आंध्र प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनावों का परिणाम सचमुच ऐतिहासिक और अभूतपूर्व रहा। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जन सेना पार्टी (जेएसपी) गठबंधन ने भारी बहुमत से जीत दर्ज कराई है। इस गठबंधन ने कुल 25 सीटों में से 21 सीटों पर विजय हासिल की है। 16 सीटें टीडीपी को मिलीं, तीन सीटें भाजपा को और दो सीटें जेएसपी को हासिल हुईं। इसके विपरीत, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) महज चार सीटों पर ही सिमट गई।
लोकसभा चुनावों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी हुए। इन चुनावों में भी टीडीपी-भाजपा-जेएसपी गठबंधन ने दमदार प्रदर्शन किया। टीडीपी ने यहां 175 सीटों में से 135 सीटें जीतीं, जबकि जेएसपी को 21 और भाजपा को 8 सीटें मिलीं। दूसरी ओर, वाईएसआरसीपी केवल 11 सीटों पर ही सिमट गई। यह परिणाम 2019 के चुनावों के परिणामों से बिल्कुल उलट हैं, जब वाईएसआरसीपी ने 22 सीटें जीती थीं और टीडीपी मात्र तीन सीटों पर संतोष करना पड़ा था।
इस बार के चुनाव परिणामों ने आंध्र प्रदेश की राजनीतिक स्थिति को हिला कर रख दिया है। 2019 में टीडीपी और भाजपा के संबंधों में दरार आ गई थी, जिसके बाद भाजपा का वोट प्रतिशत 7.18% से घटकर 0.96% पर आ गया था। इसका असर चुनाव परिणामों पर पड़ा और टीडीपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 2024 के चुनावों में इसी गठबंधन ने नया इतिहास रच दिया है।
आंध्र प्रदेश में इस बार के चुनावों में रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ है। 13 मई को एक ही चरण में हुए लोकसभा चुनाव में प्रदेश के मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार का मतदान प्रतिशत पिछले चुनावों की तुलना में काफी उच्च था, जिससे भी चुनाव परिणामों पर सीधा असर पड़ा है।
गठबंधन की अभूतपूर्व जीत का एक प्रमुख कारण उनका अच्छे शासन का वादा माना जा रहा है। टीडीपी, भाजपा, और जेएसपी ने मतदाताओं को बेहतर प्रशासन का भरोसा दिलाया, जिसका सीधा असर उनके वोट शेयर और संभ्द्व क्षेत्रों में उनकी जीत पर पड़ा।
इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण कारण एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर भी रहा। लोगों में मौजूदा सरकार के प्रति असंतोष का माहौल बना हुआ था, जोकीं चुनाव परिणामों में साफ झलक रहा है। टीडीपी गठबंधन ने इस असंतोष का फायदा उठाया और मतदाताओं का विश्वास जीतने में सफल रहा।
इस बार के चुनावों में महिलाओं और युवा मतदाताओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टीडीपी, भाजपा, और जेएसपी गठबंधन ने महिलाओं और युवाओं को आकर्षित करने के लिए कई योजनाओं और वादों को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया, जिसका सीधा असर उनके वोट बैंक पर देखा गया।
अब जब गठबंधन ने चुनाव जीत कर सत्ता हासिल कर ली है, तो उनके लिए चुनौतियों का एक नया सिरा शुरू होता है। अच्छे शासन और वादों को पूरा करना उनके लिए प्राथमिकता होगी। साथ ही, विपक्ष के मजबूत हमलों का मुकाबला करते हुए उन्हें सत्ता में बने रहना महत्वपूर्ण होगा।
आंध्र प्रदेश के 2024 लोकसभा चुनावों के परिणाम शुद्ध रुप से टीडीपी-भाजपा-जेएसपी गठबंधन की अभूतपूर्व रणनीति का नतीजा हैं। यह परिणाम राज्य की राजनीति में एक नये युग की शुरुआत कर सकते हैं।
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