स्टॉक स्प्लिट का मतलब सीधा है: कंपनी अपने एक शेयर को कई हिस्सों में बाँट देती है ताकि हर हिस्से की कीमत कम दिखे। कंपनी का कुल बाजार मूल्य (market cap) नहीं बदलता, बस शेयरों की संख्या बढ़ जाती है और प्रति शेयर कीमत घट जाती है।
मान लीजिए आपके पास 1 शेयर है जिसकी कीमत 1,000 रुपये है। कंपनी 1:5 स्प्लिट कर देती है तो आपके पास अब 5 शेयर्स होंगे और हर शेयर की कीमत लगभग 200 रुपये होगी। कुल कीमत वही 1,000 रुपये रहती है। इसके तरीके आगे-पीछे दोनों होते हैं: सामान्य स्प्लिट (forward split) और रिवर्स स्प्लिट जहां कई शेयर्स मिलाकर एक बड़ा शेयर बना दिया जाता है।
कंपनी स्प्लिट कब करती है? अक्सर तब जब शेयर की कीमत बहुत ऊँची हो और कंपनी चाहती है कि रिटेल निवेशक आसानी से शेयर्स खरीद सकें। कभी-कभी स्प्लिट से ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ता है और शेयर अधिक तरल बनते हैं। रिवर्स स्प्लिट तब होता है जब कंपनी कुल शेयर घटाकर प्रति शेयर कीमत बढ़ाना चाहती है, खासकर जब स्टॉक बहुत कम कीमत पर ट्रेड कर रहा हो।
स्प्लिट के बाद भाव में तुरंत बड़ा फायदा जरूरी नहीं। स्प्लिट खुद में मूल्य नहीं जोड़ता, पर बाजार का सेंटिमेंट बदल सकता है। अगर कंपनी के मूल बिजनेस मजबूत हैं, तो स्प्लिट के बाद सामान्य निवेशक खरीदारी बढ़ा सकते हैं और दीर्घकालीन धारकों के लिए यह अच्छा मौका बन सकता है।
चेकलिस्ट — स्प्लिट की घोषणा पर क्या देखें: स्प्लिट का अनुपात (ratio), रिकॉर्ड/रजिस्टर होने की तारीख, कंपनी का तर्क (क्यों स्प्लिट किया), क्या कंपनियों के फंडामेंटल मजबूत हैं, और क्या स्प्लिट के साथ कोई बोनस या राइट्स इश्यू नहीं जुड़ा हुआ।
टैक्स और करेंसी पहलू: भारत में आम तौर पर स्टॉक स्प्लिट पर कर नहीं लगता क्योंकि आप कुछ नहीं बेचते। आपके कुल निवेश का मूल्य वही रहता है; केवल प्रति शेयर कीमत और संख्या बदलती है। निवेश के लिए खरीद की तारीख वही रहती है और कैपिटल गेन्स तब लागू होंगे जब आप शेयर बेचेंगे। फिर भी अपने टैक्स अडवाइजर से सलाह लेना अच्छा रहता है।
एक छोटा उदाहरण व्यवहारिक बनावट दिखाता है: मान लीजिए आपने पहले 100 शेयर 500 रु में खरीदे (कुल 50,000 रु)। कंपनी 1:2 स्प्लिट करे तो आपके पास 200 शेयर होंगे और लागत प्रति शेयर 250 रु हो जाएगी। जब आप बेचेंगे तभी आपका वास्तविक लाभ-हानि तय होगी।
आखिर में, स्प्लिट का फैसला कंपनी की रणनीति और मार्केट पर निर्भर करता है। निवेशक को सिर्फ घोषणाओं पर उछलने की बजाय कंपनी के बड़े फंडामेंटल और दीर्घकालिक योजना पर ध्यान देना चाहिए।
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प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी Nvidia ने 10 गुणा 1 स्टॉक स्प्लिट की घोषणा की है। इस निर्णय से कंपनी के शेयर और अधिक निवेशकों के लिए सुलभ हो जाएंगे, जिससे मांग बढ़ने और शेयर मूल्य में वृद्धि होने की संभावना है। यह कदम Nvidia की हाल की सफलता और बाजार प्रभुत्व का लाभ उठाने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है।