भारत सभी अपने मैच दुबई में खेलेगा और भारत-पाकिस्तान का मुख्य मुकाबला भी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में संपन्न किया जाएगा। बीसीसीआई के एक सूत्र ने संकेत दिया है कि दुबई में मैच आयोजित करना सबसे बेहतर विकल्प है, क्योंकि यहां उच्च क्षमता और अच्छी तरह से विकसित बुनियादी ढांचा मौजूद है, जो हाल ही में महिला टी20 वर्ल्ड कप की सफल मेजबानी के समय प्रमाणित हुआ है। यह भी बताया गया कि आयोजन के प्रारंभ से 100 दिन पहले ही शेड्यूल की घोषणा कर दी जाती है।

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट समारोह ने हमेशा ही क्रिकेट प्रेमियों के दिलों को छुआ है, और इन मैचों के दौरान दर्शकों की उत्सुकता अपनी चरम सीमा पर होती है। जब दुबई में यह मैच खेला जाएगा, तब यह निश्चित ही एक शानदार दृश्य होगा जो दुनिया भर के क्रिकेट चहेतों की उम्मीदों को पूरा करेगा। राजनीतिक और प्रशासनिक अड़चनों के बावजूद, खेल के प्रेमियों की उम्मीदें यह दर्शाती हैं कि क्रिकेट खेलने वाले देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करना कितना महत्वपूर्ण है।

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