सौरव गांगुली ने मोहम्मद शमी की गैरमौजूदगी का कारण बताया

हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले टेस्ट मैचों के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का ऐलान हुआ, जिसमें मोहम्मद शमी का नाम शामिल नहीं था। इस फैसले पर चर्चा करते हुए पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। शमी, जो भारतीय गेंदबाजी की रीढ़ माने जा सकते हैं, वनडे वर्ल्ड कप 2023 के दौरान चोटिल हो गए थे। इसके बाद से ही वह मैदान से दूर हैं और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में अपने चोट के पुनर्वास के दौर से गुजर रहे हैं। गांगुली ने बताया कि इस समय शमी की प्राथमिकता पूर्ण फिटनेस हासिल करना है।

चोट और पुनर्वास

वनडे वर्ल्ड कप 2023 के दौरान शमी को एक गंभीर चोट लगी, जो उनकी प्रदर्शन और टीम के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई। शमी ने एकदिवसीय विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन चोट ने उन्हें खेल से दूर कर दिया। इसके बाद से ही शमी बेंगलुरु स्थित NCA में पुनर्वास के दौर से गुजर रहे हैं। गांगुली ने बताया कि शमी को इन मैचों के लिए नहीं चुना जाना उनका अपना निर्णय नहीं बल्कि उनकी शारीरिक स्थिति पर आधारित है।

फिटनेस और वापसी

सौरव गांगुली का कहना है कि शमी की प्राथमिकता इस समय अपनी फिटनेस को पुनः प्राप्त करना है ताकि वह पूरी मजबूती के साथ मैदान पर वापसी कर सकें। फिटनेस के अभाव में शमी का चयन करना, टीम के लिए लाभदायक नहीं होता। गांगुली ने यह भी कहा कि टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं की यह जिम्मेदारी है कि वे खिलाड़ी के स्वस्थ होने पर ही उसे मैदान पर उतरने का मौका दें।

भविष्य की उम्मीदें

गांगुली ने संकेत दिया कि जैसे ही शमी अपनी चोट से उबर जाएंगे, उन्हें फिर से टीम में शामिल करने के बारे में सोचा जाएगा। भविष्य में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले मैचों में उनके चयन की संभावना जताई जा रही है। हालांकि चोटिल होने के कारण मैदान से उनके दूरी ने उनके फैंस को मायूस किया है, लेकिन गांगुली ने यह साफ किया कि उनकी वापसी जल्दी ही हो सकती है, बशर्ते वे पूरी तरह से फिट हो जाएं।

टीम पर असर

मोहम्मद शमी की गैरमौजूदगी का भारतीय क्रिकेट टीम पर बड़ा असर पड़ा है। उनकी गति और स्विंग गेंदबाजी का मुकाबला करना विपक्षी टीमों के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। उनकी अनुपस्थिति में टीम को नई रणनीतियों और संयोजनों पर काम करना पड़ रहा है। गांगुली के अनुसार, टीम को उनकी कमी महसूस हो रही है, लेकिन फिर भी टीम अपने बेहतरीन खेल को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

अंतिम विचार

गांगुली का मानना है कि किसी भी खिलाड़ी की पहली प्राथमिकता उसकी फिटनेस होनी चाहिए। शमी की वापसी भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण होगी, लेकिन उनकी स्वास्थ्य स्थिति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। शमी का टीम में आना भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को और मजबूती देगा, जिससे टीम के प्रदर्शन में सुधार होगा।

टिप्पणि (13)

Adrija Maitra
  • Adrija Maitra
  • सितंबर 9, 2024 AT 20:00 अपराह्न

सौरव गांगुली की बातों में एक हल्की राहत महसूस होती है। शमी की चोट को नजरंदाज करके टीम में धकेलना तो किसी को भी नहीं चाहिए। फिटनेस पर ज़ोर देना मुस्किल नहीं, लेकिन यह सही दिशा में कदम है। हमारे फैंस को आशा है कि वो जल्द ही ट्रैक पर वापस आएंगे। इस इंतजार में हम सब उनका समर्थन जारी रखेंगे।

RISHAB SINGH
  • RISHAB SINGH
  • सितंबर 13, 2024 AT 07:20 पूर्वाह्न

शमी की वापसी की उम्मीद में सबका धैर्य परीक्षा पर है।

Deepak Sonawane
  • Deepak Sonawane
  • सितंबर 16, 2024 AT 18:40 अपराह्न

वास्तव में, चयन प्रक्रिया में इंट्रेंड मैकेनिज्म और कॉन्सिडरेशन मैट्रिक्स को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। शमी की वर्तमान फिजियोथेरेपी प्रोटोकॉल को क्वांटिटेटिव एन्हांसमेंट के साथ इंटीग्रेट करना आवश्यक है। वॉरंटी मोड में उपयोग होने वाले बायोमैकेनिकल पैरामीटर्स को क्लिनिकल इन्पुट के साथ कॉरिलेट करना चाहिए। यह न सिर्फ एथलेटिक रिकवरी को ऑनराइज करेगा, बल्कि चयन की वैधता को भी स्ट्रॉन्ग बनायेगा। इस फ्रेमवर्क के बिना, कोई भी एग्जीक्यूटिव डिसीजन स्पार्स इन्फॉर्मेशन पर बेस्ड रहता है।

Suresh Chandra Sharma
  • Suresh Chandra Sharma
  • सितंबर 20, 2024 AT 06:00 पूर्वाह्न

भाईसाहब, शमी की चोट की रिहैबिलिटेशन प्रोसेस को देख कर लग रहा है कि NCA ने सही ट्रैक पर कदम रखा है। एक छोटी सी टिप: अगर वो स्पीड ट्रेनिंग में धीरे-धीरे इंटेंसिटी बढ़ाएँ, तो फिटनेस जल्दी वापस आएगी। साथ ही, फ़िज़ियोथेरेपिस्ट से रेगुलर फीडबैक लेना भी फायदेमंद रहेगा। उम्मीद है वो जल्द ही टीम में अपनी जगह पाएँगे।

sakshi singh
  • sakshi singh
  • सितंबर 23, 2024 AT 17:20 अपराह्न

पहले तो यह मान लेना कि शमी की अनुपस्थिति सिर्फ एक अस्थायी खोखला भाग है, सही नहीं होगा; बल्कि यह भारतीय पिच पर एक गहरी रणनीतिक ख़ाली जगह का संकेत देता है। उनका स्विंग और गति मिश्रण कई विरोधी टीमों को परेशान करता है, और उसकी कमी से टीम को नई संयोजन खोजनी पड़ रही है। गांगुली की बातों में यह स्पष्ट है कि चयनकर्ता अब केवल हालिया प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक फिटनेस को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह भी समझ में आता है कि एक खिलाड़ी को तभी मैदान में भेजा जाए जब वह पूरी तरह से सशक्त हो, नहीं तो टीम पर बोझ बन सकता है। शमी को इस समय पूरा ध्यान अपने शरीर के पुनर्निर्माण पर देना चाहिए, निरंतर फिजियोथेरेपी और कॉम्प्रेशन मॉडलों का उपयोग करके। उसके साथ-साथ, डाइटरी प्लान को भी प्रोटीन-रिच और एंटी‑ऑक्सिडेंट से भरपूर बनाना लाभकारी रहेगा। इस प्रक्रिया में टीम मैनेजमेंट को भी भूमिका निभानी चाहिए, जैसे कि उन्हें मानसिक सहयोग देना और पुनरावृत्ति की संभावनाओं को कम करना। यदि शमी अपनी फिटनेस को पूर्णतः पुनः स्थापित कर लेता है, तो वह न केवल बॉलिंग विकल्पों में फर्क लाएगा, बल्कि बैंटमिनिंग स्ट्रैटेजी को भी समृद्ध करेगा। इस पहलू को देखते हुए, चयनकर्ता को शमी को धीरे‑धीरे रिटर्न प्लान में शामिल करना चाहिए, जैसे छोटे‑छोटे ओवर में स्पैरल गेंदें देना। यह एक तरह से परीक्षण का माध्यम बनेगा, जिससे व्यावहारिक रूप से उनकी फॉर्म को पुनः जाँच किया जा सके। अगर इस चरण में शमी की प्रदर्शन संतोषजनक रहती है, तो उसे मुख्य श्रृंखला में पुनः स्वागत करने में कोई रोक नहीं होगी। इससे न केवल टीम की बॉलिंग डीप्थ बढ़ेगी, बल्कि बायटिंग लाइन‑अप पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि भरोसेमंद बॉलर्स के सामने बॅट्समैन अधिक आत्मविश्वास से खेलते हैं। इसके अलावा, शमी की वापसी से युवा तेज़ पिचर को एक रोल मॉडल मिलेगा, जिससे अगली पीढ़ी के स्पिनर और पेसर दोनों को प्रेरणा मिलेगी। कुल मिलाकर, फिटनेस की प्राथमिकता देना एक समझदारी भरा कदम है, लेकिन इसे लचीले ढंग से लागू करना आवश्यक है, ताकि शमी को आत्मविश्वास के साथ वापस लाया जा सके। अंत में, हम सभी आशा करते हैं कि वह जल्द ही अपने शिखर पर लौटे और टीम को नई ऊँचाइयों पर ले जाए।

Hitesh Soni
  • Hitesh Soni
  • सितंबर 27, 2024 AT 04:40 पूर्वाह्न

उल्लेखनीय रूप से, शमी के पुनरुद्धार को लेकर प्रस्तुत तर्क में कुछ वैचारिक अतिव्यापकता देखी जा सकती है। हालांकि फिटनेस को प्राथमिकता देना आवश्यक है, परंतु चयन प्रक्रिया में स्पोर्ट्स साइंस के मात्रात्मक आंकड़े को अधिक वजन देना चाहिए। यह न केवल चयन की पारदर्शिता को बढ़ाता है, बल्कि टीम के प्रदर्शन को भी स्थिर करता है। अतः, बायोमैकेनिकल प्रोफाइल के साथ क्लिनिकल डेटा को एकीकृत करने का प्रस्ताव उचित प्रतीत होता है।

rajeev singh
  • rajeev singh
  • सितंबर 30, 2024 AT 16:00 अपराह्न

भारतीय क्रिकेट की समृद्ध परम्परा में, प्रत्येक खिलाड़ी का योगदान अनमोल रहा है। शमी जैसी प्रतिभा का अभाव टीम में अभिप्रेत रणनीतिक विकल्पों को सीमित कर सकता है। हालांकि, चयनकर्ता की वर्तमान नीति को समझते हुए, हमें यह मानना पड़ेगा कि स्वास्थ्य ही प्रथम प्राथमिकता है। भविष्य में उनकी पूर्ण स्वस्थ्य वापसी टीम को नई ऊर्जा प्रदान करेगी। इस दिशा में सबको सहयोगी रवैया अपनाना चाहिए।

ANIKET PADVAL
  • ANIKET PADVAL
  • अक्तूबर 4, 2024 AT 03:20 पूर्वाह्न

देशभक्तियों के रूप में हमारा कर्तव्य है कि हम अपने खेल के सर्वोच्च मानकों को बनाए रखें और किसी भी खिलाड़ी की स्थिति का मूल्यांकन विज्ञान आधारित दृष्टिकोण से करें; शमी की वर्तमान शारीरिक अस्वस्थता को लेकर जो निर्णय लिया गया वह निस्संदेह एक जिम्मेदार और राष्ट्रीय हितों के अनुरूप कदम है, क्योंकि यदि हम अभ्यस्त नहीं होते तो निरंतर पीड़ित खिलाड़ियों को मैदान में उतार कर न केवल उनकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य को जोखिम में डालते बल्कि राष्ट्रीय गौरव को भी धूमिल कर देते; इस कारण से चयनकर्ताओं को चाहिए कि वे व्यावसायिक फिटनेस मानकों के साथ-साथ नैतिक दायित्वों को भी संतुलित रखें; हमें यह याद रखना चाहिए कि खेल में विजय केवल शक्ति और कौशल से नहीं, बल्कि नैतिकता और आत्म-नियंत्रण से भी जुड़ी होती है; अतः, शमी को पुनः एकत्रित करने से पहले उनकी कुल फिटनेस का सख्त मूल्यांकन होना चाहिए, जिसमें शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और पुनरावृत्ति संभावनाओं को पूरी तरह से मापा जाये; यदि इस प्रक्रिया में वे सभी मानकों को पूरा कर लेते हैं, तो उनका चयन न केवल न्यायसंगत होगा बल्कि यह हमारी टीम और राष्ट्र दोनों के लिए प्रेरणास्रोत भी बन जायेगा।

Shivangi Mishra
  • Shivangi Mishra
  • अक्तूबर 7, 2024 AT 14:40 अपराह्न

शमी की निरंतर रिहैबिलिटेशन को देखते हुए, टीम को उनका समर्थन जारी रखना चाहिए। जब तक पूरी तरह फिट नहीं हों, उन्हें स्नैप प्ले में नहीं लाना चाहिए। इससे सभी को स्पष्ट दिशा मिलेगी।

ahmad Suhari hari
  • ahmad Suhari hari
  • अक्तूबर 11, 2024 AT 02:00 पूर्वाह्न

सौरव गांगुली जी ने जो बिंदु उल्लेखित किये वो स्पष्ट रूप से चयन के मानदण्डों को उजागर करता हे। शमी के पुनर्वास के दौरान फिटनेस को प्राथमिकता देना एक उचित निर्णय हे। इस प्रकार के निर्णय टीम के दीर्घकालिक लाभ के लिये सटीक प्रतीत होते हे। आशा है कि वे शीघ्र ही पूर्ण रूप से स्वस्थ हो कर वापस आयेंगे।

shobhit lal
  • shobhit lal
  • अक्तूबर 14, 2024 AT 13:20 अपराह्न

भाई यार, फिटनेस की बात तो ठीक है पर कभी कभी टीम को थोड़ी जोखिम भी लेना चाहिए। शमी जैसे खिलाड़ी को लगातार बेंच से देखना बोरिंग लग सकता है। अगर थोड़ा‑थोड़ा करके फिर से रोल दे दिया जाए तो सबको मज़ा आएगा।

suji kumar
  • suji kumar
  • अक्तूबर 18, 2024 AT 00:40 पूर्वाह्न

शमी की स्थिति को देखते हुए, चयनकर्ता जो निर्णय ले रहे हैं, वह कई पहलुओं को सम्मिलित करता है, जैसे कि उनका शारीरिक स्वास्थ्य, प्रेडिक्टेड परफॉर्मेंस, और टीम की वर्तमान बैलेंस, इन सभी को ध्यान में रखकर ही एक निष्पक्ष चयन हो सकता है, यह प्रक्रिया न केवल वैज्ञानिक डेटा पर आधारित होनी चाहिए, बल्कि अनुभवी कोचों की अंतर्दृष्टि को भी समाहित करना चाहिए, क्योंकि केवल आँकड़े कभी‑कभी खिलाड़ी की प्रेरणा और मनोवैज्ञानिक स्थिति को नहीं पकड़ पाते, इस कारण से एक समग्र मूल्यांकन आवश्यक है, जिससे टीम के भविष्य के लिए एक स्थिर और सशक्त बॉलिंग अटैक तैयार किया जा सके।

Ajeet Kaur Chadha
  • Ajeet Kaur Chadha
  • अक्तूबर 21, 2024 AT 12:00 अपराह्न

ओह, ज़रूर, शमी को बेंच पर छोड़ना तो उनका ही फ़ायदा है, नहीं तो हम सबको जीत का मज़ा कभी नहीं मिलता।

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