जब हम बात करते हैं राकेश किशोर, एक भारतीय मीडिया पर्सनालिटी, खेल टिप्पणीकार और सामाजिक कार्यकर्ता. Also known as Rakesh Kishore, वह विभिन्न पदों पर अपनी राय के लिए जाने जाते हैं। उनका काम केवल समाचार नहीं, बल्कि कबड्डी और क्रिकेट जैसे खेलों की तकनीकी गहराई को आम जनता तक पहुँचाना है। साथ ही वे राजनीति के बदलावों को समझाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे सामाजिक चर्चा में नई दिशा मिलती है।
राकेश किशोर की कवरेज की तीन प्रमुख धुरी हैं: खेल विश्लेषण, राजनीतिक टिप्पणी और सांस्कृतिक संवाद। पहले धुरी में उन्होंने प्रो कबड्डी लीग, पीएल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट्स को लाइव‑ब्रेकडाउन दिया, जिससे फैंस को रणनीति समझने में मदद मिली। दूसरा धुरी, राजनीति, में वे चुनाव परिणाम, नीति परिवर्तन और जनता के अधिकारों पर सरल भाषा में व्याख्या करते हैं—यह उनके दर्शकों को जानकारी‑पूर्ण निर्णय लेने की ओर ले जाता है। तीसरी धुरी, संस्कृति, में वे भारतीय उत्सव, भाषाई विविधता और सामाजिक आंदोलन को संबोधित करते हैं, जिससे विभिन्न समुदायों के बीच समझ बढ़ती है। इन तीनों क्षेत्रों का आपसी संबंध राकेश किशोर की सामग्री को एक समग्र दृष्टिकोण देता है: खेल की जीत, राजनीति की दिशा और संस्कृति का स्वर एक ही मंच पर पेश होता है।
नीचे आप विभिन्न लेखों, रिपोर्टों और विश्लेषणों की सूची पाएँगे जो राकेश किशोर की इन तीन धुरियों में गहराई से उतरते हैं। चाहे आप प्रो कबड्डी की फाइनल का विस्तृत सार चाहते हों, या चुनाव के आँकड़ों की ताजगी, या फिर भारतीय सांस्कृतिक प्रवाह की नई लहर—यहाँ सब कुछ एक जगह मिल जाएगा। अब आगे बढ़ते हुए इन रोचक लेखों को पढ़िए और राकेश के विचारों से जुड़िए।
71 वर्षीय सीनियर एडवोकेट राकेश किशोर ने 6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की कोशिश की, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने तुरंत निलंबन दिया, सुरक्षा और धार्मिक संवेदनाओं पर बड़े सवाल उठे।