जब हम MGNREGA, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम, जो हर ग्रामीण परिवार को कम से कम 100 दिन का वार्षिक काम देता है. Also known as ग़रिबों की रोजगार योजना, it aims to provide a safety net for India's rural poor. इस योजना की बात करते हुए, आप निश्चित ही जानना चाहेंगे कि यह आपके गाँव में कैसे काम करता है, कौन‑से काम मिलते हैं, और कैसे लाभ उठाया जा सकता है। नीचे के पैराग्राफ में हम इसको आसान भाषा में समझाते हैं, ताकि आप खुद भी समझ सकें या अपने रिश्तेदारों को बता सकें।
MGNREGA का सबसे बड़ा रोजगार, सुरक्षित आय का स्रोत, विशेषकर कृषि‑पद्धति से बाहर वाले श्रमिकों के लिए प्रदान करने का लक्ष्य है। यह रोजगार सीधे ग्राम विकास, सड़क, जलभरण, सूखा नियंत्रण जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण में योगदान से जुड़ा है। इसलिए जब आपका गाँव नई सड़क या जलसंरचना देखता है, तो अक्सर वह MGNREGA के तहत ही बना होता है। इसी संबंध से योजना को ‘विकास का इंजन’ भी कहा जाता है – रोजगार का सृजन और बुनियादी सुविधाओं का निर्माण एक साथ।
एक और महत्वपूर्ण पहलू है महिला सशक्तिकरण, काम में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना और आय में समानता लाना। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक परिवार में कम से कम एक महिला कामगार को नौकरी मिले। इस नियम से महिलाएँ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनती हैं और उनके परिवारों की सामाजिक स्थिति में सुधार आता है। आप अपने गाँव में कई ऐसे केस देख सकते हैं जहाँ महिलाएँ घर से दूर नहीं निकलते हुए भी इमारत निर्माण, जलसंरचना या वृक्षारोपण जैसी गतिविधियों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेती हैं।
पर योजना की सफलता सिर्फ कार्य के नंबरों पर नहीं, बल्कि लाभार्थी, वह लोग जो MGNREGA के तहत काम लेते हैं की सहभागिता, पंजीकरण प्रक्रिया की पारदर्शिता और स्थानीय पंचायतों की निगरानी पर निर्भर करती है। अक्सर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में देरी, भुगतान में अंतर या रिकॉर्ड‑कीपिंग की गड़बड़ी जैसी समस्याएँ आती हैं। ऐसे मुद्दों का समाधान करने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, टाइम‑लाइन ट्रैकिंग और सीधी शिकायत प्रणाली को बढ़ावा दिया गया है। यदि आप एक लाभार्थी हैं, तो आप अपने काम की स्थिति ऑनलाइन देख सकते हैं, भुगतान की पुष्टि कर सकते हैं और अगर कोई गड़बड़ी लगे तो तुरंत शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इस तरह की सुविधाएँ योजना को अधिक जवाबदेह बनाती हैं।
अब आप इस पेज पर नीचे आने वाले लेखों में MGNREGA से जुड़ी ताज़ा खबरें, सरकारी अधिसूचनाएँ, राज्य‑स्तर के विशेष कार्यक्रम और वास्तविक कहानी‑पुस्तकें पाएँगे। चाहे आप नई योजना की विस्तृत जानकारी चाहते हों, या किसी राज्य में योजना के प्रभाव को समझना चाहते हों, यहाँ हर लेख आपके सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है। तो आगे स्क्रॉल करके पढ़ें, और अपने गाँव या परिवार के लिए सबसे उपयोगी जानकारी को आज़माएँ।
25 दिसम्बर 2024 को निधन हुआ भारत के 14वें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आर्थिक, सामाजिक और विदेश नीति के व्यापक योगदान को इस विस्तृत लेख में समझा गया है। 1991 के आर्थिक उदारीकरण से लेकर MGNREGA, आरटीआई, शिक्षा और एटॉमिक डील तक उनकी विरासत का जिक्र है।