फ्रांस राजनीति – क्या नया है? आसान रूप में समझें

अगर आप फ्रांस की राजनीति में रुचि रखते हैं तो ये पेज आपके लिये है। यहाँ हम मैक्रोन की सरकार, हालिया चुनाव, संसद की चल रही बहस और यूरोपीय स्तर पर फ्रांस के कदमों को सरल शब्दों में बताते हैं। पढ़ते रहिए, हर बिंदु को आसान उदाहरणों से समझेंगे।

मैक्रोन की सरकार की प्रमुख योजनाएँ

एमैन्युएल मैक्रोन ने अपना दूसरा टर्म शुरू किया तभी से कई बड़े फैसले लिये हैं। सबसे ध्यान देने वाला है जलवायु कानून, जिसमें कार्बन टैक्स बढ़ाना और नवीकरणीय ऊर्जा को चार गुना ढ़ालना शामिल है। उन्होंने "रिपब्लिक 2.0" के तहत शिक्षा सुधार भी प्रस्तुत किये – स्कूल में डिजिटल सीखने को बड़ा धंधा बना दिया। आम लोग इन बदलावों को रोज़मर्रा की जिंदगी में देख रहे हैं, जैसे सर्दियों में गैस के बिल में कमी या नई साइकिल‑लेन का निर्माण।

एक और बड़ा फैसला है पेंशन सुधार। मैक्रोन ने पेंशन की उम्र को 62 से 64 साल करने की कोशिश की, पर ट्रेड यूनियनों ने भारी विरोध किया। संसद में बहस बहुत तीव्र रही, लेकिन अंत में सरकार ने कुछ हिस्सों को रद्द कर दिया, जिससे जनता को थोड़ी राहत मिली। इस तरह के निर्णयों से फ्रांस की राजनीति में हमेशा बहस रहती है – सरकार और जनता के बीच संचार कैसे बनता है, यह देखना दिलचस्प होता है।

नवीनतम चुनावी हलचल और संसद की स्थिति

पिछले महीने फ्रांस में लोकसभा (असेंबली) के चुनाव हुए। मैक्रोन की पार्टी, "ला रेपुब्लिक एन फ्रांस", ने 250 सीटें जीतें, लेकिन कुल मिलाकर कोई भी पार्टी एब्सोल्यूट मेजॉरिटी नहीं बना सकी। इससे कोएलिशन बनाने की ज़रूरत पड़ी। अभी दूसरी पार्टी, "रिपब्लिकन" और "डेटा फ्रांस" जैसी समूह मिलकर सरकार की स्थिरता बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

संसद में नई आवाज़ें भी आई हैं – युवा सांसदों ने डिजिटल अधिकार, डेटा प्राइवेसी और जेंडर इक़्वैलिटी पर जोर दिया। उनका कहना है कि पुराने कानून अब आधुनिक समाज को नहीं संभाल पाएँगे। इस बदलाव से नयी बिलों का ड्राफ्ट तैयार हो रहा है, जो अगले साल पारित हो सकता है।

एक और बात जो अक्सर छूट जाती है, वह है यूरोपीय संघ में फ्रांस की भूमिका। मैक्रोन ने EU के भीतर वित्तीय एकीकरण और रक्षा सहयोग को तेज़ करने की बात कही है। हाल ही में उन्होंने "यूरोपीय सुरक्षा फ़्रेमवर्क" पर चर्चा की, जिसमें फ्रांस, जर्मनी और इटली के बीच मिलिट्री प्रशिक्षण साझा किया जाएगा। यह कदम यूरोप के सुरक्षा को बढ़ाने के साथ‑साथ फ्रांस को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मजबूत बनाता है।

अगर आप फ्रांस में चल रहे प्रदर्शन या धर्षण की बात सुनते हैं, तो अक्सर वह आर्थिक नीतियों या सामाजिक सुधारों के विरोध में होते हैं। उदाहरण के तौर पर, पेट्रोल को टैक्स बढ़ाने की योजना पर कई शहरों में मार्च हुए। लोग अपने रोज़मर्रा के खर्चों पर असर देख रहे थे, इसलिए उठ खड़े हुए। इन घटनाओं को समझना आपके लिए फ्रांस के सामाजिक माहौल को बेहतर ढंग से जानने में मदद करेगा।

समाप्ति में यह कहना सही रहेगा कि फ्रांस की राजनीति जटिल नहीं, बस कई हिस्सों में बंटी हुई है – राष्ट्रपति, संसद, यूरोपीय संघ और जनता की आवाज़। सभी को एक साथ देखना चाहिए ताकि समग्र चित्र दिखे। इस पेज पर हम नियमित रूप से नई खबरें और विश्लेषण जोड़ेंगे, तो बस वापस आते रहिए और फ्रांस की राजनीति के हर मोड़ को समझते रहिए।

फ्रांस में नया प्रधानमंत्री: मैक्रों ने सेबास्टियन लेकॉर्नू को नियुक्त किया, दो साल में पांचवीं बदलाबदली

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 39 वर्षीय सेबास्टियन लेकॉर्नू को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। यह दो साल से भी कम समय में पांचवीं नियुक्ति है। फ्रांसिस बायरू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद उन्हें हटना पड़ा। लेकॉर्नू को नीतिगत गतिरोध, बजट पारित कराने और असंतुष्ट जनता से निपटना होगा, जबकि विपक्ष समझौते के मूड में नहीं दिख रहा।

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