डोडा में आतंकवादी हमला और सैनिकों की शहादत

जम्मू के डोडा ज़िले में मंगलवार को एक दर्दनाक घटना घटी। आतंकवादी समूह ने चार सैनिकों की क्रूर हत्या कर दी। यह समूह संभवतः वही था जिसने जुलाई 9 की शाम को ज़िले के सेजन जंगलों में सुरक्षा बलों और पुलिस पर हमला किया था।

सुरक्षा बलों ने पिछले एक हफ्ते से इन आतंकवादियों की तलाश में कड़ी मेहनत की थी। सोमवार रात करीब 9 बजे, सुरक्षा बलों का आतंकवादियों से संपर्क हुआ, जिससे एक भयानक मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में चार सैनिकों, जिनमें एक कैप्टन भी शामिल थे, बुरी तरह घायल हो गए। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने वहां दम तोड़ दिया।

शहीद सैनिकों की पहचान

सेना ने शहीद सैनिकों की पहचान कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी. राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के रूप में की है। इनकी बहादुरी और साहस देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

सतर्कता और सुरक्षा बलों की कार्रवाई

सतर्कता और सुरक्षा बलों की कार्रवाई

घटना के बाद, सेना और पुलिस के विशेष ऑपरेशन समूह ने पूरे इलाके को घेर लिया है और अभियान तेज कर दिया है। ताजा बल भी बुलाए गए हैं जिनमें पैरा कमांडो भी शामिल हैं। जमीनी टीमों को हेलिकॉप्टर और ड्रोन सर्विलांस से सहायता मिल रही है, लेकिन अभी तक आतंकवादियों का कोई सुराग नहीं मिला है।

जंगलों की कठिनाइयाँ और चुनौती

डोडा के सघन जंगलों में तलाशी अभियान काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। ऊँचे ऊँचे देवदार के पेड़ और नीचे घनी जंगली वृद्धि से खोजबीन मुश्किल हो गई है। इन जंगलों में घुसकर आतंकवादियों को ढूंढ निकालना बहुत कठिन कार्य है। यह जंगल बासन्तगढ़, पडार, और जवाहर सुरंग तक फैले हुए हैं।

सुरक्षा एजेंसियाँ आशंकित हैं कि डोडा जिले में और भी आतंकवादी समूह सक्रिय हो सकते हैं। यह इलाका कश्मीर घाटी, रंबन, उधमपुर, कठुआ और हिमाचल प्रदेश की सीमाओं से सटा हुआ है, जिससे आतंकवादी विभिन्न दिशाओं में घूम सकते हैं।

संयुक्त ऑपरेशन और भविष्य की योजनाएं

संयुक्त ऑपरेशन और भविष्य की योजनाएं

सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर उच्चस्तरीय और समन्वित ऑपरेशन चला रहे हैं। सुरक्षा बलों का मानना है कि ये आतंकवादी सीमा पार से घुसपैठ कर ऊँचे इलाकों में घूम रहे हैं। उधमपुर, डोडा, किश्तवार और भवेरावाह में संयुक्त ऑपरेशन आयोजित किए जा रहे हैं ताकि इन आतंकवादियों को समाप्त किया जा सके।

इस दुखद घटना ने देशवासियों और सुरक्षा बलों को एकजुट किया है। सैनिकों की बहादुरी और त्याग को सलाम करते हुए, हम सब उनकी शहादत को कभी नहीं भूल सकते। देश की सुरक्षा में लगे इन योद्धाओं की रक्षा हमारा पहला कर्तव्य है।

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