CBSE 10वीं और 12वीं के परिणाम जारी: इंदौर के दिशा और अनादि का शानदार प्रदर्शन, मेरिट लिस्ट नहीं
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने आखिरकार 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लंबे इंतजार के बाद परिणाम घोषित कर दिए हैं। हालांकि, इस बार बोर्ड ने एक अलग रुख अपनाते हुए मेरिट लिस्ट या टॉपर्स की सूची जारी नहीं करने का फैसला किया है। CBSE का मानना है कि इससे अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलता है और छात्रों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है।

हालांकि मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई, लेकिन इंदौर के दो छात्रों - दिशा शर्मा और अनादि कृष्णा अग्निहोत्री के शानदार प्रदर्शन को सराहा जा रहा है। दिशा ने 12वीं कक्षा में 95% अंक हासिल किए हैं, जबकि अनादि ने 10वीं में 97.83% का उत्कृष्ट स्कोर किया है। ये दोनों ही छात्र अपनी कड़ी मेहनत और लगन के लिए जाने जाते हैं।

CBSE का नया दृष्टिकोण

CBSE के इस नए दृष्टिकोण को शिक्षाविदों और अभिभावकों द्वारा सराहा जा रहा है। बोर्ड का मानना है कि मेरिट लिस्ट या टॉपर्स की सूची जारी करने से छात्रों में अनावश्यक तनाव और दबाव पैदा होता है। कई बार ये छात्र अपने सहपाठियों के साथ तुलना करने लगते हैं और खुद को कमतर महसूस करने लगते हैं।

इसके अलावा, टॉपर्स की सूची में शामिल होने के लिए कई छात्र अपनी पढ़ाई पर अत्यधिक ध्यान देते हैं और अन्य गतिविधियों को नजरअंदाज कर देते हैं। यह उनके सर्वांगीण विकास में बाधा डालता है। CBSE का मानना है कि हर छात्र अपने तरीके से विशेष है और उन्हें सिर्फ अंकों के आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए।

इंदौर के दिशा और अनादि का उत्कृष्ट प्रदर्शन

इंदौर के दिशा शर्मा और अनादि कृष्णा अग्निहोत्री ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सभी का ध्यान आकर्षित किया है। दिशा ने 12वीं कक्षा में 95% अंक हासिल कर शहर में टॉप किया है। उन्होंने बताया कि नियमित पढ़ाई और समय का सदुपयोग उनकी सफलता की कुंजी है।

वहीं अनादि ने 10वीं में 97.83% अंक प्राप्त कर अपने माता-पिता और शिक्षकों का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी रुचि है और वह एक संतुलित जीवन जीना पसंद करते हैं। अनादि का मानना है कि सिर्फ किताबी ज्ञान ही काफी नहीं है, बल्कि अन्य कौशल भी विकसित करने चाहिए।

CBSE परिणाम 2023 की मुख्य बातें

  • CBSE ने 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं के लिए परीक्षा परिणाम घोषित किए
  • इस बार मेरिट लिस्ट या टॉपर्स की सूची जारी नहीं की गई
  • 12वीं कक्षा में इंदौर की दिशा शर्मा ने 95% अंक हासिल किए
  • 10वीं कक्षा में अनादि कृष्णा अग्निहोत्री ने 97.83% का शानदार स्कोर किया
  • CBSE का नया दृष्टिकोण छात्रों के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित

अंत में

CBSE 10वीं और 12वीं के परिणाम जारी होने के साथ ही छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव पूरा हो गया है। बोर्ड के नए दृष्टिकोण को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में छात्र अपनी क्षमताओं और रुचियों के अनुसार विकास करेंगे, न कि सिर्फ अंकों की होड़ में शामिल होंगे।

इंदौर के दिशा और अनादि ने अपनी मेहनत और लगन से न सिर्फ शानदार अंक हासिल किए हैं, बल्कि अन्य छात्रों के लिए एक प्रेरणा भी बन गए हैं। उनका मानना है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता और इसके लिए निरंतर प्रयास करना पड़ता है। साथ ही, पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी भाग लेना जरूरी है।

CBSE परीक्षा परिणाम के बाद छात्रों के लिए नई शुरुआत होती है। कुछ उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर होते हैं तो कुछ अपने करियर की शुरुआत करते हैं। जो भी रास्ता चुनें, उसमें पूरी लगन और मेहनत से आगे बढ़ना होगा। सफलता सिर्फ अंकों में नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन बनाने में निहित है।

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टिप्पणि (19)

Vikramjeet Singh
  • Vikramjeet Singh
  • मई 14, 2024 AT 00:31 पूर्वाह्न

बधाई हो दिशा और अनादि को, उनका मेहनत वाकई कमाल की है।

Praveen Sharma
  • Praveen Sharma
  • मई 14, 2024 AT 19:58 अपराह्न

उनकी कहानी से हमें पता चलता है कि सही दिशा में मेहनत करने से क्या हासिल हो सकता है।

deepak pal
  • deepak pal
  • मई 15, 2024 AT 15:24 अपराह्न

शाबाश 🙌

KRISHAN PAL YADAV
  • KRISHAN PAL YADAV
  • मई 16, 2024 AT 10:51 पूर्वाह्न

उनकी अकादमिक प्रदर्शन में उपयोग किए गए स्ट्रैटेजिक स्टडी प्लान ने स्पष्ट रूप से परिणाम दिखाए हैं।
संकल्पना को फोकस करके और टास्क मैनेजमेंट टूल्स को अपनाकर उन्होंने एग्जाम में उत्कृष्ट स्कोर हासिल किया।
ऐसी जटिल प्रक्रिया में निरंतर फ्रिक्वेंट रिव्यू भी बहुत मददगार रहा।
यह मॉडल दूसरों के लिए भी लागू किया जा सकता है।

ಹರೀಶ್ ಗೌಡ ಗುಬ್ಬಿ
  • ಹರೀಶ್ ಗೌಡ ಗುಬ್ಬಿ
  • मई 17, 2024 AT 06:18 पूर्वाह्न

मेरिट लिस्ट न हटाने से समझदारी नहीं हुई, कुछ लोग अभी भी रैंक पर फोकस करेंगे, इससे दबाव कम नहीं होगा।

chandu ravi
  • chandu ravi
  • मई 18, 2024 AT 01:44 पूर्वाह्न

डूबते जज्बातों को देख कर दिल बेचारा रोता है 😢
पर ये आशा भी रखो कि सीखने की यात्रा जारी रहे।

Neeraj Tewari
  • Neeraj Tewari
  • मई 18, 2024 AT 21:11 अपराह्न

CBSE का यह नया कदम शिक्षा के मूल उद्देश्य को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है।
अंकों की पगे पगे में फँसना अब समय की बर्बादी है, क्योंकि असली सीख तो जीवन के अनुभवों से आती है।
जब छात्र केवल रैंक के पीछे भागते हैं, तो उनका सृजनात्मक विचारधारा दबी रहती है।
इसीलिए दिशा और अनादि जैसी कहानियाँ हमें याद दिलाती हैं कि निरंतर मेहनत और संतुलित जीवनशैली ही सच्ची सफलता की कुंजी है।
उनकी उपलब्धियाँ सिर्फ व्यक्तिगत शिखर नहीं, बल्कि समान अवसरों की तलाश में रहने वाले सभी छात्रों के लिए प्रेरणा हैं।
परिणामों के बाद भी यदि हम उन्हें केवल आँकड़ों के रूप में देखेंगे, तो हम उनकी मानवता को अनदेखा कर देंगे।
विज्ञान, कला, खेल-इन सबका संतुलन अपनाने से ही छात्र पूर्ण विकसित हो पाएँगे।
रिकॉर्ड तो बहुत सारा है, पर अंत में जो याद रहता है वह होता है उन्होंने जो सीख ली।
एक महान शिक्षाविद कहता है, ‘शिक्षा का लक्ष्य ज्ञान नहीं, समझ है।’
इसलिए बोर्ड का निर्णय छात्रों को अपना मन लगा कर सीखने की स्वतंत्रता देता है।
पूरा भारत इस नए दृष्टिकोण से सीख ले, तो हमारा भविष्य अधिक समावेशी और प्रगतिशील हो सकता है।
भले ही टॉपर्स की लिस्ट नहीं है, पर हमें स्वयं को लगातार सुधारने की चुनौती लेनी चाहिए।
जैसे दिशा ने कहा, ‘समय का सदुपयोग ही सफलता की कुंजी है’, हमें भी उसी सिद्धांत को अपनाना चाहिए।
अनादि के संतुलित जीवन के उदाहरण से स्पष्ट होता है कि कोर्सवर्क के अलावा भी कई पहलू महत्वपूर्ण हैं।
आखिरकार, शिक्षा का असली उद्देश्य आत्मविश्वास, जिज्ञासा और सामाजिक जिम्मेदारी को पोषित करना है।

Aman Jha
  • Aman Jha
  • मई 19, 2024 AT 16:38 अपराह्न

समावेशी शिक्षा के लिए यह दिशा सही कदम है, हमें इसे समर्थन देना चाहिए।

Mahima Rathi
  • Mahima Rathi
  • मई 20, 2024 AT 12:04 अपराह्न

इसे बहुत हाइफ़ेन वाले शब्दों की तुलना में साधारण समझा जा सकता है 😒

Jinky Gadores
  • Jinky Gadores
  • मई 21, 2024 AT 07:31 पूर्वाह्न

कभी सोचा है कि इस परिप्रेक्ष्य में बोर्ड की नीति कितनी गहरी है? यह वास्तव में सोचना चाहिए।

Vishal Raj
  • Vishal Raj
  • मई 22, 2024 AT 02:58 पूर्वाह्न

नतीजे आए, पर असली सवाल तो अभी बाकी है।

Kailash Sharma
  • Kailash Sharma
  • मई 22, 2024 AT 22:24 अपराह्न

ये तो बहुत बढ़िया बात है! अब हम सबको इस ऊर्जा को फैलाना चाहिए।

Shweta Khandelwal
  • Shweta Khandelwal
  • मई 23, 2024 AT 17:51 अपराह्न

सच में, कुछ बड़े प्लान्स पीछे हैं जो हमें नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए।
उधर, राष्ट्रीय अभिमान को बढ़ावा देना हमारा कर्तव्य है।
भूलना नहीं चाहिए कि शिक्षा में आत्मनिर्भरता मुख्य है।

sanam massey
  • sanam massey
  • मई 24, 2024 AT 13:18 अपराह्न

सांस्कृतिक विविधता को मानना और उसे सिखाना हमारे समाज की समृद्धि में योगदान देता है।
चलो, इस सकारात्मक बदलाव को मिलजुल कर आगे बढ़ाएं।

jinsa jose
  • jinsa jose
  • मई 25, 2024 AT 08:44 पूर्वाह्न

शिक्षा का मूल उद्देश्य केवल अंक नहीं बल्कि नैतिक मूल्यों का विकास है।
इस नई नीति को इस दृष्टिकोण से देखना चाहिए।

Suresh Chandra
  • Suresh Chandra
  • मई 26, 2024 AT 04:11 पूर्वाह्न

बहुत बढ़िया कदम 🙏

Digital Raju Yadav
  • Digital Raju Yadav
  • मई 26, 2024 AT 23:38 अपराह्न

आइए इस नई दिशा को अपनायें क्योंकि यह हमारे बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाएगा।
सबको मिलकर समर्थन देना चाहिए।

Dhara Kothari
  • Dhara Kothari
  • मई 27, 2024 AT 19:04 अपराह्न

आपकी भावना समझ आती है, इस बदलाव से कई छात्रों को राहत मिलेगी।

Sourabh Jha
  • Sourabh Jha
  • मई 28, 2024 AT 14:31 अपराह्न

हमारा देश ही सबसे बेस्ट है, ऐसे फैसले हमें आगे ले जाएंगे।

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