सुप्रीम कोर्ट पर चर्चा अक्सर गर्म होती है — नियुक्तियां, मामलों की देरी, और जवाबदेही। पर सवाल ये है: लोगों के रोज़मर्रा के न्याय तक पहुंच में असल बदलाव कैसे आएगा? नीचे मैं आसान, व्यवहारिक और तेज़ लागू होने वाले सुझाव दे रहा हूँ जो असल में असर डाल सकते हैं।
पहला जरूरी कदम है नियुक्तियों में पारदर्शिता। अब तक कॉलेजियम सिस्टम और NJAC पर लंबी बहस चली। क्या हम एक ऐसा तरीका नहीं बना सकते जहाँ नियम साफ हों — किन मानकों पर किसी जज को चुना गया, और यह जानकारी सार्वजनिक हो? इससे न सिर्फ भरोसा बढ़ेगा बल्कि योग्य उम्मीदवारों तक पहुँच भी आसान होगी।
दूसरा, डिजिटल कामकाज को और तेज करें। ई-फाइलिंग, वीडियो हियरिंग और केस-मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर से सुनवाई तेज होगी। कई लोगों ने स्थानीय कोर्ट तक जाने में दिन गंवा दिए हैं; डिजिटल सुविधाओं से कई मामलें पहले ही सुलझ सकते हैं।
तीसरा, केस बैकलॉग घटाने के लिए प्राथमिकता तय करें। संवेदनशील मामला—जैसे मानवाधिकार या सीधे जेल में बंद लोगों के अधिकार—उन्हें आगे रखा जाना चाहिए। साधारण तकनीक जैसे टाइम-लाइम और केस मैनेजर नियुक्त करने से भी निपटान तेज़ होगा।
लंबे समय के लिए न्यायाधीशों की संख्या बढ़ानी होगी और खास बेंच बनानी चाहिए—कमर्शियल, कर, और संवैधानिक जटिल मामलों के लिए अलग बेंच से विशेषज्ञता आएगी और फैसला जल्दी होगा। साथ ही, न्यायपालिका के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और बजट आवंटन जरूरी है ताकि कोर्ट्स का काम बाधित न हो।
जवाबदेही का मुद्दा भी तात्कालिक है। किसी भी संस्थान की स्वतंत्रता तभी टिकती है जब वह जवाबदेह भी हो। इसलिए एक स्वतंत्र, निष्पक्ष पारिश्रमिक और अनुशासनिक तंत्र बनाया जाना चाहिए — ताकि शिकायतों की तेज़ और निष्पक्ष जांच हो सके बिना अदालत की स्वतंत्रता पर असर डाले।
अंत में, वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) को बढ़ावा दें—मध्यक्षता, मध्यस्थता और छोटे दावों के लिए लोक-पनाह केंद्र। इससे न सिर्फ हाई कोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट पर दबाव घटेगा बल्कि नागरिकों को भी तेज़ नतीजे मिलेंगे।
ये सब कदम आसान, सटीक और असरदार हैं। आप सोच रहे होंगे—क्या राजनीतिक इच्छाशक्ति चाहिए? हाँ। पर साथ ही कोर्ट, विधायिका और नागरिक समाज मिलकर छोटे-छोटे कदम तुरंत उठा सकते हैं। छोटे सुधार एक साथ लागू हों तो बड़ा फर्क दिखेगा।
अगर आप चाहें, मैं इन सुझावों का एक संक्षिप्त एक्शन प्लान तैयार कर दूँ—किस चीज़ को 30 दिन में, किसे 6 महीनों में और किसे 2 साल में किया जा सकता है। बताइए, किस तरह का प्लान चाहिए?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन अगली सप्ताह में सर्वोच्च न्यायालय में बड़े बदलावों का प्रस्ताव करने की तैयारी कर रहे हैं। प्रस्तावित सुधारों में न्यायाधीशों के लिए कार्यकाल सीमा शामिल होगी। यह कदम बिडेन की स्थिति में महत्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है।