भारी बारिश अक्सर अचानक आती है और सब कुछ बदल देती है। क्या आपको पता है कि छोटी-छोटी तैयारियाँ आपको और आपके परिवार को बड़ी भयानक स्थिति से बचा सकती हैं? नीचे सीधे, आसान और उपयोगी सुझाव हैं जो आप अभी आजमा सकते हैं।
सबसे पहला काम: स्थानीय मौसम अलर्ट पर नज़र रखें। भारत में IMD (भारतीय मौसम विभाग) के बयान और स्थानीय प्रशासन के संदेश सबसे भरोसेमंद होते हैं। अगर अलर्ट में "रेड" या "ऑरेंज" दीख रहा है तो बाहर निकलना टालें।
घर और बाहर के लिए जरूरी कदम:
यदि पानी बहुत बढ़ जाए और अधिकारियों ने इवैक्युएशन कहा है, तो धीरे-धीरे और व्यवस्थित तरीके से निकलें। हड़बड़ी में गाड़ी से तेज पानी में प्रवेश न करें — आधा मीटर पानी भी वाहन के लिए खतरनाक हो सकता है।
यात्रा करनी है? पहले रास्ते की स्थिति और पुलों की स्थिति चेक करें। अगर रूट पर जलजमाव है तो दूसरा रास्ता या इंतजार करें। सार्वजनिक परिवहन अपडेट्स और राष्ट्रीय राजमार्गों की घोषणाएँ भी देख लें।
सेहत का ध्यान भी जरूरी है:
बच्चे और पालतू जानवरों की सुरक्षा के लिए बचाव किट में उनकी जरूरी चीजें शामिल रखें।
बाद क्या करें? पानी वापसी के बाद सावधानी रखें — कड़ी सफाई जरूरी है। गीले क्षेत्र में माइका और फफूंदी लग सकती है, इसलिए कपड़े और खाने की चीजें अच्छे से सुखाकर रखें। विद्युत वायरिंग को पानी से नुकसान पहुंच सकता है; बिजली उपकरण चालू करने से पहले टेक्नीशियन से जाँच कराएं।
जलभराव या नुकसान की स्थिति में किसे कॉल करें? स्थानीय प्रशासन, पुलिस और NDRF/SDRF की नंबर अपने पास रखें। अगर सड़क बंद है तो सोशल मीडिया और स्थानीय रेडियो से अपडेट लें, पर अफवाह पर भरोसा न करें।
आखिर में, छोटी योजना—एक इमरजेंसी बैग जिसमें पानी, सूखा खाना, टॉर्च, पावर बैंक, आवश्यक दवाइयाँ और कुछ नकद रखें—आपके लिए बड़ा फर्क बना सकती है। अपने पड़ोसियों से जुड़ें, कमजोर लोगों की मदद करें और आधिकारिक सूचनाओं का पालन करें। सुरक्षित रहें और जिम्मेदार बनें।
झारखंड के कई जिलों में भारतीय मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात से अगले 24 घंटे में बारिश बहुत तेज़ हो सकती है। प्रशासन सतर्क है और लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई है।
28 जुलाई 2025 को उत्तरी और पूर्वी भारत के कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। दिल्ली, यूपी, बिहार और राजस्थान में मॉनसून के असर से जनजीवन प्रभावित होने की संभावना है, जबकि बेंगलुरु में मौसम सामान्य रहेगा।
हाल ही में तुंगभद्रा बांध पर एक गेट भारी जल प्रवाह के कारण ध्वस्त हो गया। तुंगभद्रा परियोजना, जोकि एक अंतरराज्यीय सिंचाई और जलविद्युत परियोजना है, ने अभूतपूर्व जलस्तर वृद्धि का सामना किया, जिससे इस घटना का परिणाम हुआ। यह घटना जल संसाधन प्रबंधन परियोजनाओं के समक्ष आने वाली चुनौतियों को उजागर करती है।