जब आप IPL की बात करते हैं, तो सिर्फ छक्के और विकेट नहीं, बल्कि IPL कोड ऑफ कंडक्ट, एक ऐसा नियम-आधारित ढांचा है जो खिलाड़ियों, कोचों और टीमों के व्यवहार को नियंत्रित करता है भी देखना ज़रूरी है। यह कोड सिर्फ एक डॉक्यूमेंट नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है जो टूर्नामेंट की पहचान बनाती है। यह बताता है कि एक खिलाड़ी को जीत के लिए कितना आगे बढ़ सकता है, और कहाँ रुकना चाहिए।
BCCI नियम, भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड द्वारा तैयार किए गए नियम, जिनके तहत IPL कोड ऑफ कंडक्ट लागू होता है के साथ-साथ खिलाड़ी व्यवहार, एक खिलाड़ी के चेहरे, बोलचाल और सोशल मीडिया पर उसकी गतिविधियों को दर्शाता है भी इसका हिस्सा है। क्या कोई खिलाड़ी ऑफ फील्ड पर अपने आप को बहुत बड़ा समझता है? क्या कोई कोच अपने खिलाड़ियों को बेवकूफ बनाने के लिए बातें करता है? ये सब इस कोड के तहत आता है। इसका उद्देश्य सिर्फ जीत नहीं, बल्कि जीत का तरीका है।
इस कोड के तहत बनाए गए नियमों ने कई बार टूर्नामेंट की दिशा ही बदल दी है। जब किसी खिलाड़ी को बाहर कर दिया जाता है, तो वह सिर्फ एक खेल का नुकसान नहीं, बल्कि एक संदेश है कि इस लीग में गलत बातें नहीं चलेंगी। यह कोड बाहर से नहीं, बल्कि अंदर से बना है—जब एक खिलाड़ी अपने आप को नियमों के अनुसार रखता है, तो वह अपनी टीम की प्रतिष्ठा बढ़ाता है।
आपके लिए यहाँ दिए गए पोस्ट्स में ऐसे ही मामले मिलेंगे—जहाँ व्यवहार ने खेल को बदल दिया, जहाँ नियमों का पालन नहीं हुआ, और जहाँ एक छोटी सी गलती ने बड़ी चर्चा पैदा कर दी। ये कहानियाँ आपको बताएंगी कि IPL सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक समाज है, जहाँ हर चरण पर नैतिकता की जाँच होती है।
इशांत शर्मा को आईपीएल 2025 में आशुतोष शर्मा के साथ वार्तालाप के लिए नहीं, बल्कि हैदराबाद में गेंदबाजी के खराब प्रदर्शन के लिए 25% फीस जुर्माना लगा। 2015 के टेस्ट विवाद की यादें भी जाग उठीं।