घाज़ियाबाद के 24 केंद्रों में रविवार को UPSC CDS परीक्षा का दूसरा चरण समाप्त हुआ। तीन अलग‑अलग शिफ़्टों में आयोजित यह परीक्षा बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए डिजाइन की गई थी, जिससे सामाजिक दूरी का भी पूरा ध्यान रखा गया।
कुल 23,364 उम्मीदवारों ने इस परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। इनमें से 16,629 ने वास्तविक में पेपर लिखा, जबकि 6,735 अनुपस्थित रहे। इसका मतलब लगभग 71% उपस्थिति दर है, जो कि पिछले साल की तुलना में थोड़ा बेहतर रही। हर एक केंद्र पर विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए गए। सख्त जांच, वीआईपी दरवाज़े, और पर्याप्त गश्त करने वाले कर्मचारी सभी 24 स्थलों पर मौजूद थे, जिससे कागज़ात चोरी या धोखा देने की संभावना न्यूनतम रही।
पेपर लिखने वाले कई छात्रों ने बताया कि गणित सेक्शन सबसे चुनौतीपूर्ण रहा। सवालों की जटिलता पिछले सालों की तुलना में बढ़ी है, और हल करने में अपेक्षा से ज्यादा समय लगा। इस कारण अधिकांशों ने टाइम मैनेजमेंट को अपनी परीक्षा की सबसे बड़ी बाधा माना। सामान्य अध्ययन (General Studies) के प्रश्न भी कठिन स्तर के थे, जिससे कई छात्रों को सोचने में दोगुना समय लगा। दूसरी तरफ, अंग्रेज़ी सेक्शन को मध्यम स्तर का बताया गया, जिससे कुछ राहत मिली।
उम्मीदवारों ने कहा कि तीन शिफ़्टों में पेपर का वितरण करने से हल्के मन से बैठना संभव हुआ, लेकिन समय दबाव को देखते हुए उन्हें अपनी रणनीति बदलनी पड़ी। कई ने नोट किया कि पहले के सालों में कम समय लगे वाले गणित के सवाल अब दो गुना समय ले रहे हैं, जिससे परीक्षा की तैयारी में भी बदलाव की आवश्यकता महसूस हुई।
कुल मिलाकर, UPSC ने बड़े पैमाने पर सुरक्षा और प्रशासनिक दक्षता दिखाते हुए इस परीक्षा को सफलतापूर्वक आयोजित किया। भागीदारी का प्रतिशत, सवालों की कठिनाई और उम्मीदवारों के अनुभव सब मिलकर इस साल की CDS परीक्षा को यादगार बना रहे हैं।