मासिक स्टाइपेंड वह रकम है जो छात्र, रिसर्चर या इंटर्न को नियमित रूप से दी जाती है ताकि वे पढ़ाई, शोध या प्रशिक्षण पर ध्यान दे सकें। कुछ मामलों में यह वेतन नहीं माना जाता, बल्कि सहायता होती है। सही जानकारी होने से आप सही स्कीम चुनकर अपने खर्चे और करियर दोनों संभाल सकते हैं।
स्टाइपेंड कई रूपों में मिलती है: शैक्षिक छात्रवृत्ति (scholarship), शोध फ़ेलोशिप (fellowship), इंटर्नशिप या ट्रेनिंग स्टाइपेंड। उदाहरण के तौर पर विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों से मिलने वाली फेलोशिप, इंडस्ट्री इंटर्नशिप की पेड रकम और सरकारी छात्रवृत्तियाँ सामान्य हैं। रकम और शर्तें प्रोग्राम के अनुसार बदलती हैं—इंटर्नशिप आमतौर पर कम अवधि की और कम राशि वाली होती है, जबकि पीएचडी फेलोशिप लंबे समय के लिए बेहतर स्टाइपेंड देती है।
सबसे पहले सही प्रोग्राम खोजें: विश्वविद्यालय, केंद्रीय या राज्य सरकारी पोर्टल और शोध संस्थानों की वेबसाइट देखें। जब उपयुक्त स्कीम मिले तो पात्रता पढ़ें—शैक्षिक योग्यता, आय सीमा या नेट/जारेंट परीक्षा की आवश्यकता हो सकती है।
आम तौर पर आवश्यक दस्तावेज़: पहचान (Aadhaar/Passport), शैक्षिक प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण (IFSC सहित), पासपोर्ट साइज फोटो और आवेदन फॉर्म। कुछ मामलों में अनुशंसा पत्र और शोध प्रस्ताव भी चाहिए होते हैं।
ऑनलाइन आवेदन भरते वक्त ध्यान रखें: दस्तावेज़ स्पष्ट स्कैन करें, फॉर्म में सही ईमेल/फोन दें और अंतिम तारीख से पहले सबमिट करें। स्टाइपेंड अक्सर Direct Benefit Transfer (DBT) के जरिए बैंक खाते में आता है, इसलिए बैंक विवरण सही होना जरूरी है।
नवीनीकरण के लिए नियमित रिपोर्ट, उपस्थिति या प्रगति प्रमाण देना पड़ता है। कुछ फेलोशिप में सालाना समीक्षा और पब्लिकेशन की मांग भी रहती है। नवीनीकरण शर्तों को समझकर समय पर रिपोर्ट सबमिट करें।
टैक्स और अन्य बातों पर ध्यान दें: कई छात्रवृत्तियाँ पढ़ाई के लिये छूटयोग्य होती हैं, पर कुछ फेलोशिप टैक्सेबल भी हो सकती हैं—अंतिम निर्णय के लिए अपने वित्तीय सलाहकार या संस्थान के वित्त विभाग से पूछें।
अक्सर पूछे जाने वाले टिप्स: आवेदन से पहले पात्रता की जाँच करें, रिज्यूम और कवर लेटर साफ रखें, और रेफरेंस लेटर समय पर तैयार करवा लें। अगर स्टाइपेंड रुक जाए तो संस्थान की हेल्पलाइन या स्कीम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।
अगर आप स्टाइपेंड ढूँढ रहे हैं तो अपने विभाग के टीचर्स से सुझाव लें और सरकारी पोर्टल्स पर नये नोटिफिकेशन नियमित देखें। सही तैयारी और समय पर दस्तावेज़ जमा करके आप इस मदद से पढ़ाई या शोध को आगे बढ़ा सकते हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लाडला भाई योजना की शुरुआत की है। यह योजना युवाओं को वित्तीय सहायता और कौशल विकास की सुविधा देने के लिए बनाई गई है। योजना के तहत 12वीं पास छात्रों को ₹6,000, डिप्लोमा होल्डर को ₹8,000 और ग्रेजुएट्स को ₹10,000 मासिक स्टाइपेंड दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य बेरोजगारी कम करना और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।