SpiceJet की फूड सुपरवाइजर, अनुराधा रानी द्वारा जयपुर हवाई अड्डे पर CISF सहायक उप निरीक्षक गिरिराज प्रसाद को थप्पड़ मारने का मामला सामने आया है। यह घटना तब हुई जब अनुराधा रानी सुबह 4 बजे 'वाहन गेट' से बिना मान्य अनुमति के प्रवेश कर रही थीं। CISF के जवान ने उन्हें रोक कर नजदीकी प्रवेश द्वार से स्क्रीनिंग के लिए कहा, जो विशेष रूप से एयरलाइन कर्मचारियों के लिए नियत था।
हालांकि, उस समय वहां कोई महिला CISF अधिकारी उपलब्ध नहीं थी जो रानी की सुरक्षा जांच कर सके। CISF के अनुसार, रानी को महिला अधिकारी के आने तक इंतजार करने को कहा गया, परंतु यह विवाद बढ़ गया और रानी ने सहायक उप निरीक्षक गिरिराज प्रसाद को थप्पड़ मार दिया।
SpiceJet ने अपनी कर्मचारी का समर्थन करते हुए कहा कि CISF अधिकारी ने रानी के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और यौन उत्पीड़न किया। घटना की सच्चाई खोजने के लिए जांच जारी है।
अनुराधा रानी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 121 (1) और 132 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन धाराओं के तहत किसी सार्वजनिक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने या उस पर आक्रमण करने के लिए स्वेच्छिक रूप से चोट पहुंचाना अपराध है।
घटना के पश्चात, SpiceJet और CISF दोनों ने मामले की जांच के लिए अपने-अपने दृष्टिकोण से बयान जारी किए हैं। SpiceJet ने कहा कि वे अपनी कर्मचारी का पूरी तरह से समर्थन करेंगे और सत्य की खोज में न्याय की मांग करेंगे। दूसरी ओर, CISF ने मामले को मानवीय गरिमा और अनुशासन के उल्लंघन के रूप में देखा है।
जयपुर हवाई अड्डा राजस्थान का एक प्रमुख हवाई अड्डा है, जहाँ सुरक्षा व्यवस्थाओं का ध्यान रखने के लिए CISF को नियुक्त किया गया है। हवाई अड्डे पर सुरक्षा मानकों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य होता है, जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना या अनहोनी से बचा जा सके। इस घटना ने सुरक्षा प्रक्रियाओं और उनके अनुपालन की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है।
इस घटना के दौरान हवाई अड्डे पर मौजूद कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह विवाद दोनों पक्षों के बीच संवादहीनता का परिणाम था। दोनों ही पक्षों को बेहतर संवाद और संयम रखने की आवश्यकता थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्थाओं में कमी का संकेत देती हैं और समाज में असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाली होती हैं।
इस प्रकार की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था और मानवीय गरिमा के बीच तालमेल की आवश्यकता को दर्शाती हैं। अधिकारियों को और सख्त नियमावली का पालन करना चाहिए, वहीं आम नागरिकों को भी अनुशासन और सम्मान का ध्यान रखना चाहिए। यह घटना हमें यह सीख देती है कि किसी भी विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना अधिक प्रभावी और समाज के लिए लाभकारी होता है।
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