यह टैग उन खबरों के लिए है जहाँ सार्वजनिक पैसे और सत्ता का दुरुपयोग सामने आता है। आप यहाँ स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के घोटालों, जांच रिपोर्टों और रिश्तों में होने वाले संभावित हित-संघर्ष की ताज़ा जानकारी पाएंगे। हमारी कोशिश है कि हर कहानी में तथ्य, स्रोत और असर साफ दिखे ताकि आप समझ सकें कि किस तरह यह मुद्दा आम लोगों को प्रभावित कर रहा है।
ठाकुरगंज नगर पंचायत का सड़क निर्माण मामला सीधे असर दिखाने वाला केस है। रिपोर्ट में बताया गया कि नियम के मुताबिक 8 इंच मोटी सड़क बननी थी, पर सिर्फ 5 इंच की बनी। इससे न सिर्फ खर्च का सवाल उठता है बल्कि सुरक्षा और दीर्घायु पर भी असर पड़ता है। खबर में ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों की मिलीभगत के आरोप हैं और जनता कड़ी जांच की मांग कर रही है।
कुछ खबरों में सत्ता से जुड़े रिश्तों की चर्चा भी आती है, जैसे IPL कवरेज में दिये गए बिंदु — खिलाड़ी के पारिवारिक संबंध और उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों से जुड़ाव पर सवाल उठ सकते हैं। ऐसे मामलों का उद्देश्य रिश्ता बताना नहीं, बल्कि संभावित हित-संघर्ष और पारदर्शिता की कमी पर ध्यान दिलाना है।
भ्रष्टाचार टैग में आप उन खबरों को भी पाएंगे जिनमें मामले अभी जांच के दौर में हैं, शिकायतें दर्ज हुई हैं या समुदाय में आक्रोश दिखा है। हमारे रॉकॉर्डेड पोस्टों में घटनाक्रम, आरोपों का सार और अगली कार्रवाई की संभावित दिशा पर जानकारी मिलती है।
अगर आप किसी घोटाले की सीधी खबर पढ़ रहे हैं तो ये सवाल मददगार होंगे: आरोप किसने लगाए हैं? क्या आधिकारिक जांच शुरू हुई है? सार्वजनिक धन पर कितना असर पड़ा? इन बिंदुओं पर ध्यान दें। फेक सूचनाओं से बचने के लिए आधिकारिक दस्तावेज़ और स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रियाएं देखें।
क्या आप सीधे प्रभावित हैं? स्थानीय प्रतिनिधियों को लिखें, RTI के जरिए जानकारी मांगें या नागरिक समूहों से जुड़कर जनहित याचिका की राह देखें। छोटे कदम—जैसे शिकायत दर्ज कराना या मीडिया-हाउस से संपर्क—भी मामलों को तेज़ी से सतह पर ला सकते हैं।
यह टैग हर रोज़ अपडेट होता है जब नई जानकारी मिलती है। अगर आप किसी रिपोर्ट में सुधार या अतिरिक्त जानकारी चाहते हैं तो कमेंट या हमारे संपादन टीम को ईमेल कर सकते हैं। हम कोशिश करते हैं कि खबरें सरल, पुष्ट और सीधे पाठक तक पहुंचें ताकि भ्रष्टाचार के असर को हर कोई समझे और जवाबदेही मांगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया, जिसे बीजेपी ने 'पीआर स्टंट' कहा। भ्रष्टाचार के मामले में जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल ने वोट के जरिए जनता से अपनी ईमानदारी का प्रमाण मांगा। बीजेपी ने इस कदम को उनकी छवि सुधारने का प्रयास बताया और शासन में खामियों पर सवाल उठाए।