आंध्र प्रदेश में 13 मई, 2024 को हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब जनता और राजनीतिक दलों की निगाहें एग्जिट पोल के नतीजों पर टिकी हुई हैं। राज्य की 175 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में मतदान हुआ था। आज Axis My India द्वारा एग्जिट पोल के नतीजे घोषित किए जाएंगे।
पिछले 2019 के चुनावों में YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने बड़ा बहुमत हासिल किया था और 151 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। उस समय YSRCP प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने 49.95% मतों के साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी। हालांकि, इस बार राजनीतिक परिदृश्य में बड़े परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं।
इस चुनाव में YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP), टीडीपी-नेतृत्व वाले NDA और कांग्रेस-नेतृत्व वाले INDIA गठबंधन के बीच त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिला। टीडीपी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनसेना पार्टी (जेएसपी) के साथ गठबंधन किया है, जबकि कांग्रेस ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी (CPI-M) के साथ हाथ मिलाया है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का चुनाव परिणाम काफी दिलचस्प और अज्ञात स्थितियों से भरा हुआ हो सकता है। YSRCP को अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने में कठिनाई हो सकती है।
एक महत्वपूर्ण बात यह है कि 2019 के चुनाव में YSRCP का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने वाले चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस बार मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की हार की भविष्यवाणी की है। उनके अनुसार, इस बार YSRCP को केवल 51 सीटें ही मिल सकती हैं। किशोर का मानना है कि जगन मोहन रेड्डी ने केवल डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) पर ध्यान केंद्रित किया और सड़कों, रोजगार, और आर्थिक स्थितियों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को नजरअंदाज कर दिया।
किशोर का कहना है कि जनता जगन के आत्मनिर्भर बनने के नारे और उनकी नीतियों से संतुष्ट नहीं है। उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री का मतदाताओं से संपर्क टूट गया है और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई परियोजनाओं को अधूरा छोड़ दिया है।
एग्जिट पोल के अनुसार, YSRCP को लोकसभा चुनावों में भी बड़ा नुकसान हो सकता है। टीडीपी को इस चुनाव में फायदा मिलने की संभावना है और भाजपा को भी अपने खाते में कुछ सीटें जोड़ने का मौका मिल सकता है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आंध्र प्रदेश के चुनावी परिणाम न केवल राज्य में बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। इन नतीजों के आधार पर गठबंधन और सरकार गठन की नई रणनीतियाँ तैयार की जा सकती हैं।
ये चुनाव काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इससे राज्य की राजनीति की दिशा तय होगी। जनता का रुझान किस ओर है, यह जल्द ही स्पष्ट हो जाएगा। अगर प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी सही साबित होती है, तो यह जगन मोहन रेड्डी और YSRCP के लिए बड़ी चिंता का विषय हो सकता है।
देखने वाली बात यह होगी कि किस तरह से राजनीतिक दल अपनी हार-जीत को स्वीकार करते हैं और आगे उनके कार्यों व नीतियों में क्या बदलाव लाते हैं।
आने वाले समय में आंध्र प्रदेश के राजनीतिक क्षेत्र में कई अहम परिवर्तनों की संभावना है। चुनाव के नतीजे एक बार सामने आने के बाद सही तस्वीर साफ होगी।
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