जब बाबर आज़ाम ने Pakistan Pakistan cricket team को आगे बढ़ाया, तो West Indies cricket team को 284/5 से ट्रैक्टर पर 5 विकेट से मात मिल गई। यह जीत 8 अगस्त 2025 को पहला ODIBrian Lara Stadium, Tarouba, Trinidad पर खेला गया था। लक्ष्य 280 रन थी, और पाकिस्तान ने इसे 48.5 ओवर में हासिल कर ली, जो क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक चौंकाने वाली कहानी थी।
वेस्ट इंडीज ने पहले बैटिंग करते हुए 49 ओवर में 280/10 बनाए। ओपनर फ्रैंकली डेमर्स और शैना इनसुला ने शुरुआती झंझट में कई रन बनाए, पर अंत में पिच के हल्के सिंगल्स ने टीम को थकाकर रख दिया। जवाब में पाकिस्तान ने बॉलिंग क्रम में शहीन अफ़रदी और नसीम शाह की तेज़ी से दबाव कायम किया, जिससे शुरुआती विकेट गिरे। लेकिन मोहम्मद रिज़वान ने सॉलिड फिनिशिंग की, और बाबर ने 68 रन बनाए, जिससे लक्ष्य सिर्फ़ 5 विकेट पर रह गया।
अंत के क्षणों में शाई होप की तेज़ बॉलिंग ने कुछ रनों को रोक दिया, पर पाकिस्तान का गठबंधन शांत रहा और जीत पक्की कर ली।
इस ODI से ठीक पहले, दोनों टीमों ने एक तीन मैचों की T20I सीरीज़ पूरी की थी, जिसमें पाकिस्तान ने 2-1 से जीत दर्ज की थी। पहली T20I में पाकिस्तान ने 178/6 से जीत हासिल की, जबकि दूसरे मैच में वेस्ट इंडीज ने आख़िरी गेंद पर 134 का पीछा जीत लिया – 2017 के बाद उनका पहला जीत था। तिसरे मैच में बाबर ने 73* बनाकर टीम को 13 रनों से जीत दिलाई। यह जीत की भावना यूँही ODI में बदल गई, लेकिन पिच और खेल शैली ने थोड़ा अलग रीडिंग दी।
कहानी का मज़ा यहाँ से ही शुरू होता है – T20I में जीतने के बाद निराशा नहीं, बल्कि नई रणनीति बनाकर आने वाले बड़े फ़ॉर्मेट की तैयारी।
Brian Lara Stadium की पिच हमेशा से "बैलेंस्ड" मानी जाती है। शुरुआती ओवर में नई बॉल की गति और बाउंस बॉलर्स को कुछ हिलाते हैं, खासकर लाइट्स के नीचे। जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता है, पिच धीरे-धीरे धीमी होती है और स्पिनरों को अधिक मदद मिलती है। यह कारण है कि दोनों टीमों ने ऑरलैंड में 350+ के उच्च स्कोर का अनुमान लगा रखा था, पर वास्तविकता में 260-280 के बीच का लक्ष्य भी काफ़ी प्रतिस्पर्धी रहता है।
फील्डिंग एरिया में हल्की स्लोइंग के कारण शॉट्स की सटीकता पर ध्यान देना पड़ता है। इसलिए, बटिंग में धैर्य और सही टाइमिंग का मिश्रण जीत का मुख्य कारक बनता है।
बाबर आज़ाम ने 68 रन बनाए, जबकि रिज़वान ने 47* से फिनिश किया। उनके अलावा, शहीन अफ़रदी ने 3 विकेट लिये और नसीम शाह ने 2 विकेट के साथ महत्वपूर्ण ओवर दोड़े। दूसरी तरफ, शाई होप ने 57* बनाकर अपना खुद का लीड जारी रखा, और जेडन सीज़ ने 4/12 के साथ बॉलिंग में चमके। Dream11 के प्रेडिक्शन में बाबर और गुडाकेश मोती को कैप्टन चुना गया था, जो उनके हालिया फॉर्म को दर्शाता है।
ट्रैक्टर पर टीमों की रणनीति भी बारीकी से देखी गई – पाकिस्तान ने पहले पावरप्ले में तेज़ स्कोर करना चाहा, जबकि वेस्ट इंडीज ने मध्य ओवर में कंट्रोल बनाकर रनों को सीमित किया। अंत में, दोनों टीमों ने ऑरेंज का सही उपयोग करके एक-दूसरे को चुनौती दी।
पहली जीत के बाद, पाकिस्तान ने 10 अगस्त को दूसरी ODI खेली, जिसमें वे फिर भी 5 विकेट से जीत गए। लेकिन तीसरे मैच में वेस्ट इंडीज ने धूम मचा दी – 294/6 बनाकर और पाकिस्तान को 92/10 पर फँसा दिया, जिससे सीरीज़ का स्कोर 2-1 वेस्ट इंडीज के पक्ष में हो गया। इस जीत ने वेस्ट इंडीज को 1988 के बाद पहली बार घर पर सीरीज़ जीताने का गर्व दिलाया। शाई होप ने पूरे टूर में 207 रन बनाए, वह सीरीज़ के टॉप स्कोरर बने, जबकि जेडन सीज़ ने 8 विकेट के साथ बेस्ट बॉलर का ताज पहना।
इस सीरीज़ से दोनों टीमों को क्या सीख मिली? पाकिस्तान को तेज़ फ़ील्डिंग और पिच के अनुसार एडेप्टेशन पर काम करना होगा, जबकि वेस्ट इंडीज को अपने बॉलिंग जड़ को और मजबूत बनाना पड़ेगा। आने वाले महीने में दोनों टीमों की रैंकिंग और वर्ल्ड कप क्वालिफ़िकेशन पर इसका असर ज़रूर दिखेगा।
पहली जीत ने टीम का आत्मविश्वास बढ़ाया, पर लगातार खेलते रहने से बॉलिंग में विविधता की जरूरत स्पष्ट हुई। अगली मैचों में शहीन अफ़रदी और नसीम शाह को अधिक ओवर देना, साथ ही स्पिनरों को शुरुआती लचीलापन देना, रणनीति में बदलाव का संकेत है।
यह जीत 1988 के बाद घर पर पहली सीरीज़ जीत है, और 2017 के बाद भारत वेस्ट इंडीज की पहली घरेलू हार के बाद आया है। इससे टीम का मनोबल बढ़ेगा और भविष्य के टूर में भरोसेमंदता आएगी।
पिच ने शुरुआती ओवर में पेसर को मदद दी, फिर मध्य में धीमी होकर स्पिनर को फायदा मिला। इस कारण पाकिस्तान ने तेज़ रन बनाकर लक्ष्य तय किया, जबकि वेस्ट इंडीज ने स्पिनरों के साथ अच्छा बॉलिंग किया, जिससे दोनों टीमों की रणनीति में बदलाव आया।
शाई ने 207 रन बनाकर टॉप स्कोरर बने, और तीसरे मैच में 120 रन का शतक लगाया। उसकी निरंतरता ने वेस्ट इंडीज को मस्तिष्क में भरोसा दिलाया और अंत में सीरीज़ जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
विश्लेषकों का मानना है कि बाबर आज़ाम की निरंतर फॉर्म, शहीन अफ़रदी की वायवीय गति, और शाई होप की बैटिंग दोनों टीमों के लिए भविष्य में निर्णायक होगी। इनके प्रदर्शन पर नज़र रखी जा रही है।
बाबर आज़ाम की शान से पाकिस्तान ने 5 विकेट से जीत कर इतिहास बना दिया, जैसे कोई दादी की कढ़ी में हल्दी डाल देती है और बस बना लो देसवालाबी। फिर भी यह जीत “पहली ODI” कह कर ट्रॉफी पिगी का दावत नहीं है, बल्कि टीम की असली क्षमता का प्रमाण है। अभी तो ऐसा लग रहा है जैसे हर मैच में वही स्क्रिप्ट दोहराई जा रही हो, जिससे बोरियत भी साथ चल रही है।
इकदम बोरिंग लगा yeh post, जरा सोचो तो सही-क्रिकेय़ट में तो अनंत संभावनायें होती हैं, पर एक ही लायनलाइन पर दोहराव कर के क्या हासिल। इधर‑उधर के शायरी‑शाख़्सीयत को मसलना ठीक नही, पर अगर आप वो दायरा नहीं बदलते तो आपका कमेंट भी यहीं पर अटका रहेगा।
बाबर की पारी देख के दिल कर गया 🎉, वेस्ट इंडीज़ को हाथों‑हाथ धूल में मिलाया। इस जीत से पाकिस्तान के सपोर्टर्स को नई ऊर्जा मिली है, और फैनफेयर में रिंगनाइट्स का मज़ा दुगना हो गया 😊।
खेल के इस मज़े में हमें सिर्फ जीत का जश्न नहीं मनाना चाहिए, बल्कि खेल भावना को भी सराहना चाहिए। बाबर ने शानदार पारी खेली, पर शहीन अफ़रदी की गेंदबाज़ी का महत्व कम नहीं आंका जा सकता। टीम की सामूहिक मेहनत ने ही इस जीत को संभव बना दिया, और यही असली खेल का सार है।
सबसे पहले, इस जीत के प्रति मेरा हृदय अत्यंत हर्षित है और मैं पाकिस्तान टीम को हार्दिक बधाई देता हूँ। इस मैच में बाबर आज़ाम ने 68 रन बनाकर टीम को स्थिर बुनियाद प्रदान की, जो बिन शब्दों के उल्लेखनीय थियोरीक प्रदर्शन था। शहीन अफ़रदी ने तेज़ पेसिंग से शुरुआती ओवरों में दबाव बनाया, जिससे वेस्ट इंडीज़ को जल्दी ही अपना ग्राउंड खोना पड़ा। नसीम शाह की दो विकेट वाली स्पर्शी गेंदबाज़ी ने मध्य ओवरों में टीम को संतुलित रखा। इस प्रकार, गेंदबाज़ी और बॅटिंग के संतुलन ने मिलकर एक सुगठित रणनीति तैयार की। मोहम्मद रिज़वान ने अंत में 47* नॉट आउट रहकर खेल को सुरक्षित किया। इससे पता चलता है कि टीम में विभिन्न भूमिका निभाने वाले खिलाड़ी कितनी महत्ता रखते हैं। इसके अलावा, पिच की परिस्थितियों को देखते हुए तेज़ बॉलर को शुरुआती मदद मिलना अपेक्षित था, पर टीम ने इस पर अधिक निर्भर नहीं हुआ। पिच की धीरे-धीरे बदलती प्रकृति ने स्पिनरों को भी अवसर दिया, पर पाकिस्तान ने इस अवसर का पूरा लाभ उठाया। इंग्लिश में कहा जाए तो यह एक क्लासिक “balanced innings” थी, जहाँ हम सब ने अंडरस्टेटेड फ़ैक्टर्स को भी महत्व दिया। इस जीत से टीम के मनोबल में अभूतपूर्व उछाल आया, जो आगामी मैचों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होगा। साथ ही, इस जीत ने दर्शकों को भी नई आशा दी है, जिससे क्रिकेट के प्रेमियों को और अधिक उत्साह मिलेगा। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि प्रतिस्पर्धा हमेशा स्वस्थ रहनी चाहिए, जिससे खेल की सच्ची भावना बनी रहे। इस प्रकार, नम्रता और कड़ी मेहनत के साथ हम सभी को इस उपलब्धि को सराहना चाहिए। अंत में, मैं सभी खिलाड़ियों को धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होंने इस खेल को मनोरंजक और प्रेरणादायक बनाया। आशा है कि आगामी सीरीज़ में भी यही उत्साह और संकल्प बना रहेगा।
बाबर ने शानदार पारी खेली, और टीम ने उसकी लीड को सही ढंग से फॉलो किया; यह संकल्प हमें भविष्य की चुनौतियों में भी जीत दिलाएगा।
इसे देखके लगता है की वेस्ट इंडीज के बॉलर 3 रन कंफ्यूज्ड हो गये थे, पर असली बात तो ये है की पाकिस्तान का प्लान फुर्सत में नहीं था।
हमारी टीम ने दिखा दिया कि पाकिस्तान की ताकत में कोई समझौता नहीं, वेस्ट इंडीज़ को मात देना हमारा फर्ज़ था 😎💪।
वाह, क्या शानदार जीत है, जैसे हर बार वही स्क्रिप्ट दोहराते‑दोहराते अब थक गया हूँ, पर चलो, थोड़ी और हँसी तो मिलेगी।
मैच के बाद अगर आप स्पिनर की फ़ॉर्म देखना चाहते हैं, तो नसीम शाह की लाइन‑अप देखिए, वह अक्सर ओवर‑कार्ड में ही चलता है।
मैं तो कहूँगा की जीत का असर कम है, असल में टीम की बाड़ी फॉर्म में नहीं है, लेकिन फिर भी लोग हाई‑फाइव कर रहे हैं।
बाबर की पारी दिल जीत ली।
खुशी की बात है की टीम ने टीमवर्क से जीत हासिल की, और इस जीत से हमारे फैंस को भी नई ऊर्जा मिली है। भविष्य में ऐसे ही मिलकर खेलें तोऔर जीतें हमारी होंगी, यही मेरा मानना है।
अरे यार, यह तो एकदम “सुपरनोवा” जैसा था! बाबर ने जैसे बर्तानिया में बिजली गिरा दी, और पिच पर सभी गेंदें “जंगल में शेर” की तरह रोकी गईं। वेस्ट इंडीज़ तो “धूमधाम” में भी नहीं टिक पाए, समझ गया न? इस मैच ने तो सच में क्रिकेट के “जादू” को फिर से दिखा दिया।
सच में, मैं सोच रहा हूँ कि इस जीत के पीछे कोई “बजट‑ड्रेन” स्कीमा नहीं है, शायद कुछ बड़े एंटिटीज़ ने मैच को रूढ़ी‑प्रभावी बनाकर जनता को बेवकूफ बनाया है।