क्या आप अंतरिक्ष यात्री बनना सोच रहे हैं? यह सपना मुश्किल जरूर है, पर जानकर आपको स्पष्ट दिशा मिलेगी। यहां मैं आसान भाषा में बताता हूँ कि कौन-सी योग्यता चाहिए, क्या ट्रेनिंग मिलती है और भारत में अभी क्या अवसर दिख रहे हैं।
शिक्षा: बैचलर की डिग्री साइंस, इंजीनियरिंग, या मेडिकल फील्ड में लें। इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस, मैकेनिकल), भौतिकी या मेडिकल डिग्री आमतौर पर पसंद की जाती है। पायलट बनना है तो वायुयान उड़ाने का लाइसेंस और फ्लाइट घंटे जरूरी हैं।
फिजिकल फिटनेस: अच्छा स्वास्थ्य और फिटनेस अनिवार्य है। कार्डियो, स्ट्रेंथ और मसल-कंडीशनिंग पर ध्यान दें। आंखों की दृष्टि, सुनने और सामान्य शारीरिक टेस्ट पास होने चाहिए।
प्रोफेशनल अनुभव: रिसर्च, इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट, पायलटिंग या मेडिकल अनुभव आपको आगे बढ़ाते हैं। ISRO या अन्य स्पेस एजेंसियाँ अनुभव और तकनीकी कौशल को महत्व देती हैं।
ट्रेनिंग क्या होती है: बेसिक ट्रेनिंग में हाई-जी, ग्रैविटी सिमुलेशन, सर्फाइवल ट्रेनिंग, स्पेसवॉक (EVA) की तैयारी और साइंस एक्सपेरिमेंट शामिल होते हैं। रोजमर्रा के कामों के अलावा टीमवर्क और मनोवैज्ञानिक तैयारी पर भी जोर होता है।
सेलेक्शन कैसे मिलता है: हर एजेंसी की अपनी प्रक्रिया होती है – लिखित टेस्ट, मेडिकल, इंटरव्यू और ट्रेनिंग असाइनमेंट। private कंपनियों में अलग योग्यता और समयसीमा हो सकती है।
ISRO की स्पेस डॉकिंग सफलता ने भारत की क्षमताओं को मजबूत किया है। यह संकेत देता है कि भारत अब स्पेस स्टेशन ऑपरेशन्स और मानव मिशनों के लिए तैयारी कर रहा है। गगनयान मिशन और डॉकिंग तकनीक दोनों से नई नौकरियां और विशेषज्ञता की मांग बढ़ेगी।
भविष्य के रास्ते: पायलट-अस्ट्रोनॉट, मिशन स्पेशलिस्ट, साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट कॉर्डिनेटर और इंजीनियरिंग रोल मुख्य होंगे। निजी सेक्टर में भी स्पेस स्टार्टअप, सैटेलाइट सर्विस और कमर्शियल फ्लाइट विकल्प बढ़ रहे हैं।
ज़रूरी टिप्स जो फौरन करें: रोज व्यायाम शुरू करें, तकनीकी कोर्सेस (रोबोटिक्स, कंट्रोल सिस्टम), अंग्रेजी और तकनीकी लेखन सुधारें, और प्रोजेक्ट बनाकर पोर्टफोलियो तैयार रखें। अगर पायलट बनना है तो फ्लाइट स्कूल में दाखिला लें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल: ट्रेनिंग की अवधि आमतौर पर 1-3 साल होती है। उम्र सीमा एजेंसी पर निर्भर करती है पर युवा होने में फायदा है। रिस्क रहता है, पर तैयारी से आप उसे कम कर सकते हैं।
अंत में, अंतरिक्ष यात्री बनने का रास्ता योजना और धैर्य माँगता है। हर कदम पर कौशल और फिटनेस पर काम कीजिए, और भारत में बढ़ते स्पेस कार्यक्रमों की खबरों पर नजर रखें। यदि आप गंभीर हैं तो छोटे लक्ष्य बनाइए और लगातार आगे बढ़िए।
नासा आज बुच विलमोर और सुनीता विलियम्स के अंतरिक्ष मिशन पर महत्वपूर्ण अपडेट प्रदान करने के लिए तैयार है। तकनीकी समस्याओं के कारण इनकी आईएसएस पर रहने की अवधि बढ़ाई गई है। नासा इस दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है।