कॉनकशन सब्स्टीट्यूट (Concussion Substitute) क्या है और कब चाहिए?

क्या खिलाड़ी को सिर पर चोट लगने पर तुरंत वापसी करवाना ठीक है? नहीं। अगर किसी खिलाड़ी को सिर लगे तो प्राथमिक नियम यही है कि उसे तुरंत मैदान से बाहर किया जाए और मेडिकल टीम तुरंत जांच करे। कॉन्कशन सब्स्टीट्यूट एक ऐसा उपाय है जिससे सिर की चोट के कारण खेलने योग्य नहीं रहने वाले खिलाड़ी की जगह एक और खिलाड़ी दी जाती है ताकि टीम पर अनावश्यक दबाव न पड़े और घायल खिलाड़ी की सुरक्षा बनी रहे।

मैदान पर क्या प्रक्रिया होती है?

पहला कदम: चोट की पहचान। अगर खिलाड़ी चक्कर, उलझन, उल्टी, याददाश्त में कमी या असामान्य व्यवहार दिखाए तो उसे तुरंत हटा लेना चाहिए। दूसरा कदम: मैच के मेडिकल अधिकारी या मेडिक द्वारा त्वरित आकलन किया जाता है। अगर मेडिकल अधिकारी को संदेह होता है कि खिलाड़ी को कॉन्कशन हुआ है, तो टीम मैच रेफरी से कॉन्कशन सब्स्टीट्यूट की अनुमति मांगती है।

तीसरा कदम: अनुमति मिलने पर सब्स्टीट्यूट को मैदान में उतारा जाता है। ध्यान रखें — यह बचे हुए खिलाड़ियों के लिए एक सामान्य बदलाव नहीं है, बल्कि सिर की चोट के कारण दिया जाने वाला विशेष, स्थायी बदलाव होता है। नियम अक्सर यह कहते हैं कि सब्स्टीट्यूट को ‘like-for-like’ यानी भूमिका के हिसाब से मिलना चाहिए, ताकि टीम को नाजायज़ लाभ न मिले।

खेल और नियम—क्या अलग है?

क्रिकेट में कॉन्कशन सब्स्टीट्यूट को लेकर नियम क्लियर रहते हैं: मेडिकल टीम और मैच ऑफिसियल की अनुमति जरूरी है, और सब्स्टीट्यूट को पूरी तरह खेलने की इजाज़त मिलती है अगर उसे अनुमति दी गई हो। फुटबॉल और अन्य खेलों में भी हाल के वर्षों में कॉन्कशन प्रोटोकॉल कड़े किए गए हैं — कई लीगों ने अस्थायी या स्थायी कॉन्कशन सब्स्टीट्यूट के ट्रायल शुरू कर दिए हैं।

यह नियम सिर्फ टीम के फायदे के लिए नहीं बने—इनका मकसद खिलाड़ी की लंबी अवधि की सेहत बचाना है। सिर की चोट की अनदेखी करना भविष्य में गंभीर नर्वस या कॉग्निटिव समस्याएं पैदा कर सकता है।

अगर आप खिलाड़ी, कोच या अभिभावक हैं तो क्या करें: मैदान पर चोट दिखे तो उसे तुरंत बाहर निकालें; मेडिकल टेस्ट कराएं; डॉक्टर की सलाह के बिना वापस खेलने की इजाजत न दें; और रिटर्न-टू-प्ले (वापसी की चरणबद्ध योजना) का पालन करें।

आम क्लब और स्कूलों के लिए घटक कदम: कॉन्कशन रेपो़र्ट फॉर्म रखना, कम से कम एक प्रशिक्षित व्यक्ति को बेसिक कॉन्कशन स्क्रिनिंग सिखाना, और खिलाड़ी/माता-पिता को सिर की चोट के लक्षणों के बारे में बताना। छोटे कदम अक्सर बड़े जोखिम को रोक देते हैं।

कॉनकशन सब्स्टीट्यूट नियम का उद्देश्य साफ है: खेल जारी रहे और खिलाड़ी सुरक्षित रहे। अगर आपको टीम स्तर पर नियम लागू करने में मदद चाहिए तो सही मेडिकल गाइडलाइन और लीग के प्रोटोकॉल को फॉलो करें। सुरक्षा ही सबसे बड़ा जीत है।

गौतम गंभीर का तंज: इंग्लैंड के खिलाफ 'कॉनकशन सब्स्टीट्यूट' विवाद पर बोले- 'वो चार ओवर तो जरूर डालता!'

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