जब Jofra Archer, फास्ट बॉलर of England and Wales Cricket Board (ECB) को एशेज़ के लिए सुरक्षित रखने की जरूरत समझी गई, तो उनके नाम पर पहली ODI में खेलना Eden Park, न्यूज़ीलैंड में 26 अक्टूबर को रद्द हो गया। यह निर्णय Moises Henriques, ECB के परफॉर्मेंस डायरेक्टर, ने 25 अक्टूबर को सार्वजनिक किया, और Dr. Nick Peirce, चिकित्सीय प्रमुख, की टीम ने इसे ‘लंबी अवधि की फिटनेस’ का पहलू बताया। साथ ही, The AshesThe Gabba, ब्रिस्बेन की तैयारी के कारण यह कदम उठाया गया।
जॉफ्रा आर्चर का जन्म 1 अप्रैल 1995 को बार्बाडोस के ब्रिजटाउन में हुआ और वह 2019 विश्व कप में Eden Park पर कोलिन डी ग्रैंडहोम को गेंदबाज़ी करते हुए अपने दाएँ साइड में स्ट्रेन लगने के बाद पहली बार गंभीर चोट से गुज़रा। उस बाद से वह 2019 से लेकर अब तक 78% सीमित‑ओवर मैचों को मिस कर चुके हैं, मुख्यतः एल्बो और साइड की समस्याओं के कारण।
ECB ने कहा कि आर्चर की पुनःशिक्षा लॉफ़ोर्डशायर के नेशनल क्रिकेट परफ़ॉर्मेंस सेंटर में जारी है। Dr. Vishva Dixit, मेडिकल मैनेजर का कहना है कि वर्तमान प्रोटोकॉल में उच्च‑तीव्रता वाली गेंदबाज़ी से बचना शामिल है, क्योंकि इससे पिछले सर्जरी के बाद नई चोट का जोखिम बढ़ सकता है।
ECB के सूत्रों के अनुसार, आर्चर की अनुपस्थिति ने टीम को लगभग £285,000 का वित्तीय नुकसान पहुँचाया – £150,000 प्रति ODI मैच का फ़ीस और £135,000 किट स्पॉन्सर Castore से। यद्यपि यह आंकड़ा टीम के बजट को नहीं ढहाता, पर यह स्पष्ट करता है कि क्यों सावधानी बरती गई।
कैप्टन Jos Buttler ने इस मौके पर एक ‘मॉडिफाइड’ बॉलिंग युक्ति अपनाने का इरादा जताया। उनके साथ Chris Woakes, Mark Wood (जो वर्तमान में अपने ही एड़ी की समस्या से जूझ रहा है) और David Willey शामिल होंगे। इस फ़ॉर्मेशन ने कई विशेषज्ञों का ध्यान खींचा, क्योंकि इंग्लैंड की तेज़ गेंदबाज़ी विभाग पिछले दो वर्षों में लगातार चोट‑जंजाल में फँसी हुई है।
न्यूज़ीलैंड क्रिकेट (NZC) ने पुष्टि की कि 26 अक्टूबर को निर्धारित समय 13:30 NZDT पर मैच बिना किसी बदलाव के चलेगा। Gary Stead, हेड कोच ने कहा, “हम इंग्लैंड के निर्णय का सम्मान करते हैं, लेकिन हम किसी भी संयोजन के लिए तैयार हैं।” मैच के अंपायर Paul Wilson (ऑस्ट्रेलिया) और Richard Illingworth (इंग्लैंड) नियुक्त किए गए।
यह सीरीज़ कुल सात ODI मैचों की होगी, जो 26 अक्टूबर से 12 नवंबर तक चलेगी और इंग्लैंड के लिए ऑस्ट्रेलिया में शुरू होने वाले Ashes टेस्ट श्रृंखला की अभिमुखीकरण का काम करेगी।
आर्चर के वापस आने की संभावना अभी तक ‘50‑50’ पर तय है। उनके प्रगति रिपोर्ट 1 नवंबर को आने वाली हैं, और अगर वह ठीक रहते हैं तो 10 नवंबर को मेलबॉर्न के MCG हाई‑परफ़ॉर्मेंस सेंटर में बॉलिंग सिमुलेशन करने की योजना है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अगर वह आरोग्यपूर्ण रूप से एशेज़ में कदम रख पाएँ तो इंग्लैंड की तेज़ गेंदबाज़ी लाइन‑अप में एक बड़ा बूस्ट मिल सकता है।
दूसरी ओर, यदि आर्चर फेमल हो जाते हैं, तो इंग्लैंड को अपने तेज़ गेंदबाजों के ड्यूटी‑रोस्टर को और अधिक घुमाना पड़ेगा, जिससे टीम की बैलेंसिंग पर अतिरिक्त दबाव आएगा। यह स्थिति NZC के लिए भी दिलचस्प है, क्योंकि दोनों टीमों के पास तेज़ गेंदबाज़ी में गहराई की कमी है, और कोई भी परिवर्तन खेल के प्रवाह को बदल सकता है।
आर्चर की गति और एक्सपीरियंस का अभाव इंग्लैंड की पेसिंग विकल्पों को सीमित करेगा। इससे बॉलर्स पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और बल्लेबाज़ों के खिलाफ प्रेशर कम हो सकता है, खासकर लिंबो‑ओवर में।
डॉक्टरों ने कहा है कि यदि 10 नवंबर के सिमुलेशन में वह अपनी गति बनाए रख पाते हैं, तो वह Ashes के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। लेकिन यह अभी भी 50‑50 संभावना है, क्योंकि पुनःशिक्षा का पूरा असर अभी स्पष्ट नहीं हुआ है।
NZC ने बताया है कि वे अपनी मौजूदा फास्ट बॉलिंग यूनिट पर भरोसा जारी रखेंगे। अगर इंग्लैंड का अटैक कमजोर हो गया, तो न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज ट्रेंट बॉल्ट और रॉई कर्नॉफ़ जैसी अनुभवी खिलाड़ियों पर अधिक दबाव डालेंगे।
आर्चर ने 2019 विश्व कप में Eden Park पर साइड स्ट्रेन का सामना किया, फिर 2020‑2022 में दो बार एल्बो सर्जरी करवाई और 2023 में एक बार फिर साइड की परेशानी हुई। कुल मिलाकर तीन सर्जरी और लगातार रिहैबिलिटेशन किए हैं।
स्रोतों के मुताबिक, आर्चर की अनुपस्थिति ने इंग्लैंड को लगभग £285,000 का नुकसान पहुँचाया — £150,000 मैच‑फीस और £135,000 स्पॉन्सरशिप रेवेन्यू।
जॉफ्रा आर्चर की चोट का समाचार सुनकर काफी दुःख हुआ। उनका तेज़ बॉलिंग England के पेसिंग अटैक का दिल है, और उनका अभाव टीम को चुनौती दे सकता है। चिकित्सा टीम की सावधानीपूर्ण निर्णय को मैं पूरी तरह समझता हूँ, क्योंकि उनके भविष्य की फिटनेस सबसे महत्वपूर्ण है। आशा है कि वह जल्द ही पूरी तरह ठीक होकर एशेज़ में वापस आ सकें।
ECB का यह कदम तर्कसंगत है, लेकिन इंग्लैंड को अब अपनी पेसिंग स्ट्रैटेजी को पुनः मूल्यांकित करना पड़ेगा। बॉलर जोन बट्लर ने पहले ही बताया है कि टीम को वैकल्पिक विकल्पों पर भरोसा करना होगा। यह चुनौती टीम को आगे बढ़ने के लिए मजबूर करेगी, और नई ऊर्जा लाएगी।
जॉफ्रा की अनुपस्थिति से टीम की गति घटेगी। परंतु अन्य तेज़ गेंदबाज़ों को अवसर मिलेगा।