इंडिया मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने इस सप्ताह गुजरात में दोबारा मॉनसून की लहर को दर्ज किया है। अधिकांश जिलों में गुजरात बारिश के कारण ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि कुछ क्षेत्रों में हल्की‑मध्यम बारिश के लिये येलो अलर्ट लागू है। ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों में अहमदाबाद, राजकोट, गुजरनागर, पाटण, मेहसाणा और कई अन्य 26 जिले शामिल हैं, जहाँ तेज़ बारिश के साथ गरज‑बिजली की संभावना सामने आई है।
भवनगर, अमरेली, जूनेगढ़ और गिर‑सोमनाथ जैसे जिलों में केवल हल्की‑मध्यम बारिश की आशा है, फिर भी इन क्षेत्रों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मॉनसून की इस प्रवाह को आकर्षित करने वाला मुख्य कारण पश्चिमी महाराष्ट्र और विदर्भ में स्थित एक स्पष्ट लो‑प्रेशर एरिया है, जो लगातार घनी बादल जाली बनाकर गुजरात में जलवायु को ठंडा रख रहा है।
बारिश के प्रभाव को लेकर खेती पर असर, जलव्यवस्थापन, ट्रैफिक जाम और बिजली कटौती जैसी समस्याओं की आशंका बढ़ी है। विशेषकर फसल कटाई के समय में किसानों को अतिरिक्त जल की आवश्यकता होगी, जबकि तेज़ बवंडर से फसलों को नुकसान पहुँचने का खतरा भी मौजूद है। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत टीमों को तैनात करने, जल निकासी के लिये अतिरिक्त पंप लगाने और इमरजेंसी मेडिकल इकाइयों को तैयार रखने का आदेश दिया है।
वर्तमान में सरदार सरोवर डैम की जलस्तर 85% पर पहुंच चुका है, जिससे राज्य के जल सुरक्षा पर सकारात्मक असर पड़ा है। इसके अतिरिक्त, गुजरात के 206 प्रमुख जलस्रोतों में औसत जलभण्डार क्षमता 78.5% दर्शा रही है। इनमें से 70 जलधाराओं का स्तर पूरी तरह भरा हुआ है, जबकि 72 जलस्रोत 70% से अधिक क्षमता पर संचालित हो रहे हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि इस वर्ष की मॉनसून बारिश ने जलभण्डार को पर्याप्त रूप से पुनः भर दिया है।
विशेष रूप से, दक्षिण‑गुजरात के वलसद जिले में अत्यधिक बारिश ने जलस्रोतों को भरपूर मात्रा में पानी प्रदान किया है, जबकि कच्छ, कढ़ी और त्रिवेणी क्षेत्रों में भी जलसंचयन की अच्छी स्थिति बनी हुई है। इस कारण से, राज्य के जल प्रबंधन एजेंसियों ने आगामी जल निकासी, कृषि सिंचाई और शहरी जल आपूर्ति के लिये ये आंकड़े आधार बनाकर योजना तैयार की है।
IMD ने बताया कि अगले सात दिनों में स्वच्छ पश्चिमी मॉनसून की वापसी (withdrawal) की संभावना नहीं दिख रही, इसलिए बारिश के प्रभाव को लगातार देखते रहना जरूरी है। वर्तमान में मॉनसून की वापसी की रेखा गुजरात के वरावल से लेकर भरुच तक विस्तृत है, जिससे इस क्षेत्र में अगले कुछ हफ्तों तक बरसात जारी रहने की संभावना है।
ऐसे में, नागरिकों को आवश्यक सावधानी बरतने, जलस्थलीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित रहने, और सरकारी संचार माध्यमों से मिलने वाले अपडेट को नियमित रूप से सुनने की सलाह दी गई है। राज्य की जलभण्डार क्षमता को देखते हुए, यह बारिश न केवल जलसंकट को दूर कर रही है, बल्कि कृषि और उद्योग क्षेत्रों के लिये संभावित लाभ भी लेकर आ रही है।