जब हम H-1B, एक विशेष अमेरिकी गैर-इमिग्रेंट कार्य वीज़ा है, जो मुख्यतः उच्च तकनीकी या व्यावसायिक क्षेत्रों में स्नातक डिग्री वाले पेशेवरों को नौकरी की पेशकश करता है. Also known as H-1B वर्क वीज़ा, it US इमीग्रेशन सिस्टम के अंतर्गत श्रम बाजार को अंतरराष्ट्रीय प्रतिभा से सशक्त बनाता है. ये वीज़ा आमतौर पर 3 साल के लिए जारी होता है और दो बार गरज पर नवीनीकरण किया जा सकता है, जबकि कई धारक इसे ग्रिन कार्ड की राह में पहला कदम मानते हैं।
H-1B हासिल करने के लिए नियोक्ता स्पॉन्सरशिप, एक अमेरिकी कंपनी की ओर से आधिकारिक साक्षात्कार और नौकरी की पेशकश आवश्यक है. कंपनी को लबर कॉर्ट को यह साबित करना पड़ता है कि पद के लिए अमेरिकी श्रमिक उपलब्ध नहीं हैं और विदेशी उम्मीदवार की विशिष्ट योग्यता (जैसे STEM डिग्री) इस भूमिका के लिए अनिवार्य है। हर साल अप्रैल में शुरू होने वाले लॉटरी ड्रॉ में सीमित संख्या (डिफ़ॉल्ट 85,000) के कारण कई योग्य इच्छुकों को प्रतीक्षा करनी पड़ती है। लॉटरी जीतने के बाद पीटीओ (प्रोसेसिंग टाइम) शुरू होता है, जिसमें फॉर्म I-129 जमा करना, शुल्क भरना और कभु-कभी लैबर कंडीशन एप्लिकेशन (LCA) भी शामिल है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि H-1B धारक अक्सर ग्रीन कार्ड, स्थायी निवास का मार्ग, की ओर आगे बढ़ते हैं या OPT, वैकल्पिक प्रैक्टिकल ट्रेनिंग, जो छात्रों को स्नातक के बाद काम करने की अनुमति देती है से शुरू कर सकते हैं। कई कंपनियां L-1 वीज़ा (इंट्राकंपनी ट्रांसफर) या O-1 (असाधारण क्षमता) को बैकअप विकल्प के रूप में रखती हैं, इसलिए H-1B को समझना पूरी इमीग्रेशन रणनीति का हिस्सा बन जाता है। टेक इंडस्ट्री में H-1B की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। सिलिकॉन वैली, बेंगलुरु और न्यू ईयरक जैसे हाई-टेक हब्स में बड़ी टेक कंपनियां लगातार प्रतिभा की कमी को पूरा करने के लिये इस वीज़ा पर भरोसा करती हैं। इस वजह से मार्केट में H-1B की माँग, वेतन स्तर, और नौकरी की प्रकृति में निरन्तर बदलाव आता रहता है। साथ ही, इमीग्रेशन नीतियों में बदलाव (जैसे H-1B रिफॉर्म या हाइब्रिड वर्क मॉडल) का सीधा असर असंख्य पेशेवरों के करियर योजना पर पड़ता है। इन सब बिंदुओं को ध्यान में रखकर, H-1B वीज़ा के बारे में पूरी समझ होना आपके लिए विकल्पों को स्पष्ट कर देता है और संभावित चुनौतियों के लिये तैयार होने में मदद करता है। नीचे आप देखेंगे कि हमारे पोर्टल पर इस टैग से जुड़े लेखों में कौन‑से प्रमुख पहलुओं की चर्चा की गई है, जैसे आवेदन प्रक्रिया की विस्तृत गाइड, लॉटरी की टिप्स, नियोक्ताओं की जिम्मेदारियां, और ग्रिन कार्ड की ओर संक्रमण के कदम। इन जानकारियों को पढ़कर आप अपने US कार्य वीज़ा लक्ष्य को अधिक आत्मविश्वास के साथ तय कर सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने H‑1B फाइलिंग शुल्क $100,000 कर दिया, जिससे भारतीय टेक प्रोफेशनल्स के विकल्प सीमित होते हुए F‑1 और L‑1 वीज़ा के रास्ते खुल रहे हैं।