स्वास्थ्य सिर्फ बीमारी का नाम नहीं है। यह रोज़मर्रा की आदतों, मौसम और खबरों से जुड़ा हुआ निर्णय है। हम यहां वो खबरें और आसान सलाह लाते हैं जो तुरंत काम आएं—चाहे मॉनसून का अलर्ट हो, हीटवेव की चेतावनी या लोकल अस्पताल से जुड़ा अपडेट।
आप अक्सर सोचते होंगे: कौनसी खबरें सच में मेरी सेहत पर असर डालती हैं? सही सवाल है। तेज़ बदलते मौसम, सार्वजनिक स्वास्थ्य अलर्ट और स्थानीय घटनाएँ—ये सीधे आपके रोज़मर्रा के फैसलों को प्रभावित करती हैं। इसलिए स्वास्थ्य टैग पर हम ऐसे आर्टिकल चुनते हैं जो प्रैक्टिकल हों और जिस पर आप तुरंत अमल कर सकें।
यहां आपको राष्ट्रीय और लोकल दोनों तरह की खबरें मिलेंगी। उदाहरण के लिए बिहार में आई हीटवेव रिपोर्ट या दिल्ली-यूपी के मॉनसून अलर्ट जैसे अपडेट सीधे आपकी तैयारी बदल सकते हैं। किसी भी अलर्ट में सबसे पहले देखें: कौन से इलाके प्रभावित हैं, कितनी गंभीरता है और क्या सरकारी सलाह जारी हुई है। हमारी खबरें यही जानकारी संक्षेप में और स्पष्ट तरीके से देती हैं ताकि आप समय रहते बचाव कर सकें।
हेल्थ खबर पढ़ते समय ये बातें जरूर देखें — स्रोत कौन है, क्या अस्पताल या स्वास्थ्य विभाग ने बयान दिया है, और क्या रोकथाम के आसान कदम बताए गए हैं। हमारी कोशिश रहती है कि हर खबर के साथ practical सुझाव भी हों, जैसे गर्मी में हाइड्रेशन, मॉनसून में इंफेक्शन से बचाव या मौसम बदलने पर बच्चों और बुज़ुर्गों की विशेष देखभाल।
बड़े बदलाव जरूरी नहीं। छोटे-छोटे कदम अक्सर असर दिखाते हैं। पानी समय-समय पर पिएं, सीधी धूप में लंबा समय न बिताएं, और हाथ साफ़ रखने की आदत बनाएं। मॉनसून में नंगे पांव न चलें और स्टेज-वार कपड़े रखें ताकि तेज़ बदलाव पर तुरंत बदल सकें।
अगर आप घर पर बीमार महसूस करते हैं तो पहले आराम करें और जरूरी हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। दवाई खुद शुरू करने से पहले लक्षणों पर ध्यान दें—बुखार, सांस लेने में दिक्कत, तेज़ कमजोरी ये सब चेतावनी हैं। हमारी खबरों में आप ऐसी परिस्थितियों का त्वरित संकेत पाएंगे और जानेंगे कब डॉक्टर के पास जाना जरूरी है।
हमारी टीम कोशिश करती है कि स्वास्थ्य टैग पर मिली जानकारी आसान भाषा में, भरोसेमंद स्रोत के साथ और तुरंत उपयोगी रहे। रोज़ाना की छोटी-छोटी खबरें ही बड़े फैसले बदल देती हैं—तो स्वास्थ्य सेक्शन को नियमित पढ़िए और अपने परिवार को भी अपडेट रखें।
अगर आप किसी खास स्वास्थ्य मुद्दे पर जानकारी चाहते हैं या अपने इलाके की ताज़ा स्थिति जाननी चाहते हैं, तो हमें बताइए—हम उसे कवर करने की कोशिश करेंगे।
भारत में पहली बार केरल के मलप्पुरम में MPOX Clade 1 का मामला सामने आया है। यह मरीज एक 38 वर्षीय व्यक्ति है जो हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से आया था और उसकी स्थिति स्थिर है। यह मामले भारत में Clade 1 स्ट्रेन की पहली पुष्टि है।