क्या आप खेल में तेज़ सुधार चाहते हैं? बैडमिंटन सिर्फ ताकत नहीं, चाल और सही तकनीक का खेल है। नीचे सरल नियम, अभ्यास के असरदार तरीके और रैकेट/शटल चुनने के छोटे-छोटे सुझाव दिए गए हैं जो तुरंत काम आएंगे।
मैच सामान्यत: तीन गेम तक खेले जाते हैं, हर गेम 21 अंकों का होता है। सर्व करते समय दोनों पैरों में संतुलन रखें और सर्व लाइन या सर्व बॉक्स का ध्यान रखें। हर रैली में जो खिलाड़ी शटल दुबारा जमीन पर गिरने से पहले नेट के पार भेजेगा, वह अंक करेगा। अगर स्कोर 20-20 हो जाए तो 2 अंकों की बढ़त जरूरी होती है; 29-29 के बाद जो भी अगला अंक लेगा वह गेम जितता है।
सिंगल्स और डबल्स की कोर्ट चौड़ाई अलग होती है—सिंगल्स में कोर्ट संकीर्ण रहती है। यह जानना जरूरी है ताकि आप अपनी पोजिशनिंग और सर्व रणनीति ठीक कर सकें।
फुटवर्क सबसे अहम है। जितनी जल्दी आप सही जगह पर पहुंचेंगे, उतना कम थकेंगे और ज्यादा सटीक शॉट खेल पाएंगे। छोटे-छोटे कदम, हमेशा हल्का झुकाव और रैकेट को तैयार रखें—यानी शॉट के लिए रेडी पोज़िशन में रहें।
ग्रिप बदलना सीखें: फोरहैंड और बैकहैंड ग्रिप अलग होते हैं। लंबे रैलियों में स्मार्ट शॉट चुनें—जब विरोधी पीछे हो तो ड्राइव या स्मैश से दबाव बढ़ाएं, और सामने आकर नेटशॉट से तेज़ अंक बनाएं।
रैकेट चुनने के टिप्स: रैकेट का वजन 80-95 ग्राम आमतौर पर सही रहता है। हल्का रैकेट तेज़ हैंडलिंग देता है, भारी रैकेट ज्यादा शक्ति। हेड-लाइट रैकेट से आप जल्दी मूव कर पाएँगे; हेड-हेवी रैकेट से स्मैश ज़्यादा ताकतवर होगा। स्ट्रिंग टेंशन 20–24 lbs शुरुआती और मध्यस्तरीय खिलाड़ियों के लिए सही रहती है।
शटल का चुनाव भी मायने रखता है—नायलॉन शटल अभ्यास के लिए सस्ता और टिकाऊ है, फिर भी टूर्नामेंट में पंख वाला शटल बेहतर गेम अनुभव देता है। कोर्ट पर सही जूते पहनना जरूरी है; साइड-टू-साइड मूवमेंट के लिए ग्रिप बढ़ाने वाले सोल वाले शूज़ चुनें।
प्रैक्टिस रूटीन: रोज़ 30-45 मिनट तकनीक पर और हफ्ते में 2-3 बार फुल-पेस मिक्स स्पारिंग करें। वार्म-अप में स्ट्रेचिंग, कोर्ड स्किप और हल्की जॉगिंग शामिल करें। कूल-डाउन में मैच के बाद खिंचाव और ठंडी वॉक रखें।
भारत का हाल: देश में बैडमिंटन की स्पीड बढ़ रही है। PV सिंधु, लक्ष्या सेन, सैटविक-चिराग जैसी जोड़ी ने फोकस और कोचिंग से बड़े नाम बनाए हैं। लोकल एकेडमी और स्पोर्ट्स कोच छोटे शहरों में भी मिल रहे हैं—अगर आप नियमित कोचिंग लेते हैं तो सुधार जल्दी दिखेगा।
अंत में, खेल को मज़ेदार रखें। हर सत्र में एक क्लियर लक्ष्य रखें—जैसे ‘‘नेट पर लौटने की रफ्तार बढ़ाऊंगा’’ या ‘‘स्मैश की शुद्धता सुधारूंगा’’। छोटे लक्ष्य पूरे होने पर ही बड़ी जीत मिलती है। अब कोर्ट पर जाएँ और अगले मैच में वही ट्रिक्स आज़माएँ।
पेरिस ओलंपिक 2024 के पहले दिन भारत विभिन्न इवेंट्स में मुकाबला करेगा। बैडमिंटन में भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ महिला एकल मुकाबले में शामिल होगा। शूटिंग में 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड टीम और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट्स में भाग लेगा। इसके अलावा टेबल टेनिस में मिक्स्ड डबल्स के राउंड ऑफ 16 में हिस्सा लेगा। हॉकी में भारतीय महिला टीम का पहला मुकाबला न्यूजीलैंड के साथ होगा।