क्या आपने कभी सोचा है मैच का मोड़ सिर्फ एक कैच या एक तेज थ्रो से भी बदल सकता है? फील्डिंग वही क्षेत्र है जहाँ छोटी मेहनत बड़ी जीत दिला सकती है। यहाँ रोज़ इस्तेमाल होने वाली, असरदार और आसान तकनीकें बताई जा रही हैं — जिन्हें आप मैदान पर आज़मा सकते हैं।
पहला नियम—हर अभ्यास का मकसद स्पष्ट रखें: तेज रिएक्शन, सही पोजिशन और सटीक थ्रो। कुछ सरल ड्रिल्स हैं जो तुरंत परिणाम दिखाते हैं:
1) दीवार कैच ड्रिल: दीवार के पास 6-8 मीटर से बॉल फेंककर रिबाउंड में हाथों से पकड़ना। पास-क्लोज क्विक हैंडलिंग और हाथों की सही पोजिशन के लिए बेहतरीन।
2) पिक-अप और थ्रो: गेंद को जमीन से उठाते ही लक्षित प्वाइंट पर तेज़ थ्रो करें। फुटवर्क पर ध्यान—बॉल के पास जितनी जल्दी पहुंचेंगे, थ्रो उतना सटीक होगा।
3) हाई कैच अभ्यास: साथी से ऊँचे कैच फेंवाएं, हमेशा दोनों हाथ तैयार रखें। आँखें बॉल पर टिकाएँ और लैंडिंग से पहले ब्रेक करें—यानी शरीर से बॉल की मूवमेंट को रोकें ताकि ड्रॉप न हो।
फील्डिंग सिर्फ शारीरिक काम नहीं—दिमागी तैयारी भी जरूरी है। पोजिशनिंग पर पहले से विचार करें: पिच, बल्लेबाज़ की शैली और रन-रेट देखकर पैर बदलते रहें।
क्या आप स्लिप में हैं या बीच के मैदान में? स्लिप में हाथ ऊँचे रखें, अंगुलियों को थोड़ा अंदर की तरफ झुका कर रखें। बीच के क्षेत्र में कूल-ड्राइव के लिए पीछे से कवर रखें और तेज थ्रो के लिए हमेशा एंगल बनाकर रखें।
कम्यूनिकेशन बहुत मायने रखता है। रन-आउट के लिए कॉल स्पष्ट करें—"माई!", "योर!" नहीं, बल्कि नाम या स्पष्ट संकेत। असमंजस में दिखेंगे तो मौके गंवाएं।
फिटनेस: एगिलिटी लैडर, छोटे 10-20 मीटर स्प्रिंट और कोर ट्रेनिंग रोज़ रखें। एक अच्छा फील्डर थक कर भी तेज रिएक्शन दे सकता है—इसका राज़ है सादा फिटनेस।
प्रैक्टिकल टिप: हर सत्र के बाद एक छोटा रीव्यू करें—कौन सा कैच छूटा, कौन सा थ्रो मिस हुआ और क्यों। छोटे नोट्स रखें और अगली प्रैक्टिस में उन्हीं पर काम करें।
अगर आप प्रो-लेवल की सोच रहे हैं तो वीडियो रिव्यू बहुत मददगार है—अपने कैच और थ्रो की रिकॉर्डिंग देखकर गलतियों को ठीक करें। हाई-प्रेशर सिचुएशन सिमुलेशन भी जोड़ें, ताकि मैच दबाव में हाथ नहीं कांपे।
अंत में, फील्डिंग में निरन्तरता और छोटी-छोटी चीजों पर काम करने से बड़ा फर्क दिखता है। रोज़ाना 20-30 मिनट सही ड्रिल्स में लगाइए, आप खुद फर्क महसूस करेंगे। मैदान पर छोटी-छोटी जीतें टीम को बड़ी सफलता दे सकती हैं—बस ध्यान, अभ्यास और समझ चाहिए।
और हाँ, सबसे ज़रूरी चीज़—मज़ा लें। अच्छा फील्डर बनने का सफर मज़ेदार होना चाहिए, तभी आप उसमें टिक पाएंगे।
IML 2025 में 55 वर्षीय Jonty Rhodes ने Australia Masters के खिलाफ मैच में हैरतअंगेज फील्डिंग से सबका ध्यान खींचा। Shane Watson के शॉट पर उनका डाइव देखकर फैंस पुराने दौर की यादों में खो गए। हालांकि South Africa हार गया, Rhodes की फुर्ती फिर साबित हुई।