अगर आप फ्रांस के राजनीति को समझना चाहते हैं, तो सबसे पहले प्रधानमंत्री के काम को जानना ज़रूरी है। प्रधानमंत्री सरकार की दैनिक संचालन, संसद के साथ तालमेल और विभिन्न मंत्रालयों की निगरानी करता है। यह पद राष्ट्रपति के बाद सबसे ताकतवर माना जाता है, क्योंकि प्रधानमंत्री नीति बनाता है और उसे लागू करवाता है।
फ्रांस में प्रधानमंत्री के पास कई जिम्मेदारियां होती हैं। सबसे पहले, वह कोषाध्यक्ष के रूप में बजट तैयार करता है और आर्थिक योजना को आगे बढ़ाता है। दूसरा, वह विदेश मंत्री के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय समझौतों पर चर्चा करता है और फ्रांस की विदेश नीति को दिशा देता है। तीसरा, वह राष्ट्रीय सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रमुख फैसले लेता है और उनका पालन करवाता है। इन सबके साथ, वह राष्ट्रपति के साथ मिलकर राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को तय करता है, जिससे सरकार का कार्य सुचारू रहता है।
पिछले कुछ सालों में फ्रांस के प्रधानमंत्री ने कई बड़ी नीतियों पर काम किया है। ऊर्जा परिवर्तन के लिए नवीनीकृत स्रोतों को बढ़ावा देना, डिजिटल अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना और सामाजिक समानता को सुनिश्चित करने के लिए टैक्स सिस्टम को सुधारना इनमें शामिल हैं। विदेश में, यूरोपीय संघ के भीतर एकजुटता बनाये रखने, जलवायु परिवर्तन से लड़ने और रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए कई समझौते किए गए हैं। इन प्रयासों से फ्रांस की वैश्विक छवि और आर्थिक स्थिति दोनों ही बेहतर हुई हैं।
जब आप फ्रांस की राजनीति को करीब से देखते हैं, तो ये साफ दिखता है कि प्रधानमंत्री का काम सिर्फ देश के अंदर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी बहुत प्रभावी है। उनका प्रत्येक कदम यूरोप और विश्व भर में नीति बनावट को प्रभावित करता है। इसलिए, अगर आप फ्रांस के बारे में कोई खबर या विश्लेषण पढ़ते हैं, तो प्रधानमंत्री की भूमिका को ध्यान में रखकर समझना चाहिए।
समझना आसान है कि फ्रांस जैसे बड़े देश में प्रधानमंत्री का काम कितना जटिल हो सकता है। आर्थिक चुनौतियां, सामाजिक अपेक्षाएं और विदेश में बदलते हुए समीकरण सभी को एक साथ संभालना पड़ता है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री को तेज़ी से निर्णय लेना, टीम वर्क समझना और जनता के साथ संवाद करना आना चाहिए।
अगर आप फ्रांस की वर्तमान राजनीति से अपडेट रहना चाहते हैं, तो नियमित रूप से विश्वसनीय समाचार स्रोतों को फॉलो करें। इस तरह आप प्रधानमंत्री की नई पहल, उनके बयान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके कदमों को तुरंत पकड़ सकते हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 39 वर्षीय सेबास्टियन लेकॉर्नू को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। यह दो साल से भी कम समय में पांचवीं नियुक्ति है। फ्रांसिस बायरू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद उन्हें हटना पड़ा। लेकॉर्नू को नीतिगत गतिरोध, बजट पारित कराने और असंतुष्ट जनता से निपटना होगा, जबकि विपक्ष समझौते के मूड में नहीं दिख रहा।