बॉलीवुड अभिनेता कार्तिक आर्यन के परिवार पर एक बड़ा दुख टूट पड़ा है। उनके चाचा मनोज चांसोरिया और चाची अनिता चांसोरिया की मुंबई के घाटकोपर स्थित एक पेट्रोल पंप पर होर्डिंग गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा 13 मई को उस समय हुआ जब शहर में भीषण धूल भरी आंधी चली और होर्डिंग के गिरने से 16 लोगों की जान चली गई।
कार्तिक के चाचा-चाची मुंबई से इंदौर होते हुए जबलपुर जा रहे थे। उनकी कार ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर स्थित एक पेट्रोल पंप पर ईंधन भरवाने के लिए रुकी थी। लेकिन दुर्भाग्यवश उसी समय होर्डिंग गिर गया और उनकी कार उसकी चपेट में आ गई। हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
मनोज चांसोरिया इंदौर एयरपोर्ट के पूर्व निदेशक थे। वह अपनी पत्नी अनिता के साथ मुंबई में अपने बेटे यश के अमेरिका जाने के लिए वीजा से जुड़े कागजी कार्यवाही पूरी करने आए थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
हादसे के 56 घंटे बाद दंपत्ति के शवों को बाहर निकाला जा सका। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक कार्तिक आर्यन अपने परिवार के साथ सहार श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे। उनके चेहरे पर गहरा सदमा साफ देखा जा सकता था।
वहीं दूसरी ओर, कार्तिक आर्यन के प्रोफेशनल करियर की बात करें तो उनकी अगली फिल्म 'चंडू चैंपियन' जल्द ही रिलीज होने वाली है। यह एक स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म है जिसका निर्देशन कबीर खान कर रहे हैं।
कार्तिक इन दिनों इस फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं। यह फिल्म एक ऐसे बॉक्सर की कहानी है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करता है। फिल्म में कार्तिक के अपोजिट श्रद्धा कपूर नजर आएंगी। दोनों की जोड़ी पहली बार पर्दे पर दिखाई देगी।
कार्तिक ने हाल ही में फिल्म 'भूल भुलैया 2' में अपने शानदार अभिनय से सबका दिल जीता था। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 230 करोड़ रुपये से ज्यादा का कलेक्शन किया और इस साल की सबसे बड़ी हिट साबित हुई।
हालांकि इस समय कार्तिक अपने चाचा-चाची के निधन से गहरे सदमे में हैं। उन्होंने इस बारे में मीडिया से कोई बात नहीं की है। लेकिन उनके फैंस और पूरी फिल्म इंडस्ट्री उनके दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है और उन्हें हौसला दे रही है।
मनोज और अनिता चांसोरिया के अचानक चले जाने से आर्यन परिवार को गहरा धक्का लगा है। ऐसे में कार्तिक को अपने करियर और निजी जिंदगी के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो सकता है। लेकिन उम्मीद है कि वह इस मुश्किल घड़ी से जल्द उबर पाएंगे और अपने काम पर वापस लौटेंगे। उनके फैंस उनका इंतजार कर रहे हैं।
इस पूरी घटना ने एक बार फिर शहर में अवैध होर्डिंग्स और उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुंबई में हर साल मानसून के दौरान होर्डिंग गिरने की घटनाएं आम हो गई हैं। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सका है।
बीएमसी के आंकड़ों के अनुसार मुंबई में तकरीबन 2,000 से ज्यादा अवैध होर्डिंग्स हैं। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी अवैध होर्डिंग्स को हटाने का आदेश दिया था, लेकिन इसके बावजूद शहर में कई जगहों पर बड़े-बड़े होर्डिंग देखे जा सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि होर्डिंग्स की मजबूती और डिजाइन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही उनकी नियमित जांच और रखरखाव भी जरूरी है ताकि आने वाले समय में ऐसी दुर्घटनाओं को टाला जा सके।
घाटकोपर होर्डिंग हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोगों को मुंबई पुलिस ने श्रद्धांजलि दी है। कमिश्नर ऑफ पुलिस परमबीर सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि आने वाले दिनों में होर्डिंग्स के रखरखाव को लेकर सख्ती बरती जाएगी।
फिलहाल कार्तिक आर्यन और उनके परिवार के लिए ये बेहद मुश्किल समय है। जिंदगी कब किस मोड़ पर आ जाए, कहा नहीं जा सकता। ऐसे में अपनों का साथ ही सबसे बड़ा सहारा होता है। उम्मीद है कि कार्तिक इस दुख की घड़ी में खुद को मजबूत बनाए रखेंगे और आगे बढ़ते रहेंगे। उनके लाखों चाहने वालों की दुआएं उनके साथ हैं।
सबको दिल से दुख है कार्तिक के चाचा‑चाची का, उनका निधन बहुत ही दर्दनाक है
ऐसे हादसे से सबको सावधान रहना चाहिए, विशेषकर बड़ी होर्डिंग्स की मजबूती
मुंबई में बरसात के साथ साथ ऐसी घटनाएं बार‑बार हो रही हैं
हमें उम्मीद है प्रशासन जल्दी से कदम उठाएगा ताकि आगे ऐसी त्रासदी न हो
समय है कि हम सब मिलकर इस बात को बदलें
भाई… बहुत दुखद बात 😔
घटनास्थल पर होर्डिंग के पतन से हुई दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु, सामाजिक एवं कानूनी दृष्टिकोण से गंभीर चिंतन का विषय है।
प्रथम, यह स्पष्ट है कि सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन संरचनाओं की सुरक्षा मानकों की अपर्याप्त निगरानी ने इस悲惨ता को जन्म दिया।
दूसरा, भारत के कई महानगरों में अवैध विज्ञापन बोर्डों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, जो न केवल ट्रैफिक जाम का कारण बनते हैं बल्कि जनजीवन के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करते हैं।
तृतीय, सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2019 में दिया गया आदेश, अतिशय अनुपालन न मिलने के कारण व्यर्थ सिद्ध हो रहा है।
चौथा, नगर निगमों एवं स्थानीय प्रशासन को निरंतर निरीक्षण एवं कठोर दण्ड प्रक्रिया स्थापित करनी आवश्यक है।
पाँचवाँ, सुरक्षा अभियांत्रिकी के विशेषज्ञों को इस प्रकार की संरचनाओं के डिजाइन में अधिक स्थायित्व और मौसम प्रतिरोधी सामग्री का उपयोग करने का आग्रह करना चाहिए।
छठा, इस प्रकार की घटनाओं में आपातकालीन सेवाओं की तत्परता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, परन्तु उनका मुख्य कर्तव्य रोकथाम में निहित है।
सातवाँ, सार्वजनिक जागरूकता अभियानों द्वारा नागरिकों को अवैध होर्डिंग की रिपोर्ट करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
आठवाँ, मीडिया को इस मुद्दे को सतर्कता से प्रस्तुत करना चाहिए ताकि सामाजिक दबाव के माध्यम से प्रशासनिक कार्रवाई तेज हो।
नवाँ, इस प्रकार की त्रासदी को केवल शोक के साथ समाप्त नहीं किया जा सकता, बल्कि इससे सीख लेकर भविष्य में ऐसे जोखिमों को न्यूनतम किया जाना चाहिए।
दसवाँ, निजी विज्ञापन कंपनियों को भी अपने नैतिक दायित्वों को समझते हुए सुरक्षित इंस्टॉलेशन सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
ग्यारहवाँ, नागरिकों को अपने निकटस्थ क्षेत्रों में होर्डिंग की स्थिति की जाँच करने में सतर्क रहना चाहिए।
बारहवाँ, कानूनी प्रणाली को शीघ्र और कठोर दण्ड के माध्यम से उल्लंघनकारियों को दमन करना चाहिए।
तेरहवाँ, इस प्रकार के दायित्वों का निर्वहन सहयोगात्मक प्रयास से ही संभव है, जिसमें सरकार, निजी क्षेत्र और आमजन सभी का योगदान आवश्यक है।
चौदहवाँ, अंततः, हमारा समाज तभी सुरक्षित हो सकेगा जब हम प्रत्येक छोटे‑से‑छोटे पहलू पर भी ध्यान देंगे और जिम्मेदारी का निर्वाह करेंगे।
पंद्रहवाँ, यही आशा है कि कार्तिक आर्यन के परिवार को इस कठिन घड़ी में शक्ति एवं शांति प्राप्त हो और भविष्य में ऐसा कोई भी दु:खद हादसा न हो।
समझता हूँ तुम क्या महसूस कर रहे हो
ऐसे समय में शब्द कम पड़ते हैं लेकिन दिल से सपोर्ट है
सब मिलकर आगे बढ़ेंगे
यह पूरी प्रणाली का बुनियादी असफलता है, ऑपरेशन रिस्क मैनेजमेंट में ग्रेन्युलर एप्रोच की कमी स्पष्ट है
विज्ञापन बोर्ड्स के स्ट्रक्चरल इंटीग्रिटी को एंटी‑सेप्टिक मानकों तक लाना चाहिए, वरना निरंतर दुरघटनाएँ अपरहेलबल बनेंगी
ऐसे कोर्रप्टेड गवर्नेंस मॉडल्स को रेनॉल्ट नेक्सस के माध्यम से दुप्पर इन्पुट देना आवश्यक है
खिल्ली यह है कि सख़्त रिग्रेशन टेस्ट और ऑडिट ट्रेल्स लागू हों, तभी हम इस बफर ज़ोन्स को टाल पाएँगे
ठीक कह रहे हो ये सुधार जरूरी है
सरकार को जल्दी से प्लान बनाना चाहिए
हम सब मिलकर इस पर दबाव डालेंगे
कार्तिक जी और उनके परिवार के प्रति गहरा संवेदना व्यक्त करता हूँ इस दुखद क्षण में
समाज को चाहिए कि इस प्रकार के सार्वजनिक सुरक्षा मुद्दों को प्राथमिकता दे
नियमित निरीक्षण एवं कड़ी नियमावली से ऐसी घटनाओं को न्यूनतम किया जा सकता है
अवांछित जोखिमों को पहचान कर समय पर हटाना चाहिए
आशा है भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सकेगा
अगर हम अभी भी लापरवाह हैं तो कौन सुधारेगा
नैतिकता और जिम्मेदारी को शब्दों में नहीं बल्कि कर्म में दिखाना चाहिए
समय आ गया है कि सब मिलकर सच्ची कार्रवाई करें