28 जुलाई 2025 की तारीख आते-आते देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में मौसम विभाग ने भारी बारिश के अलर्ट जारी कर दिए हैं। दिल्ली की बात करें तो यहां तापमान 31°C से 38°C के बीच रह सकता है। साथ ही जुलाई के महीने में राजधानी में औसतन 8 से 15 बरसाती दिन दर्ज होते हैं, जो मॉनसून के सक्रिय रहने का संकेत है। सुबह से ही आसमान पर बादल छाए रहने और अचानक तेज बारिश की संभावना लोगों को अलर्ट रहने पर मजबूर कर रही है। खासकर निचले इलाकों में जलभराव की चिंता हर साल दोहराई जाती है, और प्रशासन बार-बार लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहा है।
दिल्ली के अलावा, यूपी और बिहार में भी भारी बारिश की आशंका जताई जा रही है। जुलाई का महीना पूरे देश में मॉनसून का सबसे सक्रिय दौर होता है, जब भारत में औसतन 220mm बारिश होती है। इन राज्यों में खेतों में फसलें बुवाई के लिए तैयार हैं, लेकिन लगातार बारिश से जलभराव और ग्रामीण इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। वन विभाग और प्रशासन ने ग्रामीण और शहरी इलाकों में अलर्ट जारी किया है कि लोग नदियों, नालों और जलभराव वाले इलाकों में सावधानी बरतें।
राजस्थान का जो हिस्सा आम दिनों में सूखा रहता है, वहां भी इस बार कुछ क्षेत्रों में स्थानीय गरज-चमक वाले बादल और तेज बारिश के आसार बन रहे हैं। मौसम विभाग ने तापमान के सटीक आंकड़े तो नहीं दिए हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अचानक बारिश से जनजीवन प्रभावित हो सकता है। पश्चिमी राजस्थान के कई गांवों में लोग सड़कों और पुलों की स्थिति देखकर यात्रा करने की सलाह मान रहे हैं।
जहां एक तरफ उत्तर व पूर्वी भारत में भारी बारिश की आशंका है, वहीं दक्षिण भारत की राजधानी बेंगलुरु में मौसम का मिजाज बिलकुल अलग रहेगा। सोमवार को यहां आसमान में बस कुछ बादल छाए रहेंगे। तापमान 18.9°C से 26.3°C के बीच रहेगा और बारिश के नाम पर महज 0.07mm रिकॉर्ड होने की उम्मीद है। तेज़ हवाएं जरूर 38.2 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती हैं, जिससे शहर में हल्की ठंडक बनी रहेगी।
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की बात करें तो इस शहर में तापमान लगभग 28°C (82°F) के आसपास रहेगा। यहाँ बारिश की संभावना 60% तक जताई गई है और हवाएं 12 मील/घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं। ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और जलभराव की स्थिति में सतर्क रहने को कहा है।
मॉनसून के इस सक्रिय चरण की वजह से देशभर के कई इलाकों में 22 से ज्यादा दिनों की बारिश सामने आ चुकी है। लगातार हो रही बारिश से किसानों को राहत है और जलस्तर भी सुधर रहा है, मगर शहरी इलाकों में ट्रैफिक जाम, बिजली कटौती और जलभराव की परेशानियां भी बढ़ती जा रही हैं। स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे राहत व बचाव कार्यों के लिए तैयार रहें और आम लोगों को ताजा मौसम अपडेट्स समय-समय पर मिलते रहें।
चालकों, पैदल राहगीरों, बच्चों और बुजुर्गों को खास सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। स्कूलों में भी मौसमी छुट्टियों की योजना पर विचार किया जा रहा है, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। भारी बारिश के इस दौर में जनजीवन थोड़ा थम जरूर जाता है, लेकिन खेतों और जलाशयों के लिए यह पानी वरदान भी साबित होता है।