12 अक्टूबर 2025 को रविवार का दिन सिर्फ छुट्टी नहीं, बल्कि ज्योतिषीय गणना में एक अनोखा रवि योग बन रहा है, जो पाँच प्रमुख राशियों के भाग्य को बदल सकता है। इस संयोग का असर न केवल व्यक्तिगत मान्यताओं पर, बल्कि वित्तीय और सामाजिक गतिविधियों पर भी पड़ता है, इसलिए यह खबर हर घर की अलमारी में रखी जाएगी।

रवि योग का ज्योतिषीय महत्व

जब रवि योगनई दिल्ली दोपहर 1 बजकर 36 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक चलता है, तब सूर्य और विभिन्न नक्षत्रों की स्थिति मानदंडों के अनुसार अत्यंत अनुकूल मानी जाती है। इस समय सूर्य सूर्य देव कुं्या राशि में स्थित है, जबकि चंद्रमा मिथुन में, जिससे बुध‑गुरु‑शुक्र के प्रभाव का संतुलन बनता है।

कार्तिक मास की षष्ठी तिथि और सूर्य‑चंद्र स्थिति

कार्तिक महीने का कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि, यानी 12 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 16 मिनट तक चलने वाला पंचांग, ज्योतिषियों के लिये एक विशेष अवसर है। इस षष्ठी पर मृगशिरा नक्षत्र दोपहर 1:36 बजे से शुरू होकर लगभग 2:02 बजे तक रहता है, उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र का आगमन होता है। सूर्य का उदय 06:34 बजे और सूर्यास्त 18:17 बजे निर्धारित है, जबकि चंद्र उदय रात 22:14 बजे और चंद्रास्त दोपहर 12:06 बजे है। यह पद्यक्रम मंगल के शासन में है, जिससे रियल एस्टेट और चिकित्सा कार्यों में नई ऊर्जा आती है।

पंडित सौरभ त्रिपाठी की विशिष्ट सलाह

ज्योतिषीय क्षेत्र के अनुभवी पंडित सौरभ त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य ने इस दिन के लिये कई महत्वपूर्ण बिंदु बताए। उन्होंने कहा कि रविवार व्रत का आरंभ करना लाभदायक है, लेकिन पहले पंचांग में सभी अशुभ मुहूर्तों को पहचानना आवश्यक है। विजय मुहूर्त दोपहर 2:03‑2:49 बजे और गोधुली मुहूर्त शाम 5:55‑6:19 बजे के बीच है, इन्हें कार्य‑आरम्भ के लिये सर्वोत्तम माना गया। राहुकाल (शाम 4:49‑6:17) और यमगंड (दोपहर 12:25‑1:53) के दौरान कोई भी महत्वपूर्ण व्यापारिक या धार्मिक कार्य टालना चाहिए।

कौन‑सी राशियों को मिलेगा विशेष लाभ?

नवभारत टाइम्स के अनुसार, इस रवि योग के प्रभाव से मेष, मिथुन, सिंह, तुला और कुंभ राशियों के जातकों को प्रतिष्ठा, धन‑संपत्ति और सामाजिक मान्यता में विशेष बढ़ोतरी होगी। मेष (अग्नि) के लिये यह समय नई परियोजनाओं को आरंभ करने का है, जबकि मिथुन (वायु) को नई साझेदारियों के अवसर मिलेंगे। सिंह (अग्नि) के लिये राजनयिक मोर्चे पर सफलता, तुला (वायु) के लिये संतुलन और क़ानूनी लाभ, तथा कुंभ (वायु) के लिये सामाजिक कार्यों में सराहना मिलने की संभावना है।

शुभ‑अशुभ मुहूर्त और उनका कार्य‑क्षेत्र

शुभ‑अशुभ मुहूर्त और उनका कार्य‑क्षेत्र

  • विजय मुहूर्त (14:03‑14:49) – व्यापारिक अनुबंध, जमीन‑जायदाद की खरीद‑फरोख्त।
  • गोधुली मुहूर्त (17:55‑18:19) – धार्मिक अनुष्ठान, नई पूजा योजना तथा अभिषेक।
  • राहुकाल (16:49‑18:17) – बड़ी निवेश, बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत से बचें।
  • यमगंड (12:25‑13:53) – स्वास्थ्य‑संबंधी शल्य‑क्रिया या नई दवा शुरू करने से परहेज करें।

इन समय‑सीमाओं को समझ कर ही आप इस रवि योग का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। एक छोटा सा प्रयोग यह है कि आप किसी भी नई योजना को विजय मुहूर्त में लिखित रूप में निर्धारित करें, और फिर शाम के गोधुली मुहूर्त में उसका शुभारंभ करें।

भविष्य की प्रवृत्तियाँ और सावधानियाँ

ज्योतिषियों का मानना है कि इस रवि योग के बाद आने वाले दो हफ्तों में वित्तीय बाजार में हलचल होगी, विशेषकर सुनहरी धातुओं और रियल एस्टेट में। इसलिए सूचनात्मक निर्णय लेना ज़रूरी है। साथ ही, स्वास्थ्य संबंधी मामूली समस्याएँ उभर सकती हैं, इसलिए आहार में हल्के पदार्थ और नियमित व्यायाम को प्राथमिकता दें।

मुख्य बिंदु

  1. रवि योग 12 अक्टूबर‑13 अक्टूबर, दोपहर 1:36‑सुबह 6:21 (नई दिल्ली) में सक्रिय।
  2. सूर्य कुं्या में, चंद्रमा मिथुन में – व्यापार और स्वास्थ्य दोनों पर सकारात्मक प्रभाव।
  3. विजय एवं गोधुली मुहूर्त शुभ कार्यों के लिये उपयुक्त।
  4. राहुकाल व यमगंड में बड़े निर्णयों से बचें।
  5. मेख़, मिथुन, सिंह, तुला, कुंभ राशियों को विशेष लाभ की उम्मीद।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

रवि योग का समय कब से कब तक है?

रवि योग 12 अक्टूबर 2025 को दोपहर 1 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर 13 अक्टूबर 2025 को सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक चलता है। यह अवधि नई दिल्ली के अनुसार निर्धारित की गई है।

कौन‑सी राशियों को इस दिन विशेष लाभ मिलेगा?

मेख़, मिथुन, सिंह, तुला और कुंभ राशियों के जातकों को इस रवि योग में प्रतिष्ठा, धन‑संपत्ति और सामाजिक मान्यता में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुमान है।

राहुकाल और यमगंड के दौरान कौन‑से काम नहीं करने चाहिए?

राहुकाल (शाम 4:49‑6:17) और यमगंड (दोपहर 12:25‑1:53) के दौरान बड़े निवेश, नई भूमि‑जायदाद की खरीद‑फरोख्त, चिकित्सा‑सर्जरी या नई दवा शुरू करने जैसे महत्वपूर्ण कदमों से बचना उचित है।

विजय मुहूर्त और गोधुली मुहूर्त में कौन‑से कार्य करना लाभदायक रहेगा?

विजय मुहूर्त (दोपहर 2:03‑2:49) में व्यापारिक अनुबंध, रियल एस्टेट लेन‑देन और नए प्रोजेक्ट शुरू करना शुभ माना गया है। गोधुली मुहूर्त (शाम 5:55‑6:19) में धार्मिक अनुष्ठान, नई पूजा योजना या अभिषेक करना अनुकूल रहेगा।

पंडित सौरभ त्रिपाठी ने इस दिन कौन‑सी मुख्य सलाह दी?

त्रिपाठी जी ने कहा कि रविवार व्रत का पालन करें, लेकिन पहले सभी अशुभ मुहूर्तों को नोट करें। विजय एवं गोधुली मुहूर्त को शुभ कार्यों के लिये अपनाएँ और राहुकाल‑यमगंड में बड़े निर्णयों से परहेज करें।

टिप्पणि (2)

anuj aggarwal
  • anuj aggarwal
  • अक्तूबर 12, 2025 AT 23:13 अपराह्न

रवि योग का प्रचार सिर्फ धूंधला झूठ है, कोई फायदा नहीं।

Sony Lis Saputra
  • Sony Lis Saputra
  • अक्तूबर 13, 2025 AT 03:23 पूर्वाह्न

रवि योग का समय 12 अक्टूबर को दोपहर 1:36 से शुरू होता है, और यह 13 अक्टूबर सुबह 6:21 तक चलता है। यह अवधि नई दिल्ली के अनुसार तय की गई है, इसलिए स्थानीय समय पर ही भरोसा करना चाहिए। सूर्य कुंया में स्थित होने से व्यापारिक निर्णयों में स्पष्टता आती है और चंद्रमा मिथुन में होने से संवाद कौशल में सुधार होता है। बुध‑गुरु‑शुक्र की स्थिति संतुलन बनाती है, जिससे वित्तीय लेन‑देनों में जोखिम कम होता है। विजय मुहूर्त दोपहर 2:03‑2:49 के बीच है, इस समय में जमीन‑जायदाद की खरीद‑फरोख्त या नई व्यापारिक साझेदारियों की शुरूआत करना लाभदायक होगा। गोधुली मुहूर्त शाम 5:55‑6:19 में है, यह समय धार्मिक अनुष्ठान या नई पूजा योजना के लिए उपयुक्त है। राहुकाल शाम 4:49‑6:17 के दौरान बड़े निवेश से बचना चाहिए, क्योंकि यह अवधि संभावित हानियों की संभावना बढ़ाती है। यमगंड दोपहर 12:25‑1:53 में है, इस समय में कोई भी शल्य‑क्रिया या नई दवा शुरू करना जोखिमपूर्ण हो सकता है। मेष, मिथुन, सिंह, तुला और कुंभ राशियों को इस रवि योग में विशेष लाभ मिलने की संभावना है, इसलिए इन राशियों के लोग सकारात्मक कदम उठा सकते हैं। विशेषकर मेष राशि के लोग नई परियोजनाओं को प्रारम्भ करने के लिए इस समय का उपयोग कर सकते हैं। मिथुन राशि वाले साझेदारियों और नेटवर्किंग में सफलता देख सकते हैं। सिंह राशि को राजनयिक या सार्वजनिक मंचों में सम्मान मिल सकता है। तुला राशि को कानूनी मामलों में संतुलन और सफलता मिल सकती है। कुंभ राशि के सामाजिक कार्यों में सराहना और समर्थन बढ़ेगा। आर्थिक बाजार में अगले दो हफ्तों में हलचल की उम्मीद है, इसलिए सूचित निर्णय लेना ज़रूरी है। स्वास्थ्य में हल्की अस्थिरता देखी जा सकती है, इसलिए हल्के भोजन और नियमित व्यायाम पर ध्यान देना चाहिए। अंत में, यदि आप इस समय में कोई नई योजना लिखित रूप में बनाते हैं और इसे विजय मुहूर्त में स्वीकृत करते हैं, तो सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

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