राजस्थान में बरसात के कारण चेतावनी जारी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पिछले दो दिनों में प्राप्त मॉडल डेटा के आधार पर राजस्थान के पाँच जिलों—जोधपुर, अजमेर, बीकानर, संधु और बांसवाड़ा—में इस सप्ताह अंत तक तेज़ बारिश की संभावना घोषित की है। विभाग के अनुसार, अगले 72 घंटों में इन क्षेत्रों में 100 मिमी से अधिक वर्षा गिरने की संभावना है, जो सामान्य परिस्थितियों से कई गुना अधिक है।

इस चेतावनी को देखते हुए राज्य सरकार ने तुरंत ही आपातकालीन प्रबंधन टीम को सक्रिय कर दिया है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बड़े भागों में भी समान चेतावनी जारी होने की संभावना है, पर राजस्थान जितनी तीव्रता अभी तक नहीं देखी गई है।

बारिश चेतावनी के साथ ही कई स्थानीय प्रशासनिक इकाइयों ने सड़कों, जल निकायों और कृषि क्षेत्र में संभावित बाढ़ के जोखिम को लेकर विस्तृत मानचित्र तैयार किए हैं। ये मानचित्र जल स्तर, मौजूदा जल निकासी प्रणाली और जिले के भूवैज्ञानिक स्वरूप को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि अतीत में जब इसी तरह की भारी वर्षा हुई, तो कई गाँवों में सड़कों का कटाव, खेतों में जल-भराव और खेतों में फसल को नुकसान हुआ था। इस बार उन्होंने पहले ही तैयारियों की प्रक्रिया शुरू कर दी है:

  • स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन ने आपातकालीन शरण स्थल स्थापित करने का आदेश दिया।
  • पर्यटन स्थल और स्कूलों को तुरंत बंद कर दिया गया है, ताकि भीड़भाड़ से बचा जा सके।
  • सड़क निर्माण विभाग ने संभावित बाढ़‑प्रभावित क्षेत्रों में जल निकास के लिए अस्थायी पुल और बायपास तैयार किए हैं।
  • कृषि विभाग ने किसानों को फसल बचाव हेतु तात्कालिक सहायता प्रदान करने का संकेत दिया, जिसमें बाढ़‑रोधी जाल और सतह‑जल निकासी उपाय शामिल हैं।

आवश्यकता पड़ने पर स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्रों में अतिरिक्त दवाइयाँ और जल‑शुद्धि किटें रखी हैं। साथ ही, ऐतिहासिक डेटा के आधार पर क्षेत्र में संभावित जल‑जनित रोगों की निगरानी के लिए विशेष टीम तैनात की गई है।

नागरिक भी इस चेतावनी को गंभीरता से ले रहे हैं। कई लोगों ने अपने घरों के करीब स्थित निचले इलाकों में पानी जमा होने से बचने के लिए रेत या पत्थर के टेढ़े-मेढ़े ढांचे बनाए हैं। सोशल मीडिया पर भी स्थानीय लोगों की मदद के लिए समुदाय‑आधारित प्रयास दिख रहे हैं, जहाँ लोग एक-दूसरे को आवश्यक वस्तुएँ और जानकारी साझा कर रहे हैं।

IMD ने यह सुझाव भी दिया है कि यदि आप जल स्रोत के नजदीक रहते हैं तो जल्द से जल्द सुरक्षित ऊँचे स्थान पर जाएँ। इसके अलावा, यदि आप यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो मौसम की ताज़ा रिपोर्ट को नियमित रूप से देखना और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।

टिप्पणि (9)

Vishwas Chaudhary
  • Vishwas Chaudhary
  • सितंबर 28, 2025 AT 03:57 पूर्वाह्न

राजस्थान के बाढ़ चेतावनी को लेकर कुछ लोगों को लापरवाह समझते हैं लेकिन हकीकत यह है कि इस तरह की भारी बारिश हमारे देश की बुनियादी ढांचा को जल्दी ही चुनौती देती है

Rahul kumar
  • Rahul kumar
  • अक्तूबर 3, 2025 AT 22:51 अपराह्न

सच कहा तो ये चेतावनी कभी‑कभी अतिशयोक्तिपूर्ण लगती है लेकिन फिर भी सावधानी रखना फर्ज है, बेशक कुछ लोग कहेंगे कि मौसम विभाग ने हंगामा कर दिया है

indra adhi teknik
  • indra adhi teknik
  • अक्तूबर 9, 2025 AT 17:44 अपराह्न

अगर आप अपने घर के करीब जल स्रोत है तो तुरंत सैंडबैग लगाना शुरू करें और बोरे में रखी सूखी बालू से एक छोटा बंध बनाएं ताकि पानी का प्रवाह नियंत्रित रहे

Kishan Kishan
  • Kishan Kishan
  • अक्तूबर 15, 2025 AT 12:37 अपराह्न

वाह! फिर से बाढ़ की चेतावनी, जैसे हर साल नई चीज़ मिल रही हो, लेकिन चलिए, हम सब मिलकर इस बार भी "सतहावर" के लड़के को फिर से उत्पन्न नहीं करने देते!
पहले तो स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन शरणस्थल तैयार कर रखा है, यह लाजवाब है; दूसरा, स्कूलों को बंद कर दिया गया, बच्चों को घर पर रहने का मौका मिला!
तीसरा, सड़क निर्माण विभाग ने अस्थायी पुल बना रखे हैं, तो फिर भी कौन‑से कारकों से बाढ़ का डर बना रहता है?
चौथा, कृषि विभाग ने फसल बचाव के लिए जाल और जल निकासी उपाय बताए हैं, तो फसलों के लिए यह तो वरदान है!
पाँचवा, स्वास्थ्य विभाग ने जल‑शुद्धि किट रखी है, इस तरह के छोटे‑छोटे उपाय अक्सर बड़े बाढ़‑प्रभाव को घटाते हैं।
छठा, सामाजिक मीडिया पर लोग ट्रैम्पोलिन बनाकर मदद कर रहे हैं, लेकिन क्या इससे जल‑जनित रोगों का खतरा नहीं बढ़ेगा?
सातवाँ, अगर आप ऊँचे स्थान पर नहीं जा सकते तो कम से कम अपनी बारी में पंप लगाकर पानी निकालें!
आठवाँ, बाढ़ के बाद पालतू जानवरों की देखभाल भी जरूरी है, क्योंकि वे भी जल‑जनित संक्रमण से vulnerable होते हैं।
नौवां, स्थानीय प्रशासन के पास 24‑घंटे हेल्पलाइन है, जो कि लोगों को तुरंत मदद पहुँचाने में सहायक है।
दसवाँ, मैं सुझाव देता हूँ कि आप अपने घर में एक छोटा फायर‑इंस्ट्रमेंट तैयार रखे ताकि बिजली कटती ही आप पावर जेनरेटर चलाने में सक्षम हों।
ग्यारहवाँ, इस तरह की चेतावनियों को हल्के में न लें, अन्यथा बाद में खेद होगा।
बारहवाँ, यदि आप यात्रा कर रहे हैं तो स्थानीय ड्राइवरों से रूट अपडेट ले, क्योंकि कई सड़कें जलमग्न हो सकती हैं।
तेरहवाँ, हर बार जब बाढ़ आती है, तो लोग एकत्रित होते हैं, लेकिन अब हमें व्यक्तिगत रूप से भी तैयार रहना चाहिए।
चौदहवाँ, याद रखें, बाढ़ से बचाव में सामुदायिक सहयोग ही सबसे बड़ा हथियार है।
पंद्रहवाँ, अंत में यही कहूँगा: तैयार रहिए, सतर्क रहिए, और एक-दूसरे की मदद कीजिए, तभी हम इस प्राकृतिक आपदा का सामना कर पाएँगे।

richa dhawan
  • richa dhawan
  • अक्तूबर 21, 2025 AT 07:31 पूर्वाह्न

क्या आप जानते हैं कि इस तेज़ बारिश का कारण कुछ सरकारों द्वारा नियंत्रित मौसम प्रयोग है? यह सारा डेटा इकट्ठा किया गया था और फिर से मनगढ़ंत खबरें बनाकर लोगों को डराया जाता है

Balaji S
  • Balaji S
  • अक्तूबर 27, 2025 AT 02:24 पूर्वाह्न

जलवायु परिवर्तन की परिप्रेक्ष्य में देखे तो यह चेतावनी एक पारस्परिक ज्ञान विनिमय का अवसर बनती है; सामाजिक संरचना को स्थायित्व के साथ पुनःपरिभाषित करने की आवश्यकता है; स्थानीय प्रशासन को बहु‑स्तरीय जोखिम प्रबंधन मॉडल अपनाना चाहिए; बाढ़‑रोधी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सामुदायिक सहभागिता को प्राथमिकता देना चाहिए; मनोवैज्ञानिक लचीलापन भी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है; इसलिए, न केवल तकनीकी उपायों पर ध्यान दें, बल्कि सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम भी चलाएँ; इस प्रकार हम सतत विकास लक्ष्य (SDGs) के साथ सामंजस्य स्थापित कर सकेंगे

Purnima Nath
  • Purnima Nath
  • नवंबर 1, 2025 AT 21:17 अपराह्न

चलो सब मिलकर मदद करें!🌧️

Deepak Kumar
  • Deepak Kumar
  • नवंबर 6, 2025 AT 12:24 अपराह्न

कभी‑कभी छोटे‑छोटे रेत के बैग लगा देना ज्यादा मददगार सिद्ध हो सकता है

Shivam Kuchhal
  • Shivam Kuchhal
  • नवंबर 11, 2025 AT 03:31 पूर्वाह्न

अतिक्रमण से बचने हेतु, सभी नागरिकों को समय‑समय पर आधिकारिक अपडेट को फॉलो करना चाहिए और निर्दिष्ट सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी चाहिए।

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