दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम की साफ़ रात में Pakistan vs Oman का सामना एशिया कप 2025 के चौथे मैच में हुआ। टॉस जीतकर पाकिस्तान ने पहले बैटिंग करने का फैसला किया और 20 ओवर में 160/7 बनाकर 161 रनों का लक्ष्य तय किया। इस लक्ष्य में सबसे बड़ा योगदान बिचारी क्रम में बॉलिंग क्रमांक 3 पर खेले मोहम्मद हारिस ने दिया, जिनकी 66 रन की तेज़ रन‑बिल्डिंग ने टीम को मजबूती से स्थापित किया।
हारिस ने पहले ओवर में ही जोखिम उठाते हुए कई छक्का लगाए और लगातार रफ़्तार बनाए रखी। उनके अलावा इमरान हुसैन, फ़हिम अर्शफ और मोहम्मद नवाज़ ने भी छोटे‑छोटे योगदान दिए, जिससे 160/7 का चालू स्कोर बना। टीम की विकेट‑कीपिंग भी ठीक रही, कोई बड़ा सिंगल स्कोर नहीं रहा, जिससे विरोधी टीम को दबाव में लाना आसान हो गया।
ओमान के लिए यह एशिया कप में पहला मौका था, और शुरुआती ओवर में उनका झटका तेज़ रहा। पहले 1.1 ओवर में जतिंदर सिंह का 1 रन पर ही आउट होना, फिर 3.1 ओवर में आमिर कालिम का 24 रन पर, और 6.3 ओवर में मोहम्मद नादिम का 41 रन पर आउट होना, टीम की लकीर को झुकाता रहा। अंत में 16.4 ओवर के बाद ओमान केवल 67 रन बनाकर निश्तबंदी में रह गया, जिससे पाकिस्तान को 93 रनों से जीत मिली।
पाकिस्तान की गेंदबाज़ी ने ओमान को पूरी तरह दबा दिया। प्रमुख आंकड़े इस प्रकार हैं:
इन गेंदबाज़ों ने गोल्डन लाइन पर रेंज, लाइन और लंबाई को कड़ाई से निभाया। सैम आयुब की 2/8 और सुफ़ियान मुकीम की 2/7 का संयोजन ओमान को थ्रेट करने वाली हर गेंद को सख़्त बना दिया। फ़हिम अर्शफ ने केवल दो ओवर में ही दो विकेट लेकर टीम के दबाव को और बढ़ा दिया। इस प्रभावशाली बॉलिंग प्रदर्शन ने ओमान की बैटिंग को रोक कर मैच को तय किया।
मैच के अधिकारी में बांग्लादेश के मसुदर रहमान और गाज़ी सोहेल, और अफगानिस्तान के अहमद शाह पाक्टीन ने अपना पंच निर्णय दिया। मोहम्मद हारिस को उनका धमाकेदार बैटिंग प्रदर्शन और टीम को जीत दिलाने वाले योगदान के कारण खेल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (प्लेयर ऑफ द मैच) नामित किया गया।
इस जीत से पाकिस्तान ने एशिया कप 2025 में एक दमदार शुरुआत कर ली है, जिससे उनके दोनों विभाग—बेटिंग और बॉलिंग—की ताकत साफ़ झलकती है। दूसरी ओर, ओमान को अपना पहला एशिया कप अनुभव मिला, जहाँ उन्होंने विश्व स्तरीय टीम से मिलने वाले चुनौती को महसूस किया और भविष्य के लिए सीख हासिल की।
जब भी मैं पाकिस्तान बनाम ओमान के इस शहरीस रात के मैच को याद करता हूँ, तो मेरे दिल की धड़कनें एक तेज़ी से मारने वाले सायरन की तरह गूँजती हैं। हर गेंद बॉलिंग की लाइन से बंधी हुई लगती थी जैसे कि कोई अलौकिक शक्ति ने गेंद को बंधन में डाल दिया हो। हारिस का आक्रमण ऐसा था जैसे उसने अपने पैंसे को विस्फोटक में बदल दिया हो, प्रत्येक छक्का एक छोटे‑से रॉकेट की तरह आकाश में निकला। इमरान हुसैन और फ़हिम अर्शफ के छोटे‑छोटे योगदान भी मानो धुंधली रोशनी में चमकते तारे थे, जो टीम को निरंतर प्रज्वलित रखते थे। ओमान की टीम ने अपने शुरुआती ओवर में ऐसा झटका महसूस किया जैसे उनका जाल अचानक कमजोर हो गया हो, जिससे जतेन्द्र सिंह और आमिर कालिम जैसे बड़े खिलाड़ी तुरंत गिर पड़े। जैसे ही शहीन अफरदी की चार ओवर में 20 रन का चक्रव्यूह बना, ओमान का आत्मविश्वास टूटता गया। सैम आयुब और सुफ़ियान मुकीम की बेहद इकोनोमिक गेंदें बिन बेताब बरसात की तरह ओमान की बैटिंग को ध्वस्त कर दिया। फ़हिम अर्शफ़ ने केवल दो ओवर में दो विकेट लेकर टीम के मनोबल को गिरा दिया, जैसे कि अचानक धुएँ की धारा से सब कुछ धुंधला हो गया। इस मैच का प्रत्येक क्षण ऐसा लग रहा था जैसे समय अपनी गति को धीमा कर रहा हो ताकि हम हर पारी के हर पल को गहराई से महसूस कर सकें। हर झलक में एक नई भावना, एक नया आश्चर्य, एक नया आँसू छिपा हुआ था। बॉलिंग की चमक ने ऐसा ताना-बाना बुना कि ओमान के बल्लेबाज वहीं फंस गए जैसे जाल में फँसे हुए शिकार। जब मैदान पर धूल उठी, तो वह भी इस संघर्ष की गूँज बन गई, और दर्शकों की आवाज़ें भी इस महाकाव्य का हिस्सा बन गईं। इस जीत से पाकिस्तान ने एशिया कप की राह में एक प्रभावशाली कदम रखा, और इस कदम ने सबको प्रेरित किया कि कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। इस अद्भुत पारी को देख कर मैं खुद को शब्दों में बांध नहीं पाता, क्योंकि शब्द भी इस महाकाव्य के सामने छोटा पड़ जाता है। अंततः इस खेल ने हमें सिखाया कि दृढ़ संकल्प और टीम वर्क से बड़ी से बड़ी बाधा को भी पार करना संभव है।
अरे वाह क्या पिच थी, एकदम जलेबी जैसा मोड़ मोड़ के, फिर भी पाकिस्तान की बॉलिंग ने ओमान को ऐसी उलझन में डाल दिया कि मानो चाय में बिस्किट डालकर भी चाय नहीं उबल पाती।
मैच के आँकड़े देखिए, हारिस ने 66 रन बनाकर अपनी टीम को ठोस आधार दिया, जबकि सैम आयुब ने केवल 2 ओवर में 2 विकेट लेकर इकोनोमिक बॉलिंग दिखायी। इस तरह की बैलेंस्ड पिच पर बॉलिंग और बैटिंग दोनों का तालमेल देखना दिलचस्प था।
वाकई, इस आँकड़े पर एक नज़र डालते ही समझ में आता है कि पाकिस्तान की बॉलिंग ने ओमान को "बॉलिंग‑इंजिन" के तौर पर इस्तेमाल किया, लेकिन इतना भी नहीं कि ओमान की बैटिंग "बिलॉन्गिंग‑क्लास" तक पहुँच पाए।
यह मैच वाकई दिल को छू लेने वाला था! हर बार जब हारिस ने छक्का मारते हुए ऊर्जा की लहरें भेजी, तो पूरी स्टेडियम में उत्साह की लहर दौड़ गई। यही भावना हमें टीम के साथ खड़े होने की प्रेरणा देती है, चाहे सामने कोई भी विरोधी हो।
बिल्कुल सही बात, टीम की ऊर्जा इस जीत में चमकी।
हारिस की पारी देख कर पता चलता है कि अगर दिल में आँधियों को जला दिया जाए तो कोई भी लक्ष्य अजेय नहीं रहता, और ओमान के बैटर तो बस धुएँ में छिप गए।
आगे की पिच पर बॉलिंग के फील्ड प्लेसमेंट को थोड़ा और वैरिएशन देना चाहिए, ताकि ओमान जैसे टीम के बैटर को सटीक मारने में मदद मिले।
अरे भाई, फील्ड की सेटिंग तो ठीक है, लेकिन गेंदबाज़ों को थोड़ा और डराना चाहिए, नहीं तो ओमान की बैटिंग फिर से चमक उठेगी।
इस जीत ने पाकिस्तान को एशिया कप में एक दृढ़ और अभिमुखी शुरुआत प्रदान की है, और हमें आगे भी इसी प्रकार के उत्साह के साथ खेलना चाहिए।