बिहार के लिए केंद्रीय बजट 2024 की घोषणा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2024 में बिहार के लिए घोषित विशेष सहायता का तहे दिल से स्वागत किया है। वित्त मंत्री ने बजट में बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान किया है, जिसमें नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना और नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित करना शामिल है।

विशेष राज्य का दर्जा: एक पुरानी मांग

हालांकि, बिहार के विशेष राज्य के दर्जे को लेकर बहस अभी भी जारी है। बिहार के अलग-अलग नेताओं में इस मुद्दे पर मतभेद हैं। कुछ नेता बिहार के विकास को ध्यान में रखते हुए बजट में घोषित परियोजनाओं का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य नेता इसके बजाय राज्य के लिए औपचारिक विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।

विरोधाभास यहाँ है कि विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार को अतिरिक्त लाभ प्राप्त हो सकते हैं, जिसमें ज्यादा वित्तीय मदद और अन्य सहूलियतें शामिल हैं। जदयू, जो कि भाजपा की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में एक प्रमुख सहयोगी पार्टी है, ने बिहार के लिए वार्षिक बजट में 30,000 करोड़ रुपये की मांग की थी। इसमें नौ नए हवाई अड्डे, चार नई मेट्रो लाइनें और सात मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए धनराशि शामिल थी।

नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "मैं केंद्रीय बजट में बिहार के लिए घोषित विशेष सहायता का स्वागत करता हूँ। यह हमारे विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम नालंदा और अन्य परियोजनाओं पर तेजी से काम करेंगे।" लेकिन इसका विरोध भी किया कि विशेष राज्य का दर्जा उपलब्ध कराना केंद्र की जिम्मेदारी है और यह लंबे समय से लंबित है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

बिहार के सबसे बड़े विपक्षी दलों में से एक, राजद ने इस बजट को निराशाजनक बताया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "बिहार को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने से हम बहुत ही निराश हैं। यह एक लंबे समय से लंबित मांग है और राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।"

विकास परियोजनाएँ और विशेष राज्य का दर्जा

सरकार ने हालांकि बिहार को कई विकास परियोजनाओं के लिए विशेष सहायता प्रदान की है, लेकिन विशेष राज्य के दर्जे की मांग जारी है। विशेष राज्य का दर्जा मिल जाने पर बिहार को अधिक वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, जिससे राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है।

विशेष राज्य का दर्जा देने का मुख्य कारण राज्य की आर्थिक पिछड़ापन होता है। इस की वजह से केंद्र सरकार को अधिक विकासात्मक परियोजनाओं को आरंभ करने और राज्य के ढांचे को सुदृढ़ करने में मदद मिलती है।

भावी कदम

आगे देखे तो, बिहार सरकार इन विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने का संकल्प ले रही है। लेकिन, साथ ही, विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के प्रयास भी जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा है कि वे केंद्र सरकार के साथ इस मुद्दे पर वार्ता जारी रखेंगे और जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकलने की उम्मीद करेंगे।

विशेष राज्य का दर्जा मिल जाने से, बिहार को केंद्र से मिलने वाली अनुदान राशि में वृद्धि होगी और यह राज्य के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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