साउथ के सुपरस्टार जूनियर एनटीआर, जाह्नवी कपूर और सैफ अली खान अभिनीत फिल्म 'देवरा पार्ट 1' ने अपने पहले दो दिन के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से समर्थकों और ट्रेड एनालिस्ट्स को असमंजस में डाल दिया है। पहले दिन की बेहतरीन शुरुआत के बाद, दूसरे दिन की कमाई में भारी गिरावट ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
पहले दिन 'देवरा पार्ट 1' ने ₹54 करोड़ की जबरदस्त कमाई की। यह संकेत था कि फिल्म को दर्शकों द्वारा अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। पहले दिन की कमाई से साफ था कि लोगों ने फिल्म में दिलचस्पी दिखाई और सिनेमाघर में फिल्म देखने पहुंचे। यह कमाई फिल्म के निर्माता, निर्देशक और स्टारकास्ट के लिए एक सकारात्मक संकेत था।
लेकिन दूसरे दिन की बात करें तो फिल्म की कमाई में भारी गिरावट आई। दूसरे दिन फिल्म ने केवल ₹16 करोड़ की ही कमाई की, जो कि पहले दिन के मुकाबले बहुत ही कम है। यह गिरावट फिल्म के भविष्य के लिए चिंता का विषय बन गया है। बॉक्स ऑफिस ट्रेंड को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म को अपने दूसरे दिन के प्रदर्शन से दर्शकों का वह प्यार और समर्थन नहीं मिला, जिसकी उम्मीद की जा रही थी।
तेलुगु राज्यों में 'देवरा पार्ट 1' का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। यह जानते हुए कि तेलुगु बाजार फिल्म के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, यहां पर इतना बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं अपेक्षित था। फिल्म निर्माताओं ने उम्मीद की थी कि फिल्म तेलुगु राज्यों में स्थिर रूप से अच्छा प्रदर्शन करेगी, जो फिल्म के समग्र कलेक्शन को अच्छा बनाए रखेगी।
'देवरा पार्ट 1' पांच भाषाओं में रिलीज हुई: तेलुगु, तमिल, हिंदी, मलयालम, और कन्नड़। इसके पैन-इंडिया रिलीज के साथ, उम्मीद की जा रही थी कि फिल्म पूरे देश में धमाका करेगी। हालांकि, तेलुगु राज्यों में दूसरे दिन की कमाई ने इस उम्मीद को झटका दिया है।
हालांकि तेलुगु राज्यों में फिल्म का प्रदर्शन गिरा है, लेकिन वैश्विक स्तर पर फिल्म काफी अच्छा कर रही है। फिल्म की वैश्विक कमाई ने दो दिनों में ₹243 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है और यह दिखाता है कि 'देवरा पार्ट 1' को इंटरनेशनल दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
तेलुगु मूवी बाजार में 'देवरा पार्ट 1' को 'क्लकी 2898 एडी' और 'सालार पार्ट 1 - सीज़फायर' जैसी फिल्मों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है। इन फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन भी 'देवरा पार्ट 1' की कमाई पर प्रभाव डाल सकता है।
फिल्म 'देवरा पार्ट 1' के बॉक्स ऑफिस पर देखा जा रहा उतार-चढ़ाव यह संकेत देता है कि फिल्म के आगे के दिनों का प्रदर्शन महत्वपूर्ण होगा। दर्शकों और समीक्षकों की मिली-जुली प्रतिक्रियाओं ने भी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं किया है। फिल्म की सफलता को लेकर अब सभी की नजरें आने वाले दिनों पर टिकी हैं।
'देवरा पार्ट 1' का यह समय बहुत ही अहम है। यदि फिल्म आने वाले दिनों में अच्छा प्रदर्शन करती है, तो यह जूनियर एनटीआर और फिल्म की पूरी टीम के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है। अन्यथा, फिल्म की कमजोर कमाई फिल्म निर्माताओं के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है।
कुल मिलाकर, 'देवरा पार्ट 1' ने अपने शुरुआती दिनों में मिश्रित कलेक्शन के साथ एक रोमांचक शुरुआत की है। क्या फिल्म आने वाले दिनों में अपने प्रदर्शन को बनाए रख पाएगी या नहीं, यह तो समय ही बताएगा।
देवरा का पहला दिन दिखा रहा था कि तेलुगु दर्शक अभी भी हमारे सुपरस्टार के पीछे क्यों खड़े हैं। लेकिन दूसरे दिन की गिरावट यह साबित करती है कि फिल्म का कंटेंट कमजोर है। हमें चाहिए कि ऐसी फिल्मों को सही समय पर रिलीज़ किया जाए ताकि राष्ट्रीय गहराई का सम्मान हो। अगर बॉक्स ऑफिस नहीं चलता तो इस तरह की महँगी उत्पादन बर्बाद हैं।
कोई नहीं कहता कि ये फिल्म हर दिल को छू लेगी। पर दिख रहा है कि पॉपकॉर्न का बॉक्स भी फिरत नहीं है। कहूँ तो पहले दिन की धूम को हिला देने वाली बातें शायद हवाई लहरों में खो गईं। फिर भी दिल कहता है, यही तो फिल्म का वास्तविक रंग है।
देवरा पार्ट 1 की बॉक्स ऑफिस पर अस्थिरता की जड़ में कई कारण छिपे हैं।
पहले दिन की तेज़ी दर्शकों की उत्सुकता को दिखाती है।
दूसरे दिन की गिरावट दर्शकों की वास्तविक प्रतिक्रिया को उजागर करती है।
फिल्म की कहानी और गति कुछ हिस्सों में दर्शकों की अपेक्षा से कम रही।
साथ ही समान समय पर दो अन्य बड़ी फिल्में रिलीज़ हुईं।
क्लकी 2898 एडी और सालार पार्ट 1 ने स्क्रीन शेयरिंग को कठिन बना दिया।
तेलुगु बाजार में ऐसी प्रतिस्पर्धा हमेशा बॉक्स ऑफिस को प्रभावित करती है।
पैन-इंडिया रिलीज के कारण शुरुआती उत्साह बना रहा पर स्थानीय जुड़ाव घट गया।
भारी मार्केटिंग खर्च ने फिल्म को शुरुआती हिट बनाने में मदद की।
लेकिन स्थायी रखरखाव के लिए कंटेंट की गहराई जरूरी है।
विनिर्माताओं को चाहिए कि वे दूसरा हफ्ता में दर्शकों को फिर से आकर्षित करने के उपाय अपनाएं।
ज्यादा स्क्रीनिंग टाइम्स बदलना और छोटी शहरों में प्रमोशन बढ़ाना एक विकल्प हो सकता है।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर रिलीज़ की रणनीति को भी पुन: विचार करना चाहिए।
यदि ये कदम नहीं उठाए गए तो फिल्म का कुल संग्रह पहले सप्ताह में गिरावट दिखा सकता है।
अंत में, दर्शकों की प्रतिक्रिया को सुनना और उसकी हिसाब से आगे की योजना बनाना ही सफलता की कुंजी होगी।
ओह, क्या बात है! फिल्म का पहला दिन जैसे शतरंज की मोहरे वाली चाल थी, और दूसरा दिन जैसे सारे मोहरे गायब हो गए।, ये बॉक्स ऑफिस एक ताश के पत्ते की तरह बदलता रहता है, देखो तो सही! , जहाँ एक ओर एनटीआर की ताकत दिख रही थी, वहीं दूसरी ओर प्रतियोगी फिल्में धूम मचा रही थीं, समझो जॉईंट‑विंडो की तरह।, अगर नहीं समझे तो अभी भी याद रखो, यह सब एक बड़ी ढाल की तरह है, जो कभी भी उलट सकती है।, अंत में, दर्शक वही सच्चाई देखेंगे, जो फिल्म में निहित है, चाहे वह चमक हो या धँधला।
इस गिरावट के पीछे छिपे राज़ को देखकर दिमाग खराब हो जाता है।