तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने आज, 12 जून, को एक बार फिर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ 24 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। यह शपथ ग्रहण समारोह विजयवाड़ा के करीब गन्नवरम हवाई अड्डे के पास स्थित केसरापल्ली आईटी पार्क में आयोजित किया गया। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेता भी शामिल हुए।
इस नए मंत्रिमंडल में 17 नए चेहरे शामिल किए गए हैं। जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण को उपमुख्यमंत्री पद मिला है। उनके अलावा दो और जन सेना पार्टी के नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। भाजपा को एक मंत्री पद का आवंटन किया गया है। मंत्रिमंडल में तीन महिलाएं, आठ पिछड़े वर्ग के नेता, दो अनुसूचित जाति, एक अनुसूचित जनजाति और एक मुस्लिम शामिल हैं। नायडू के बेटे, नारा लोकेश, को भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है।
वाईएसआर कांग्रेस से defect होकर आए दो नेता, अनाम रामनारायणा रेड्डी और कोलुसु पार्थसारथी, ने भी मंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA), जिसका नेतृत्व तेदेपा कर रही है, ने आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज की, 175 में से 164 सीटें जीतकर। तेदेपा ने अपने हिस्से की 144 में से 135 सीटें जीतीं, जबकि जन सेना पार्टी ने सभी 21 सीटें जीतीं, जिन पर उसने चुनाव लड़ा था, और भाजपा ने अपने हिस्से की 10 में से 8 सीटें जीतीं।
इस मंत्रिमंडल में शामिल सभी मंत्रियों की सूची इस प्रकार है: चंद्रबाबू नायडू (मुख्यमंत्री), पवन कल्याण (उपमुख्यमंत्री), नारा लोकेश, नदेंदला मनोहर, किन्नारपू अच्चेन्नायडू, अनीथा वंगलापुडी, अनागनि सत्य प्रसाद, डॉ. निमाला रमणायडू, सत्य कुमार यादव, अनाम रामनारायणा रेड्डी, कोल्लू रविंद्र, कोलुसु पार्थसारथी, पोंगुरु नारायण, नशाम मोहम्मद फारूक, पय्यावुला केशव, कंडुला दुर्गेश, डॉ. डोला बाला वीरांजनय स्वामी, गोट्टीपति रवि कुमार, गुम्माड़ी संध्या रानी, बीसी जनार्दन रेड्डी, टीजी भारत, एस सविता, वसंसेटी सुभाष, कोंडापल्लि श्रीनिवास, और मंडिपल्लि राम प्रसाद रेड्डी।
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान केसरापल्ली आईटी पार्क में एक विशेष मंच तैयार किया गया था। यह मंच सजावट और वास्तुशिल्प के संगम से सुसज्जित था, जो देखते ही बनता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में शामिल हुए।
समारोह में शामिल होने वाले विशेष अतिथियों में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और नेतागण शामिल थे। समारोह को देखने के लिए भारी संख्या में जनता भी उपस्थित थी।
नायडू और उनकी टीम के सामने कई चुनौतियाँ और प्राथमिकताएँ हैं। आंध्र प्रदेश के आर्थिक विकास को गति देना, कृषि में सुधार, युवाओं के लिए रोजगार सृजन, और बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए ठोस कदम उठाने की योजना बनाई जा रही है।
नए मंत्रिमंडल में शामिल 17 नए चेहरों से उम्मीद की जा रही है कि वे नई ऊर्जा और दृष्टिकोण के साथ राज्य को नई दिशा देंगे। पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति की भागीदारी को ध्यान में रखकर मंत्रिमंडल का गठन किया गया है, जिससे सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।
जन सेना पार्टी को मंत्रिमंडल में तीन पद मिले हैं, जिसमें पवन कल्याण को उपमुख्यमंत्री का पद सौंपा गया है। भाजपा को एक मंत्री पद दिया गया है, जिससे यह साफ है कि गठबंधन के दलों को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है।
जन सेना पार्टी के साथ अच्छा तालमेल बैठाकर काम करना, राज्य की विकास योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाना नायडू की प्राथमिकताओं में होगा। भाजपा के एक मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभालने वाले नेता की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इससे भाजपा और तेदेपा के बीच सहयोग को मजबूती मिलेगी।
नायडू के इस मंत्रिमंडल में समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है। तीन महिलाएं मंत्रिमंडल में शामिल की गई हैं, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। पिछड़े वर्ग के आठ नेताओं को शामिल करके सामाजिक न्याय के प्रति नायडू की प्रतिबद्धता को दर्शाया गया है। अनुसूचित जाति, जनजाति और मुस्लिम समुदाय के भी मंत्री के रूप में शामिल होने से सभी वर्गों की आवाज को सरकार में प्रतिनिधित्व मिला है।
नायडू के नेतृत्व में तेदेपा द्वारा आंध्र प्रदेश में राजनीतिक स्थायित्व और विकास के प्रति प्रतिबद्धता जताई गई है। नए मंत्रिमंडल के साथ, राज्य की जनता को एक स्थिर और कार्यकुशल सरकार की उम्मीद है, जो सभी वर्गों के विकास के लिए कार्य करेगी।
आने वाले समय में, नायडू और उनकी टीम के लिए अपने वादों को पूरा करने और राज्य के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने की चुनौती है। इस नई ऊर्जा और जोश के साथ, आंध्र प्रदेश को एक नई दिशा में आगे बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है।
आखिरकार, यह मंत्रिमंडल केवल आंध्र प्रदेश के लिए नहीं, बल्कि देश भर के राजनैतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना है और आने वाले समय में इसके परिणाम दिखाई देंगे।
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