प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आरजे शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। यह अस्पताल कांची मठ द्वारा संचालित देश का 14वां अस्पताल है, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश के 20 जिलों के साथ ही बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमाओं के निकट रहने वाले लोगों को भी बेहतरीन नेत्र चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करेगा। मेले के दौरान, पीएम मोदी ने संस्कृत के श्लोक 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' का उच्चारण किया और वाराणसी में वापस आने पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे काशी, जो हमेशा से धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र के रूप में पहचान रखती थी, अब स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में भी एक बड़ा केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है।
प्रधानमंत्री ने पिछले दशक में पूर्वांचल क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नई सुविधाओं और 10,000 से अधिक नए बिस्तरों की स्थापना की गई है। इसके अलावा, 100 से अधिक केंद्रों में मस्तिष्क ज्वर जैसे रोगों के उपचार की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
पीएम मोदी ने भारत की स्वास्थ्य रणनीति के पांच मुख्य स्तंभों पर भी हमें जागरूक किया, जो हैं: रोग की रोकथाम, समय पर निदान, सस्ती चिकित्सा, छोटे शहरों में कम लागत वाले देखरेख की पहुंच और तकनीकी का लाभ उठाकर स्वास्थ्य सेवा वितरण को मजबूत करना। इस रणनीति के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि लोग स्वस्थ रहें और उन्हें गंभीर बीमारियों के कारण गरीबी में न गिरना पड़े।
मोदी ने इस अवसर पर स्वच्छता, योग, पोषण और खाद्य सुरक्षा पर भी जोर दिया। ये तत्व बीमारियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकार ने इन क्षेत्रों में ठोस कदम उठाए हैं ताकि लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो और कोई भी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण विषम स्थिति में न आए।
अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने कांची के शंकराचार्य से मुलाकात की और पूर्व शंकराचार्य की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके अलावा, उन्होंने देश भर में कई हवाई अड्डा परियोजनाओं का उद्घाटन किया जिसकी कुल लागत 6700 करोड़ रुपये से अधिक है। वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 2870 करोड़ रुपये की लागत से नींव पत्थर रखा गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये पहलें केवल वाराणसी के लिए ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए मील का पत्थर साबित होंगी। नई स्वास्थ्य योजनाओं से यह उम्मीद की जा सकती है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और समीपवर्ती राज्यों में रोगियों को देश की सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, जो एक स्वस्थ भारत के निर्माण में सहायक सिद्ध होंगी।
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